यूपी में बजट की कमी के कारण 2505 कर्मचारियों को सेवा समाप्ति के आदेश, चन्दौली के 135 कर्मचारी शामिल

उत्तर प्रदेश। पूरे उत्तर प्रदेश में 2505 स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए सेवा समाप्ति के आदेश मिल चुका है। जिसमें 135 कर्मचारी चंदौली में कार्यरत हैं। आपको बता दें कि 31 जुलाई 2024 को सेवा समाप्ति का आदेश आया है प्रदेश में बजट न होने के वजह से इन कर्मचारियों के सेवा को समाप्त कर दिया गया है। जबकि कमर्चारियों का कहना है कि 22 जूलाई 2024 दिन सोमवार को लखनऊ में उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक के आवास पर हजारों कोविड कर्मचारी अपनी नौकरी बचाने के लिए आये थे उस दिन उपमुख्यमंत्री द्वारा कोविड-19 कर्मचारियों को आश्वासन दिया गया कि सरकार आपके साथ खड़ी है।
आपको नौकरी से नहीं निकाला जायेगा इसी दिन देर शाम तक मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तर प्रदेश लखनऊ द्वारा एक पत्र जारी किया जाता है। जिसमें ये दर्शाया गया है कि भारत सरकार द्वारा कोविड-19 महामारी के रूप में समाप्त घोषित किए जाने का आदेश दिया जा चुका है। साथ ही मुख्यालय स्तर पर सीमित बजट की स्थिति में इन कोविड कर्मियों को आगामी निरन्तरता के सम्बन्ध में निर्णय लिया जाना है, क्योंकि इनकी निरन्तरता अनिश्चित काल के लिए किया जाना संभव नहीं है। और साथ ही पत्र में यह भी जिक्र किया गया है कि आऊटसोर्सिंग मानव संसाधन के सराहनीय प्रयासों के दृष्टिगत इन कोविड वरियर्स को जनपद स्तर पर किसी भी आऊटसोर्सिंग संस्था के माध्यम से यथासंभव वरीयता देते हुए कार्य लिए जाने पर विचार करना चाहें।
जब कि पहले कई बार उपमुख्यमंत्री एवं मिशन निदेशक द्वारा कोविड-19 कर्मचारियों के लिए कोई बजट नहीं है ये लगातार बताया जा रहा है तो जनपद स्तर से यह कैसे संभव है की उनका रोजगार बचा रहेगा। मध्य प्रदेश एवं हरियाणा सरकार कोविड-19 के कर्मचारियों को NHM में समायोजित कर चुकी है तो क्या उत्तर प्रदेश में यह संभव नहीं है।
वहीं कर्मचारियों का कहना है कि कोविड-19 कर्मचारियों के समस्याओं को गंभीरता पूर्वक उनकी समस्याएं एवं दैनीय स्थितिव को देखते हुए निरन्तर सेवा विस्तार एवं समायोजन किया जाना नितांत आवश्यक है, अन्यथा की स्थिति में हम सभी कोविड कर्मचारी गणों द्वारा अपना रोजगार बचाने के लिए सामूहिक रूप से आंदोलन (अनशन आमरण/भूख हड़ताल) करने को बाध्य होंगे। जिसकी सारी जिम्मेदारी शासन एवं प्रशासन की होगी।