
वाराणसी। देशभर में बनारसी साड़ी के लिए मशहूर बनारस नगरी के साड़ी बुनकरों और कारीगरों को पर भी महंगाई का असर दिखने लगा है। बुनकरों और कारीगरों का मानना है कि जिस तरह महंगाई बढ़ रही है, उसको देखते हुए अब वक्त आ गया है कि, बनारसी साड़ियों काे दाम भी बढ़ा दिए जाएं। इसके लिए बुनकरों ने महापंचायत बुलाकर अपनी मजदूरी और कीमत बढ़ाने का फैसला लिया है।
दरअसल, वाराणसी के नाटी इमली के बुनकर कॉलोनी में बुनकर महापंचायत हुई। इसमें बुनकरों ने मजदूरी में 20% तो स्थानीय और घरेलू बाजार में बनारसी साड़ी और वस्त्रों की बिक्री के दाम में 25% इजाफा करने का फैसला लिया है। महापंचायत को सफल बनाने के लिए बुनकरों ने आज अपने करघों को भी बंद रखा था। यह महापंचायत वाराणसी के नाटी इमली के बुनकर कॉलोनी के बाकराबाद मैदान में मुत्ताहिदा बुनकर बिरादराना तंजीम बनारस ने संपन्न कराया।
महापंचायत को सफल बनाने के लिए पहले से ही आज वाराणसी में मुर्री बंद यानी बुनकरों ने अपने करघों को बंद कर दिया था। महापंचायत में बुनकरों के सभी सरदार के साथ उनके अगुवा भी मंच पर मौजूद थे। जिन्होंने एक साथ यह फैसला लिया। इस दौरान बुनकर तंजीम चौदहो के सरदार मकबूल हसन साहब ने बताया कि हमारे बुनकरों भाईयों के आगे रोजी-रोटी का मसला आ चुका है।
मजदूरी कम मिलने की वजह से बहुत सारे बुनकर पलायन कर गए। इस उघोग को बचाने के लिए पिछले दो माह से कोशिश की जा रही है कि इस पलायन को कैसे रोका जाए और इस उघोग को कैसे बचाया जाए? जिसके बाद सभी सरदारों ने मिलकर फैसला लिया है कि बुनकरों की मजदूरी को बढ़ाया जाए।
उन्होंने बताया कि उनके नबीयों की वजह से यह उघोग मिला है, न कि सरकार की किसी तरह की मदद मिली है। यह कारोबार हमारा है और सरकार ने आजतक किसी तरह की मदद नहीं की है। महंगाई की वजह से पालन पोषण नहीं हो पा रहा है। इसलिए निर्णय लिया गया है कि मजदूरी बढ़नी चाहिए. जिसपर आज महापंचायत में मुहर लग गई।