×

अब तीसरी आंख की नजर में होगी पूरी काशी, जाम से मिलेगी निजात और अपराधियों पर कसेगा शिकंजा

स्मार्ट सिटी योजना
अब तीसरी आंख की नजर में होगी पूरी काशी, जाम से मिलेगी निजात और अपराधियों पर कसेगा शिकंजा

वाराणसी | प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में विकास की गति दिन प्रतिदिन तेज़ होती जा रही है। शहर बनारस में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के द्वारा बनाया गया सेन्ट्रल कमांड सेंटर अपने आप में नायाब व्यवस्था है। यहाँ 24 घंटे पूरे शहर में लगे 400 सीसीटीवी कैमरों से शहर पर नज़र रखने के साथ ही साथ ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों का चालान भी किया जाता है। 

अपराधियों की रोकथाम, कूड़े का उठान और ट्रैफिक नियम का पालन सब इसी कमांड सेंटर से किया जाता है। जल्द ही इस कमांड सेंटर से शहर में अपराध करके भागने वाले अपराधी भी डिटेक्ट किये जा सकेंगे। इसके लिए कमांड सेंटर द्वारा शहर में 2000 उन्नत क़िस्म के कैमरे लगाए जाएंगे। शहर में सेंट्रल कमांड सेंटर कैसे स्वच्छता और ट्रैफिक के लिए काम करता है। इस सम्बन्ध में हमने बात की स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के आईटी मैनेजर राहुल तिवारी से। 

कूड़ा न उठने की शिकायत पर तुरंत होती है कार्रवाई 

स्वच्छता अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक सपना है।  हमें अक्सर शिकायत मिलती थी की कूड़ा बीच सड़कों पर पड़ा है कोई कलेक्ट करने वाला नहीं है। सेन्ट्रल कमांड सेण्टर बनने के बाद से उसे सिस्टमैटिक वे में किया गया है। राहुल तिवारी ने बताया कि सभी 90 वार्ड में 90 व्हीक्लस कूड़ा उठाने के लिए लगे हैं और हर वार्ड में सुपरवाइज़र इसके लिए नियुक्त हैं, जितने कूड़ेदान हैं सबपर टैग लगे हुए हैं कि प्रॉपर कूड़ा कलेक्ट हो रहा है या नहीं। अक्सर हमें लोग फोन करते हैं कि कूड़ा कलेक्ट नहीं हुआ है। इसपर हम तुरंत कार्रवाई करते हुए वहां से कूड़ा उठवाते हैं। सारा कूड़ा हमारे 600 मीट्रिक टन क्षमता के करसड़ा डम्पिंग ग्राउंड भेजा जाता है। 

https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-2953008738960898" crossorigin="anonymous">

GPS सिस्टम से ट्रैक होती हैं कूड़ा गाड़ियां

जब पूछा गया कि आखिर गाड़ियों की ट्रेकिंग किस सिस्टम से की जाती है तो उन्होंने बताया कि हमारी सारी गाड़ियों में जीपीएस सिस्टम लगा हुआ है। इसके अलावा हर वार्ड के लिए एक गाड़ी नियुक्त है। गाड़ी जब कूड़ेखाने पर पहुंचती है तो पहले भरे हुए बीन की फोटो खींचती है। उसके बाद खाली बीन की फोटो खींचती है। यदि कोई गाड़ी अपने गंतव्य पर नहीं पहुँचती तो उसे हम आसानी से ट्रैक कर रसकते हैं। 

ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले आसानी से होते हैं डिटेक्ट

राहुल तिवारी ने सिक्योरिटी और शहर में बेतरतीब गाड़ियां चलाने और सिग्नल तोड़ने वाले और मोटर वाहन अधिनियम का उल्लंघन करने वाले लोगों के चालान के सम्बन्ध में बताया कि बनारस में जाम की समस्या बहुत विकट है क्योंकि कंजेस्टेड सिटी है। इसके लिए हमने सभी जंक्शन पर एनवीआर कैमरे लगा रखे हैं। उसके साथ ही सर्विलांस सिस्टम भी लगा है। राहुल तिवारी ने बताया कि अगर कोई इंसिडेंट होता है तो वह उसमे कैप्चर होता और हमारी मॉनिटर टीम जो की पुलिस विभाग की है और वो दिन रात इसे ट्रैक करते हैं। वो इसपर रिएक्ट करते हैं और वहां ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मियों को इस बाबत जानकारी देते हैं। 

कमांड सेंटर से ही चेक हो जाती है सड़क पर वाहनों की सभी गलतियां 

इसके अलावा ऑटोमैटिक स्पीड चेक सिस्टम है। उसके अलावा ऑटोमैटिक नंबर प्लेट डिटेक्शन सिस्टम है।  रॉंग वे डिटेक्शन सिस्टम है। ये सभी हमारे आईटीएमएस सिस्टम में आती है। इसके अलावा पहले देखा गया है कि रेड लाइट पर लोग ज़ेब्रा क्रासिंग पार करके वाहन खड़ा करते थे। इन सब चीज़ों को ज़यादा अपग्रेडेशन मिला है सर्विलांस सिस्टम की वजह से। उन्होंने बताया कि हम इसे और अपग्रेड कर रहे हैं। 

आने वाले समय में 2 हज़ार विश्वस्तरीय कैमरों से लैस होगा शहर 

जल्द ही एडवांस सर्विलांस सिस्टम लेकर आ रहे हैं। ये एनपीआर कैमरा हैं। इसके अलावा हम सर्विलांस सिस्टम को और भी मज़बूत कर रहे हैं। ताकि लोगों की सेफ्टी हम कर सकें। अभी हमारे यहाँ 400 कैमरे लगे हैं। आने वाले दिनों में हम 2000 प्लस कैमरे शहर में जगाने जा रहे हैं। ये कैमरा पूरे शहर को कवर करेगा। 

भेजेगा नोटीफिकेशन 

एनपीआर कैमरे वायलेशन के हिसाब से आटोमैटिक डिटेक्ट करते हैं। ये कैमरा हमारे कमांड सेंटर को लगातार उस सम्बन्ध में नोटीफिकेशन भेजता है। इसी के हिसाब से एक मैसेज नोटीफिकेशन भेजता है और उन्हें वर्बली भी बताया जाता है। उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी पर चालान नहीं जमा होता ये पुलिस का काम होता है और यदि किसी का चालान होता है तो वो जाकर यातायात पुलिस लाइन में जमा करें या अब जनरेट होने वाले लिंक पर भी जाकर आप ऑनलाइन चालान जमा कर सकते हैं।

Share this story