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UP Teachers Digital Attendance: योगी सरकार का बड़ा फैसला, टीचरों की डिजिटल अटेंडेंस पर लगी रोक

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Teachers Digital Attendance: यूपी में डिजिटल अटेंडेंस को लेकर सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने बड़ा फैसला लिया है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने गवर्नमेंट टीचरों के डिजिटल अटेंडेंस पर रोक लगा दी है। यूपी सरकार के ये बड़ा फैसला मंगलवार को आया है, डिजिटल अटेंडेंस को लेकर शिक्षक संगठन की ओर से लगातार किए जा रहे विरोध को देखते हुए बेसिक शिक्षा विभाग को इस फैसले पर दो महीने के लिए रोक लगा दी गई। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की शिक्षक संघ के साथ बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया।

 

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी द्वारा दिए गए आदेश के अनुसार, इस मुद्दे के समाधान के लिए एक समिति बनाई जाएगी और समिति की समीक्षा के बाद ही आगे कोई भी निर्णय लिया जाएगा। सरकार की ओर से डिजिटल अटेंडेंस को शैक्षणिक गुणवत्ता से जोड़कर देखा जा रहा था, लेकिन शिक्षण संगठन सरकार के इस फैसले से नाराज था। अब इस मामले को लेकर जारी विवाद का हल निकालने के लिए डिजिटल हाजिरी पर दो महीने के लिए रोक लगाई गई है।

 

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी द्वारा दिए गए आदेश के अनुसार, इस मुद्दे के समाधान के लिए एक समिति बनाई जाएगी और समिति की समीक्षा के बाद ही आगे कोई भी निर्णय लिया जाएगा। 15 जुलाई को सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी डीएम को शिक्षक संघों और बेसिक शिक्षा अधिकारी से ज्ञापन लेकर शासन को भेजने का आदेश दिया था। ताकि, उनकी समस्याओं का समाधान किया जा सके।

क्या है शिक्षकों की मांगें

  1. ऑनलाइन डिजिटल उपस्थित शिक्षकों की सेवा के परिस्थिति के दृष्टिगत नियमों व सेवा शर्तों के विपरीत है, इसे तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए।
  2. सभी परिषदीय शिक्षकों को अन्य कर्मचारियों की तरह 30 अर्जित अवकाश, 15 हाफ-डे अवकाश, 15 आकस्मिक अवकाश, अवकाश में बुलाए जाने पर प्रतिकर अवकाश प्रदान किया जाए।
  3. सभी शिक्षकों, कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल की जाए।
  4. सभी विद्यालयों में प्रधानाध्यापक का पद बहाल करते हुए पदोन्नति की प्रक्रिया को पूर्ण किया जाए।
  5. शिक्षामित्र, अनुदेशक जो वर्षों से विभाग में काम कर रहे हैं, उन्हें नियमित किया जाए।
  6. आरटीई एक्ट 2009 व राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आलोक में समस्त गैर शैक्षणिक कार्यों से शिक्षकों को मुक्त किया जाए।
  7. प्रदेश के समस्त शिक्षकों, शिक्षामित्र अनुदेशकों को सामूहिक बीमा, कैशलेस चिकित्सा आदि से अच्छादित किया जाए।

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