राम जन्म भूमि उत्खनन में ब्लैक स्टोन के खंभे, शिवलिंग, आमलकी व खंडित यक्ष-यक्षिणियों व देवी-देवताओं की मूर्तियां भी मिली
अयोध्या। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद श्रीरामजन्म भूमि में भव्य-दिव्य मंदिर निर्माण से पहले हुए समतलीकरण तदुपरांत नींव के उत्खनन में करीब तीन दर्जन से अधिक पुरावशेष प्राप्त हुए थे। इन पुरावशेषों में ब्लैक स्टोन के खंभे, शिवलिंग, आमलकी व खंडित यक्ष-यक्षिणियों व देवी-देवताओं की मूर्तियां भी मिली थीं।
इन सभी पुरावशेषों को श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से परिसर में ही उचित स्थान के अभाव में शेड का निर्माण कराकर रखा गया था। यह पुरावशेष अब अन्तर्राष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय की शोभा बढ़ाएंगे। इसकी तैयारी चल रही है।
तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपतराय ने बुधवार को जब इन्हीं पुरावशेषों को सोशल मीडिया में साझा किया है तो इसकी टाइमिंग को लेकर संग्रहालय के हस्तांतरण की औपचारिकता पूरी हो जाने की चर्चा गर्म हो गई। फिलहाल इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।
विभागीय सूत्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग व तीर्थ क्षेत्र के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर होना है। इसकी तिथि 27 अगस्त तय थी लेकिन प्रमुख सचिव संस्कृति मुकेश मेश्राम के न होने के कारण एमओयू स्थगित हो गया।
ऐतिहासिक साक्ष्य
श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपतराय ने इन पुरावशेषों को सोशल मीडिया में बुधवार को साझा किया है। श्रीरामजन्म भूमि परिसर में संरक्षित यह वह पुरावशेष हैं जो मंदिर निर्माण के लिए उत्खनन के दौरान मिले हैं। छह दिसंबर 1992 से पहले समतलीकरण में 269 पुरावशेष रामकथा संग्रहालय में हैं।
265 बड़े पुरावशेष
छह दिसंबर 1992 की घटना के बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर एएसआई की टीम ने अदालती पर्यवेक्षक की मौजूदगी में उत्खनन किया था। इस दौरान रडार सिस्टम की तकनीक भी भूमिगत स्थिति की जानकारी के लिए अपनाई गयी थी। फिलहाल इस उत्खनन में करीब 265 बड़े आब्जेक्ट प्राप्त हुए थे।