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वाराणसी के सारनाथ मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर में 19 नवंबर को होगा गौतम बुद्ध का अस्थि दर्शन

वाराणसी के सारनाथ मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर में 19 नवंबर को होगा गौतम बुद्ध का अस्थि दर्शन

वाराणसी। सारनाथ स्थित महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया के तत्वावधान में आयोजित मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर का 90 वां वार्षिकोत्सव के मौके पर आज शुक्रवार को मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर में भगवान बुद्ध की पवित्र अस्थि अवशेष के दर्शन बौद्ध अनुयायी करेंगे।

बिजली के रंगीन झालरों, फूल माला, व पंचशील झंडों से सजे मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर में सोसाइटी के संयुक्त सचिव भिक्षु सुमित्ता नन्द थेरो व डॉक्‍टर के मेधानकर थेरो के नेतृत्व में आज सुबह 8 बजे से अवशेष दर्शन के लिये बौद्ध अनुयायियों ने कतार बध होकर दर्शन किए । जो 11.30 बजे तक चला । अपराह्न 11 बजे भिक्षुओं को संघदान किया गया। इस दौरान स्थानीय थाई बौद्ध मंदिर, वियतनामी , कम्बोडिया, जम्बूद्वीप, वर्मा, जापानी, तिब्बती बौद्ध मठ के बौद्ध भिक्षु शामिल थे।

सोसायटी के सयुक सचिव भिक्षु सुमित्ता नन्द थेरो ने बताया कि मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर के सस्थापक स्व. अनागरिक धर्मपाल ने अस्थि अवशेष लेन के लिये काफी मेहनत किए इनकी मेहनत को देखते हुए तत्कालीन ब्रिटिश गर्वनर ने धर्मपाल जी को मन्दिर बनाने के आश्वासन पर अस्थि पात्र प्रदान किया।धर्मपाल जी ने सारनाथ में 1928 से 31 तक मन्दिर का निर्माण कराया । और उस अस्थि पात्र को मन्दिर के नीचे बने तहखाने में रखा है । यह अस्थि अवशेष वर्ष 1913 व 14 में पुरातत्व विद सर जॉन्स मार्शल को तक्षशिला में स्थापित धर्मराजिका स्तूप की खोदाई के दौरान मिला था । इस बुद्ध अस्थि का कार्तिक पूर्णिमा में काफी महत्व है ।

सारनाथ स्थित बोधि वृक्ष के समीप महापरित्राण देशना पाठ के साथ वार्षिक महोत्सव शुरू हो गया। मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर में तथागत की प्रतिमा के समक्ष बौद्ध भिक्षुओं ने विश्व शांति व मंगल कामना के लिए पूजा-अर्चना की। शाम को मूलगन्ध कुटी बौद्ध मंदिर परिसर में दीप प्रज्ज्वलित किए गए।

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महाबोधि सोसायटी ऑफ इंडिया के संयुक्त सचिव व मूलगंध कुटी विहार के विहाराधिपति भिक्षु आर सुमितानंद थेरो ने महाबोधि इंटर कॉलेज में पत्रकारवार्ता में बताया कि विहार के 90वें वार्षिकोत्सव पर 19 नवंबर को भगवान बुद्ध के पवित्र अस्थि अवशेष दर्शन होंगे। इसके पहले इनका पारंपरिक पूजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 18 नवंबर को कठिन चीवर पूजा व महासंघ दान होगा। पालि व बौद्ध धर्म पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। महाबोधि विद्यालय समूह के 88वें वार्षिकोत्सव पर 19 नवंबर को दिन में दो बजे धर्म महासभा होगी। इसके बाद भगवान बुद्ध के जीवन पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा। कॉलेज के नवीन शिक्षण ब्लॉक का उद्घाटन किया जाएगा।

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