डिजिटल हाउस अरेस्टिंग स्कैम करने वाले 4 शातिर साइबर अपराधी गिरफ्तार, उनके कब्जे से भारी मात्रा मे मोबाइल, बैंक खाते, सिमकार्ड, एटीएम कार्ड व नकदी बरामद
वाराणसी। दिनाक 23.10.2024 को विशाल सिंह पुत्र अजय सिंह निवासी सिंहापुर हरहुआ थाना बडागांव कमि0 वाराणसी द्वारा थाना साइबर क्राइम वाराणसी पर लिखित सूचना दिया गया कि साइबर अपराधियों द्वारा उनको बिजनेस/इन्वेस्टमेंट का फर्जी झांसा देकर उनका विभिन्न बैंको मे खाता खुलवा लिया गया है जिसमे भारी मात्रा मे Transactions हो रहे है और वह बैंक खाते पुलिस द्वारा फ्रीज भी करा दिया गया है। उक्त सूचना पर थाना साइबर क्राइम पर मु0अ0सं0 110/2024 धारा 318(4), 61(2) बीएनएस तथा 66सी आई0टी0 एक्ट पंजीकृत किया गया जिसकी विवचेना निरीक्षक विजय नारायण मिश्र द्वारा की जा रही है।
उक्त प्रकरण के दृष्टिगत मोहित अग्रवाल पुलिस आयुक्त वाराणसी, प्रमोद कुमार पुलिस उपायुक्त अपराध वाराणसी के निर्देशन मे तथा श्रुति श्रीवास्तव अपर पुलिस उपायुक्त अपराध वाराणसी व गौरव कुमार सहायक पुलिस आयुक्त अपराध वाराणसी के नेतृत्व मे एक टीम का गठन किया गया जिसको उक्त घटना का सफल अनावरण हेतु निर्देशित किया गया। उक्त के क्रम मे तमामी विवेचना, इलेक्ट्रानिक सर्विलांस, डिजिटल फूटप्रिंट व जमीनी सर्विलांस आदि का इस्तेमाल करते हुए बैंक खाता ब्रोकर गैंग के अन्तर्राष्ट्रीय सरगना सहित वाराणसी से 04 शातिर साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है जिसके कब्जे से भारी मात्रा मे मोबाइल, एटीएम कार्ड, सिमकार्ड, पासबुक, तथा नकदी आदि बरामद की गयी है।
अपराध करने का तरीका-
उपरोक्त गैंग मे सम्मिलित साइबर अपराधियों द्वारा डिजिटल हाउस अरेस्टिंग गैंग, इन्वेस्टमेंट स्कैम गैंग के दुबई मे बैठे सरगनो से मीटिंग कर हाई लिमिट वाले बैंक खाते, इन्टरनेशनल एक्टिव एटीएम कार्ड, खातों मे पंजीकृत सिमकार्ड आदि उपलब्ध कराने की डीलिंग होती है जिसके लिए इनको इनमे आने वाले पैसों का 30 प्रतिशत मिलता है। इसके बाद इनके द्वारा भारत के विभिन्न राज्यो व शहरो मे अपना सिंडिकेट बनाया जाता है जिनके माध्यम से स्थानीय लोगो को बिजनेस/इन्वेस्टमेंट स्कैम आदि का झांसा देकर अवैध तरीके से विभिन्न बैंको मे बैंक खाते खुलवाये जाते है। फिर उन खातों मे इन्टरनेट बैंकिग सेट कर तथा डेबिट कार्ड को इन्टरनेशनल एक्टिव कर व उसकी लिमिट बढाकर दुबई भेज दिया जाता है। फिर दुबई मे बैठे साइबर अपराधियों द्वारा आम जनमानस के साथ डिजिटल स अरेस्टिंग तथा इन्वेस्टमेंट स्कैम जैसे अपराध कारित कर पैसे मंगाये जाते है। आगे उन पैसों क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से कर यह लोग पैसा अपने निजी बैंक खातों मे प्राप्त कर लेते है। लिए इनको उन खातों मे आये साइबर अपराध के पैसे का 30 प्रतिशत हिस्सा प्राप्त होता है जि.. लोग आपस में बांट लेते है।