अत्याधुनिक फिश मंडी के औचित्य पर मत्स्य पालकों ने उठाए सवाल, कैसे मिलेगा किसानों को इसका लाभ?

चंदौली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन की गई अत्याधुनिक फिश मंडी फिलहाल चर्चा के केंद्र में है। एक ओर सरकार इसे किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम बता रही है, तो वहीं दूसरी ओर मत्स्य पालक किसानों ने इसके औचित्य पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्रदेश सरकार द्वारा 65 करोड़ की लागत से नवीन मंडी परिसर में करीब एक हेक्टेयर भूमि पर निर्मित यह अल्ट्रा मॉडर्न फिश मार्केट पूर्वांचल ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर भारत की सबसे हाईटेक मत्स्य मंडियों में गिनी जा रही है। यह मंडी दिल्ली-कोलकाता नेशनल हाईवे-19 के किनारे स्थित है, जिससे बिहार समेत पूर्वांचल के मत्स्य पालकों को भी लाभ मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
क्या है मंडी की विशेषता
इस मंडी में 111 दुकानें बनाई गई हैं, जो पीपीपी मॉडल पर संचालित होंगी और लॉटरी सिस्टम के तहत आवंटित की जाएंगी। यहां मत्स्य पालन से संबंधित होलसेल-रिटेल दुकानें, सीड्स, दवाएं, फीड, और उपकरण एक ही छत के नीचे उपलब्ध होंगे। सरकार का दावा है कि इससे मत्स्य उत्पादन बढ़ेगा और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
किसानों ने उठाए सवाल
उद्घाटन समारोह में शामिल हुए कई मत्स्य पालक किसानों ने कहा कि मंडी अभी अधूरी है और उसके मूल उद्देश्य से भटक गई है।
किसानों के मुताबिक—
निर्माण के दौरान प्रोसेसिंग और पैकेजिंग यूनिट की स्थापना का वादा किया गया था, लेकिन अब तक वहां कोई ऐसा प्लांट नहीं लगा है।
अगर मछलियों की प्रोसेसिंग और पैकेजिंग नहीं होगी तो किसानों को बाहरी बाजार तक पहुंचने में दिक्कत होगी।
मंडी में आइस प्लांट की अनुपस्थिति से मछलियों को लंबे समय तक सुरक्षित रखना मुश्किल होगा।
111 दुकानों की कीमत 15 से 18 लाख रुपये रखी गई है, जो छोटे मत्स्य पालकों की पहुंच से बाहर है।
जिले के तीन एफपीओ संगठन और उनसे जुड़े 3000 से अधिक किसान इस योजना में वरीयता से वंचित हैं।
किसानों का कहना है कि जब तक स्थानीय मत्स्य पालकों को प्राथमिकता, प्रोसेसिंग यूनिट, और कोल्ड स्टोरेज जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलेंगी, तब तक यह मंडी सिर्फ दिखावे की परियोजना बनकर रह जाएगी।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
किसान मोर्चा, काशी क्षेत्र के अध्यक्ष राणा प्रताप सिंह ने किसानों के आरोपों को राजनीतिक बताया। उन्होंने कहा—
“यह फिश मंडी चंदौली के लिए बड़ी सौगात है। कुछ लोग राजनीति वश ऐसे सवाल उठा रहे हैं। इससे हजारों किसानों को लाभ मिलेगा। हम प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करते हैं।”
वहीं, चकिया विधानसभा के भाजपा विधायक कैलाश खरवार ने किसानों की चिंताओं को जायज बताते हुए कहा—
किसानों की समस्याओं को मत्स्य विभाग के अधिकारियों के सामने रखा जाएगा। जब तक स्थानीय मत्स्य पालकों को इसका लाभ नहीं मिलेगा, तब तक विकास का लक्ष्य अधूरा रहेगा।