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Chandauli Rice Purchase: 10 प्रकार के वस्तुओं का निर्यात किया, निर्यातक किसानों में मायूसी छाई

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Chandauli Rice Purchase: चंदौली जिले में निर्यात के क्षेत्र में धान का कटोरा तेजी से अपने पाव पसार रहा है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में अब तक दो अरब 70 करोड़ 60 लाख रुपये का चावल, वस्त्र स्टीम कोयला, प्लास्टिक की बोरियों सहित 10 प्रकार के वस्तुओं का निर्यात किया गया है। इस उपलब्धि के लिए जिले के प्रगतिशील व्यवसायियों को प्रदेश स्तर पर सम्मान भी मिला है।

जिले के कृषि उत्पादों के निर्यात से जुड़े जिला उद्योग उपायुक्त सिद्धार्थ कुमार यादव ने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में जिले ने दो अरब रुपये से अधिक की वस्तुओं का निर्यात किया है। इसमें मुख्य रूप से चावल, पशुचारा, स्टीम कोयला सहित 10 प्रकार के उत्पाद शामिल हैं।

निर्यात की आंकड़े

  • चावल: एक करोड़ 91 लाख 90 हजार रुपये

  • गेहूं: एक करोड़ 65 लाख रुपये

  • पशुचारा: एक करोड़ 50 हजार रुपये

  • प्लास्टिक की बोरियां: छह करोड़ 77 लाख रुपये

  • फलैक्सीबल कंटेनर: 73 करोड़ चार लाख 22 हजार रुपये

इन आंकड़ों से साफ है कि जिले का निर्यात क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है और व्यापारिक सफलता की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

काले चावल की मायूसी

हालांकि, केंद्र सरकार की ओर से गेहूं चीनी और चावल के निर्यात पर रोक लगने के बाद, काले चावल के निर्यातक किसानों में मायूसी छाई है। काले चावल उत्पादक संगठन के निदेशक शशिकांत सिंह ने बताया कि बीते एक साल से नवीन मंडी में 13000 क्विंटल धान अभी हाल ही में चेन्नई के बाजार में बेचा गया है, लेकिन निर्यात पर रोक लगने के कारण किसानों में मायूसी है।

बरहनी ब्लॉक के इमिलिया गांव के किसान अजय सिंह ने बताया कि इस वर्ष आदम चीनी चावल को जीआई टैग मिलने के बाद पहली बार विदेश भेजने की तैयारी थी लेकिन निर्यात पर रोक लगने के कारण पूरी तैयारी धरी की धरी रह गई है।

इसके बावजूद, जिले में आदम चीनी चावल की फसल तैयारी की गई है और कई किसानों ने इसमें भारी निवेश किया है। किसान समृद्धि की दिशा में कदम बढ़ाते हुए, वे आशा रख रहे हैं कि आने वाले समय में निर्यात पर लगे प्रतिबंधों को हटा दिया जाएगा और उन्हें अच्छा मुनाफा होगा।

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