तेजस्वी किसान मार्ट वाराणसी का भव्य शुभारंभ, सहकारिता, किसान संगठन और ग्रामीण ब्रांडिंग की दिशा में ऐतिहासिक पहल
वाराणसी। चिरईगांव ब्लॉक के सिवोई गांव में समुन्नति फाउंडेशन के सहयोग से संचालित काशिका महिला किसान उत्पादक कंपनी लिमिटेड द्वारा तेजस्वी किसान मार्ट के आठवें स्टोर का आज भव्य शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता रेखा मौर्य, चेयरमैन, काशिका महिला किसान उत्पादक कंपनी लिमिटेड ने की। इस अवसर पर बड़ी संख्या में किसान, महिला उद्यमी, सहकारिता अधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
मुख्य अतिथि रामप्रकाश दुबे, निदेशक, उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव विभाग ने कहा कि किसानों की आर्थिक स्वतंत्रता का सबसे सशक्त माध्यम सहकारिता है। एफपीओ अब किसानों को संगठित करने के साथ ही उन्हें ब्रांडिंग और मार्केटिंग की दिशा में आगे बढ़ा रहे हैं। तेजस्वी किसान मार्ट इस दिशा में प्रेरणादायक उदाहरण है, जहाँ किसान अब उत्पादक के साथ-साथ उद्यमी भी बन रहे हैं।

ई. प्रकाश पाण्डेय, संस्थापक, तेजस्वी किसान मार्ट एवं तेजस्वी संगठन न्यास ने कहा कि हमने किसानों को मंडी से निकालकर मार्केट तक पहुँचाने का संकल्प लिया था। आज यह नेटवर्क 22 राज्यों में फैल चुका है और 5000 से अधिक एफपीओ इससे जुड़े हैं। हमारा उद्देश्य है कि हर किसान अपने उत्पाद को अपने ब्रांड नाम से बेचे और अपनी मेहनत की पहचान खुद बनाए।
हिमांशु चतुर्वेदी, राष्ट्रीय संगठन मंत्री, तेजस्वी किसान मार्ट ने कहा कि तेजस्वी किसान मार्ट किसानों को उत्पादन से लेकर उपभोग तक की पूरी श्रृंखला से जोड़ रहा है। हर एफपीओ को अब उत्पादन के साथ मार्केटिंग और ग्राहक संबंधों पर ध्यान देना होगा।
निलेश दुबे, राष्ट्रीय अध्यक्ष, तेजस्वी युवा समिति ने कहा कि यह केवल कृषि उत्पादों का मंच नहीं, बल्कि युवाओं और किसानों के बीच सहयोग की नई क्रांति है। हर जिले में युवा टीम एफपीओ के साथ मिलकर प्रशिक्षण, प्रचार और डिजिटल बिक्री में सहयोग कर रही है।
सुमित बालियन, राष्ट्रीय संयोजक, तेजस्वी संगठन न्यास ने कहा कि ग्रामीण ब्रांडिंग अब एक नई पहचान बन रही है। गांवों में बनने वाले देसी उत्पाद—अचार, सिरका, मसाले और मुरब्बे—अब शहरों के बाजारों में लोकप्रिय हो रहे हैं। तेजस्वी किसान मार्ट इन उत्पादों को राष्ट्रीय पहचान देने का माध्यम बन चुका है।
रेखा मौर्य, चेयरमैन, काशिका महिला किसान उत्पादक कंपनी लिमिटेड ने कहा कि हमारी कंपनी में 500 से अधिक महिला किसान सदस्य हैं। हम खेती से लेकर उत्पाद निर्माण और बिक्री तक खुद सक्रिय हैं। अब हर महिला अपने गांव की ब्रांड एंबेसडर बनेगी।
महिला निदेशक मंडल की सदस्याएं शकुंतला देवी, सुजाता देवी, इंदु देवी और मीरा देवी ने कहा कि पहले हम केवल खेतों में काम करती थीं, लेकिन अब अपने नाम से उत्पाद बेच रही हैं। तेजस्वी किसान मार्ट ने हमें आत्मनिर्भर बनाया है।
ब्रजेश तिवारी, संचालक, वेजिटेबल एफपीसी वाराणसी ने कहा कि एफपीओ आंदोलन किसानों की किस्मत बदलने का माध्यम है। इस मंच से किसानों को उचित मूल्य और ग्राहकों से सीधा संपर्क मिल रहा है।
भास्कर, सीईओ, काशिका महिला किसान उत्पादक कंपनी लिमिटेड ने कहा कि हम प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और डिजिटल मार्केटिंग के माध्यम से किसानों को ब्रांड वैल्यू देने की दिशा में काम कर रहे हैं, जिससे गांवों में रोजगार बढ़ेगा।
कार्यक्रम में महिला किसानों द्वारा उत्पाद प्रदर्शनी लगाई गई, जिसमें अचार, मुरब्बा, सिरका, मसाले, गुड़ और जैविक उत्पादों की प्रस्तुति हुई। एफपीओ प्रतिनिधियों को सम्मानित किया गया और सहकारिता एवं एफपीओ समन्वय पर विषयगत चर्चा भी आयोजित हुई।
तेजस्वी किसान मार्ट नेटवर्क की विशेषताओं में 22 राज्यों में सक्रिय निगरानी समितियाँ, 5000 से अधिक एफपीओ का मजबूत नेटवर्क, “फार्म टू फोर्क” मूल्य श्रृंखला और अचार, मुरब्बा, सिरका, शहद, जैविक मसाले, अनाज, तेल जैसे प्रमुख उत्पाद शामिल हैं। इसका उद्देश्य है - स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय पहचान दिलाना।
समापन संदेश में ई. प्रकाश पाण्डेय ने कहा कि किसान आत्मनिर्भर तब बनेगा जब वह अपनी उपज को अपने नाम से बेचेगा। तेजस्वी किसान मार्ट भारत के खेतों से सीधे उपभोक्ताओं तक शुद्धता, परिश्रम और विश्वास पहुँचाने का मंच है।
