यूपी में मिला रामायण काल का जटायू, हिमालय के ऊँचे बर्फीली चोटियों पर पाया जाता था! लोगों ने पहली बार देखा ऐसा दुर्लभ गिद्ध

यूपी के कानपुर में विलुप्तप्राय हिमालयन प्रजाति का गिद्ध शनिवार को बेनाझाबर में ईदगाह के पास मिला। वन विभाग ने आसमान से गिरे गिद्ध को पकड़कर चिड़ियाघर प्रशासन को सौंप दिया है। चिड़ियाघर में उसे 15 दिन क्वारंटीन में रखा जाएगा और इस दौरान उसकी हर गतिविधि पर नजर भी रखी जाएगी।
हिमालयन गिद्ध का जोड़ा शनिवार को कानपुर के बजरिया स्लाटर हाउस पहुंचा। वहां मौजूद लोगों ने एक गिद्ध को पकड़ लिया। जबकि दूसरा भाग गया। गिद्ध को देखने के लिए आस-पास के लोग जुट गए। सूचना पाकर पहुंचा जू प्रशासन ने गिद्ध को कब्जे में लिया।
डीएफओ श्रद्घा यादव ने बताया कि गिद्ध किसी वजह से जमीन पर आ गिरा था और उसे देखने के बाद स्थानीय लोगों ने बोरियों की मदद से पकड़ लिया। इस दौरान सैकड़ों लोग गिद्ध को देखने के उमड़ पडे़। बताया कि पकड़े गए गिद्ध विलुप्तप्राय प्रजाति का है। एक और गिद्ध के होने की बात कही जा रही है। उसकी तलाश की जा रही है। साथ ही यह भी कहा गया है कि गिद्ध दिखे तो वन विभाग को सूचना दें।
अलग रखा गया है गिद्ध
चिड़ियाघर के पशु चिकित्सक डॉ. नासिर जैदी ने बताया कि हिमालयन गिद्ध को अन्य पक्षियों से अलग अस्पताल परिसर में रखा गया है। इसका वजन करीब आठ किलो है। उन्होंने बताया कि चिड़ियाघर में वर्तमान में चार हिमालयन गिद्ध मौजूद हैं।
हिमालयन ग्रिफॉन गिद्धों की प्रजाति संकटग्रस्त
हिमालयन ग्रिफॉन गिद्धों की प्रजाति संकटग्रस्त है। यह गिद्ध की यह एक विशिष्ट प्रजाति है, जिसका सिर सफेद, पंख काफी बड़े तथा इसकी पूंछ छोटी होती है। इसकी गर्दन पर सफेद पंख होते हैं तथा चोंच पीले रंग की होती है साथ ही इसके शरीर का रंग सफेद जैसा (न कि पूरी तरह से सफेद) होता है तथा पंख गहरे (लगभग काले-भूरे) रंग के होते हैं।
हिमालयी गिद्ध ज़्यादातर तिब्बती पठार (भारत, नेपाल और भूटान, मध्य चीन और मंगोलिया) पर हिमालय में पाए जाते हैं। यह मध्य एशियाई पहाड़ों (पश्चिम में कज़ाखस्तान और अफगानिस्तान से लेकर पूर्व में पश्चिमी चीन तथा मंगोलिया तक) में भी पाया जाता है। कभी-कभी यह उत्तरी भारत में प्रवास करता है लेकिन इसका प्रवास आमतौर पर केवल ऊंचाई पर होता है।
सात फीट चौड़ा पंख, 14 किलो वजन
जू प्रशासन ने बताया कि भूख की वजह से गिद्ध बेहाल हो गया था। उसने जू में आते ही 800 ग्राम मीट खाया। इसके बाद उसके भीतर चैतन्यता आई। गिद्ध का वजन करीब 14 किलो और सात फीट लंबे उसके दोनों तरफ के पंख थे। करीब ढाई फीट ऊंचा था। इसके चलते उसे देखकर लोग हैरत में पड़ गए थे।