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UP News: वाराणसी समेत यूपी के इन 11 जिलों को ग्रोथ हब के रूप में विकसित करेगा नीति आयोग, यह होगा लाभ वाराणसी की तो निकल पड़ी

UP News: पायलट प्रोजेक्ट के रूप में वाराणसी सहित चार मंडलों के 11 जिलों को ग्रोथ हब के रूप में विकसित करने की योजना है। नीति आयोग की वरिष्ठ सलाहकार अन्ना राय की अगुआई में मंगलवार को हुई बैठक में यह फैसला किया गया।

UP News: पायलट प्रोजेक्ट के रूप में वाराणसी सहित चार मंडलों के 11 जिलों को ग्रोथ हब के रूप में विकसित करने की योजना है। नीति आयोग की वरिष्ठ सलाहकार अन्ना राय की अगुआई में मंगलवार को हुई बैठक में यह फैसला किया गया। उन्होंने बताया कि इस पहल का उद्देश्य पूरे परिक्षेत्र का तेज विकास करना है। प्रत्येक मंडल में विकास का लक्ष्य इस प्रकार होगा कि समेकित ग्रोथ हब की विकास दर प्रदेश की विकास दर से भी तेज होगी। ग्रोथ हब की पूरी योजना तीन माह में तैयार की जानी है।

 

ये कार्य हैं प्रस्तावित

 

कौशल राज शर्मा ने कहा कि भविष्य में वाराणसी के विकास में टाउनशिप का विकास, सुगम यातयात, अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का विस्तारीकरण, लाजिस्टिक हब, इंडस्ट्रियल टाउनशिप, सार्वजनिक परिवहन को बेहतर बनाना, कृषि निर्यात व एग्री-प्रोसेसिंग जैसे कार्य प्रस्तावित है। वाराणसी भविष्य में पर्यटन के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था तथा फिल्म इंडस्ट्री का प्रमुख हब बन कर उभरेगा।

varanasi township 

बैठक में तीनों अन्य मंडलों के आयुक्त मीरजापुर के मुथु कुमार सामी बी, आजमगढ़ के मनीष चौहान एवं प्रयागराज के विजय विश्वास पंत ने भी संबंधित जिलों के संसाधनों जैसे हाईवे, रेलवे, एक्सप्रेसवे, स्किल पार्क, विश्वविद्यालय, इंजीनियरिंग एवं मेडिकल कालेज, पयर्टन स्थल, मास्टर प्लान आदि के बारे में बताया। 

 

अन्ना राय ने चारों मंडलों की प्रजेंटेशन से संबंधी सुझाव, विचार, विवरण आदि नीति आयोग को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए, ताकि पूरी योजना बनाई जा सके। बैठक में सभी विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्ष, नीति आयोग व उप्र के नियोजन विभाग के अधिकारी, प्रतिनिधिमंडल समेत मैक किन्सी, डिलोइट, आइएसईजी कंपनियों के सलाहकार मौजूद थे।

कई जिलों को मिलाकर बनाया जाएगा ग्रोथ हब

अन्ना राय ने बताया कि वाराणसी, आजमगढ़, मीरजापुर मंडल और प्रयागराज जनपद को मिलाकर ग्रोथ हब के रूप में विकसित किया जाएगा। किसी भी शहर के चहुंमुखी विकास के लिए चार मापदंड होते हैं, बेस लाइनिंग, ग्रोथ इंडिकेटर्स, सिटी-लिविंग स्टैंडर्ड और सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर।

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