Jivitputrika Vrat 2022: हर्षोल्लास के साथ महिलाओं ने रखा जीवित्पुत्रिका व्रत

मिर्ज़ापुर। बरईपुर संतान के उज्जवल भविष्य और लंबी आयु के लिए हर साल अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जीवित्पुत्रिका व्रत जिसे जीउतिया व्रत भी कहा जाता है निर्जला रहकर माताओं नेव्रत को रखा।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जीवित्पुत्रिका व्रत में कथा पढ़ने का विशेष महत्व होता है। यह व्रत सबसे कठिन उपवास ओं में से एक माना जाता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार व्रत को बीच में नहीं छोड़ना चाहिए एक बार उपवास रखने पर हर वर्ष व्रत रखना चाहिए।
ग्राम सभा बरईपुर में गांव की व्रती महिलाओं ने निर्जला रहकर व्रत को रखा। गांव के प्राचीन डीह बाबा व हनुमान जी मंदिर पर विधि विधान से पूजा पाठ की गई।