संसद भवन में महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर चंदौली के छात्रों ने दिखाया अद्वितीय कौशल
नई दिल्ली। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर संसद भवन में आयोजित विशेष कार्यक्रम में चंदौली जिले के छात्र-छात्राओं ने अद्भुत प्रदर्शन किया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में छात्रों ने न केवल गांधी और शास्त्री जी के जीवन से प्रेरणा ली, बल्कि अपने वक्तव्यों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम की शुरुआत में छात्रों को संसद भवन की विस्तृत सैर कराई गई, जहां उन्होंने नई और पुरानी संसद की विशेषताओं के बारे में जाना। इसके बाद, चंदौली के छात्र अंश गोयल, भावना यादव और यशी मिश्रा ने अपने प्रभावशाली भाषणों से उपस्थित गणमान्यों का ध्यान आकर्षित किया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने विशेष रूप से भावना यादव की प्रस्तुति की सराहना की और उन्हें अपने पास बुलाकर प्रोत्साहित किया।
लोकसभा अध्यक्ष ने अपने संबोधन में छात्रों को महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के आदर्शों पर चलने की प्रेरणा दी। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे निस्वार्थ भाव से देश की सेवा करने के लिए गांधी और शास्त्री जी के सिद्धांतों को अपने जीवन में उतारें। बिड़ला जी ने यह भी कहा कि लाल बहादुर शास्त्री जी ने स्वतंत्रता के बाद भारत की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और वे कर्तव्यनिष्ठा के प्रतीक थे।
इस अवसर पर लाल बहादुर शास्त्री के पुत्र, अनिल शास्त्री, भी भावुक हो गए और चंदौली के छात्रों से मुलाकात की। उन्होंने सभी छात्रों को आशीर्वाद देते हुए विश्वास जताया कि ये युवा भविष्य में गांधी और शास्त्री जी के पदचिह्नों पर चलने का प्रयास करेंगे। अनिल शास्त्री ने शीघ्र ही मुगलसराय का दौरा करने का वादा भी किया।
इस कार्यक्रम का संचालन लोकसभा सचिवालय द्वारा किया गया, जिसमें महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के जन्मस्थानों से छात्रों को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। चंदौली के विभिन्न विद्यालयों से 15 छात्र-छात्राओं ने इस आयोजन में भाग लिया, जिनमें अंश गोयल, यशी मिश्रा, शिवानी कुमारी, भावना यादव, आंचल यादव, माला कुमारी, आरती यादव, नंदनी जायसवाल और अन्य शामिल थे।
यह कार्यक्रम छात्रों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव रहा, जहां उन्होंने न केवल महापुरुषों के जीवन से सीखा, बल्कि अपने विचारों से संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में उपस्थित सभी को प्रभावित किया।