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Varanasi News: वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यासजी तहखाने में पूजा- अर्चना शुरू करने का मिला अधिकार

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Varanasi News: वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यासजी तहखाने में पूजा- अर्चना शुरू करने का मिला अधिकार

वाराणसी जिला कोर्ट के जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने बुधवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया। उन्होंने अपने फैसले में व्यासजी तहखाने में दिसंबर 1993 से बंद पूजा को एक बार फिर शुरू करने का आदेश दिया।

कोर्ट का आदेश आते ही विश्व हिंदू परिषद की ओर से इस फैसले पर खुशी जताई गई। हिंदू पक्ष की ओर से फैसले को भावनाओं के अनुरूप करार दिया गया। वहीं, ज्ञानवापी मस्जिद की अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद ने इस फैसले पर निराशा जताई है।

विश्व हिंदू परिषद ने बुधवार को ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में एक पुजारी को देवताओं की पूजा करने की अनुमति देने के वाराणसी अदालत के फैसले का स्वागत किया। वहीं, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद (एआईएम) के संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने कहा कि अब हमें इंसाफ की उम्मीद नहीं रही। इस आदेश के बाद हमने न्याय की उम्मीद खो दी है। एआईएम के वकील अखलाक अहमद ने कहा कि जिला जज के आदेश को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।

कोर्ट के फैसले के बाद वीएचपी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि काशी की जिला अदालत ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। हमें खुशी है कि अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता और काशी विश्वनाथ मिलकर वहां नियमित 'पूजा- अर्चना' सुनिश्चित करने के लिए एक पुजारी नियुक्त कर सकते हैं। यह 31 साल बाद ऐसा हुआ है। आलोक कुमार ने यह बात वाराणसी जिला अदालत की ओर से सोमनाथ व्यास के पोते को ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने में हिंदू देवी- देवताओं की पूजा करने का अधिकार दिए जाने के बाद कही।

व्यास परिवार 1993 तक वहां पूजा करते थे, जब अधिकारियों ने तहखाने को बंद कर दिया था। आलोक कुमार ने अदालत के फैसले पर हिंदू समुदाय को बधाई देते हुए कहा कि हमें उम्मीद है कि इसके बाद ज्ञानवापी मामले पर भी अदालत का फैसला जल्द आएगा।

हमें विश्वास है कि सबूतों और तथ्यों के आधार पर फैसला हिंदुओं के पक्ष में आएगा। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने अदालत के फैसले पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि यह मामला अदालत में है। हमें ऐसे मामलों पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।

एआईएम के वकील अहमद ने कहा कि याचिकाकर्ता की याचिका की विचारणीयता को चुनौती देने वाली उनकी आपत्ति को नजरअंदाज कर दिया गया है। हालांकि, कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 8 फरवरी की तारीख तय की है। कोर्ट के फैसले के बाद प्रशासन की टीम ने मिलकर पूजा की थी।

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