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Chandauli News: चन्दौली वासियों के लिए खुशखबरी! रेल मंत्री से मिले सांसद वीरेंद्र सिंह, अब छोटे स्टेशनों पर होगा बड़ी गाड़ियों का ठहराव

Chandauli News: चन्दौली वासियों के लिए खुशखबरी! रेल मंत्री से मिले सांसद वीरेंद्र सिंह, अब छोटे स्टेशनों पर होगा बड़ी गाड़ियों का ठहराव

चंदौली। सपा सांसद वीरेंद्र सिंह ने नई दिल्ली में रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात कर हावड़ा-मुगलसराय वाया पटना रूट पर पड़ने वाले सकलडीहा, तुलसी आश्रम, धीना स्टेशन पर पटना-कोटा एक्सप्रेस, अमृतसर-हावड़ा, पंजाब मेल, फरक्का एक्सप्रेस एवं हावड़ा-मुगलसराय वाया गया रूट में पड़ने वाले चंदौली स्टेशन और सैय्यदराजा स्टेशन पर देहरादून एक्सप्रेस, जम्मूतवी एक्सप्रेस, गंगा सतलुज एक्सप्रेस के ठहराव की पुनः मांग की है।

किसानों की खाद एवं बीज की आवश्यकता को देखते हुए रेल मंत्री जी के समक्ष पटपरा या सरेसर में एक भण्डारण एवं वितरण हेतु अलग से यार्ड बनवाने की मांग भी रखी।चंदौली के सांसद वीरेंद्र सिंह ने रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव से नई दिल्ली में मुलाकात की। प्रमुख स्टेशनों पर ट्रेनों के ठहराव की किया मांग, खाद भंडारण के लिए रैक प्वाइंट निर्माण का मुद्दा उठाया। सांसद वीरेंद्र सिंह ने रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव को बताया कि चंदौली जिले में सरकारी रोडवेज सेवा बिल्कुल नहीं हैं। ऐसे में आमजन के लिए रेलवे ही आवागमन के लिए महत्वूर्ण साधन हैं। बताया कि कोरोना काल के पहले हावड़ा-पटना- मुगलसराय और हावड़ा-गया-मुगलसराय रूट पर कुछ रेल गाड़ियों का ठहराव था। परन्तु उन्हें भी बंद कर दिया गया। ऐसे में हावड़ा-मुगलसराय वाया पटना रूट पर पड़ने वाले सकलडीहा, तुलसी आश्रम व धीना स्टेशन पर पटना-कोटा एक्सप्रेस व अप व डाउन, अमृतसर- हावड़ा, पंजाब मेल अप व डाउन, फरक्का एक्सप्रेस अप व डाउन का ठहराव बहुत जरूरी हैं।

इसके अलावा हावड़ा-मुगलसराय वाया गया रूट पर पड़ने वाले चंदौली एवं सैय्यदराजा स्टेशन पर देहरादून एक्सप्रेस अप व डाउन, जम्मूतवी एक्सप्रेस अप व डाउन तथा गंगा सतलुज एक्सप्रेस अप व डाउन का ठहराव कराया जाय। उन्होंने बताया कि चंदौली एक कृषि प्रधान जिला है। किसान बन्धुओं को खाद, उर्वरक एवं बीज के लिए दुसरे जिले पर निर्भर रहना पड़ता है। जिले में मालगाड़ियों द्वारा परिवहन के बाद खाद, उर्वरक एवं बीज को उतारने, चढाने एवं भण्डारण के लिए रैक या रेलवे यार्ड की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में चंदौली के पटपरा या सरेसर यार्ड में भण्डारण एवं वितरण हेतु एक अलग से यार्ड बनवाने की जरूरत हैं। ताकि किसानों को सुविधा मिल सके और लोगों को आर्थिक नुकसान से बचाया जा सकें।

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