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माध्यमिक शिक्षक संघ ने शिक्षकों के अधिकारों के लिए दिया धरना, पुरानी पेंशन बहाली की मांग

माध्यमिक शिक्षक संघ ने शिक्षकों के अधिकारों के लिए दिया धरना, पुरानी पेंशन बहाली की मांग

वाराणसी। 4 अक्टूबर 2024 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (शर्मा गुट) के नेतृत्व में शिक्षकों ने अपनी 24 सूत्रीय मांगों के समर्थन में धरना दिया। यह धरना प्रदेश भर में चल रहे धरना कार्यक्रमों के हिस्से के रूप में आयोजित किया गया, जिसमें प्रमुख रूप से पुरानी पेंशन योजना की बहाली, शिक्षकों की सेवा शर्तों में संशोधन, और वित्तविहीन शिक्षकों को समान वेतन की मांग की गई।

धरने का आयोजन और नेतृत्व

धरने की अध्यक्षता मंडलीय अध्यक्ष विजय प्रताप सिंह ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में सुरेश कुमार त्रिपाठी (पूर्व एमएलसी और प्रदेश अध्यक्ष) ने भाग लिया। धरने में शिक्षकों ने सरकार की ओर से माध्यमिक शिक्षकों की समस्याओं और उनकी मांगों की उपेक्षा पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। श्री त्रिपाठी ने पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को बहाल करने की जोरदार मांग उठाई। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के लिए सेवा शर्तें, जिनमें उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की धारा 12, 18 और 21 शामिल हैं, को नई शिक्षा अधिनियम 2023 में जोड़ा जाना चाहिए। 

प्रमुख मुद्दे और मांगे

प्रदेश अध्यक्ष ने शिक्षकों की कई समस्याओं को उजागर किया। उन्होंने विशेष रूप से तदर्थ शिक्षकों के नियमितिकरण की मांग की, जिनकी नियुक्ति 2000 से पहले की गई थी। इसके अलावा, वित्तविहीन शिक्षकों के लिए समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग भी जोर-शोर से उठाई गई। धरने के दौरान अन्य वक्ताओं ने भी शिक्षकों की चिकित्सा सुविधाओं की बहाली और सरकार की नीतियों की आलोचना की।

वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. प्रमोद कुमार मिश्र ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षक समुदाय किसी भी हाल में नई पेंशन योजना (एनपीएस) को स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने सरकार पर शिक्षकों के प्रति असंवेदनशील होने का आरोप लगाया और कहा कि पुरानी पेंशन योजना की बहाली ही शिक्षकों के अधिकारों की रक्षा कर सकती है।

अन्य वक्ताओं के विचार

धरने में महामंत्री नरेंद्र वर्मा, पूर्व महामंत्री इंद्रासन सिंह, और अन्य कई नेताओं ने भी संबोधन किया। हाजी दीवान साहेब ज़मां खां महासचिव, टीचर्स एसोसिएशन मदारिसे अरबिया ने कहा कि शिक्षक समाज को अपने अधिकारों के लिए एकजुट होकर संघर्ष करना होगा। उपाध्यक्ष डॉ. देव भास्कर तिवारी ने कहा कि शिक्षकों की समस्याओं को अनदेखा करना सरकार की नीतियों में बड़ी खामी को दर्शाता है।

धरना कार्यक्रम का समापन

धरना शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ, जिसके बाद शिक्षकों ने मुख्यमंत्री को संबोधित 24 सूत्रीय ज्ञापन संयुक्त शिक्षा निदेशक को सौंपा। ज्ञापन में पुरानी पेंशन बहाली, शिक्षकों की सेवा शर्तों में सुधार, और वित्तविहीन शिक्षकों को समान वेतन जैसी महत्वपूर्ण मांगों को प्रमुखता दी गई। 

वाराणसी मंडल के विभिन्न जिलों से आए शिक्षकों और शिक्षिकाओं ने इस धरने में भाग लिया और अपनी एकजुटता दिखाई।

 

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