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Ayodhya News: उसी का तेल उसी की बाती और उसी की लंका को महाबली हनुमान जी ने किया स्वाहा:

 Ayodhya News: उसी का तेल उसी की बाती और उसी की लंका को महाबली हनुमान जी ने किया स्वाहा:

 Ayodhya News: उसी का तेल उसी की बाती और उसी की लंका को महाबली हनुमान जी ने किया स्वाहा:


संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित रामोत्सव कार्यक्रम के अन्तर्गत श्रीराम कथा में अयोध्या धाम के कथा व्यास पूज्य अमरेश्वरानंद जी महाराज पीठाधीश्वर माता कवरजा धाम ने अपने द्वितीय दिवस के प्रवचन में अशोक वाटिका विध्वंश,अक्षय कुमार वध,लंका दहन,रावण अंगद संवाद,सेतु बंधन,लंका विजय के प्रसंगों का आध्यात्मिक और समीचीन परिप्रेक्ष्य में सरस और मनमोहक प्रस्तुति करते हुए प्रभु राम का अयोध्या धाम आगमन का प्रसंग सुनाया।

श्री हनुमान जी से लंकेश ने पूंछा कि ऐ बंदर तूने मेरी वाटिका के फल क्यों खाए श्री हनुमान जी ने कहा खायऊं फल प्रभु लागी भूखा गोस्वामी जी व्यंगोक्ति है कि भूखे जीव के चार फल खा लेने को इतना बुरा वो मान रहा है जो सारी सृष्टि को खा लेना चाहता है यहां तक कि मानवता को खा कर दानवता का प्रसार करना चाहता है।

* उसी का तेल उसी की बाती और उसी की लंका को महाबली हनुमान जी ने किया स्वाहा:-------- पूज्यअमरेश्वरानन्द जी महाराज * मनोज तिवारी ब्यूरो प्रमुख अयोध्या संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित रामोत्सव कार्यक्रम के अन्तर्गत श्रीराम कथा में अयोध्या धाम के कथा व्यास पूज्य अमरेश्वरानंद जी महाराज पीठाधीश्वर माता कवरजा धाम ने अपने द्वितीय दिवस के प्रवचन में अशोक वाटिका विध्वंश,अक्षय कुमार वध,लंका दहन,रावण अंगद संवाद,सेतु बंधन,लंका विजय के प्रसंगों का आध्यात्मिक और समीचीन परिप्रेक्ष्य में सरस और मनमोहक प्रस्तुति करते हुए प्रभु राम का अयोध्या धाम आगमन का प्रसंग सुनाया।श्री हनुमान जी से लंकेश ने पूंछा कि ऐ बंदर तूने मेरी वाटिका के फल क्यों खाए?* श्री हनुमान जी ने कहा खायऊं फल प्रभु लागी भूखा गोस्वामी जी व्यंगोक्ति है कि भूखे जीव के चार फल खा लेने को इतना बुरा वो मान रहा है जो सारी सृष्टि को खा लेना चाहता है यहां तक कि मानवता को खा कर दानवता का प्रसार करना चाहता है। इसी क्रम में चिंतनीय बिंदू ये है कि रावण ने कहा कि*  अंग भंग करि पठाइय बंदर फिर पूंछ क्यों जलवा दी क्योंकि किसी सज्जन की बढ़ती पूंछ अर्थात् प्रतिष्ठा दुष्टों को असहनीय होती है ।इसीलिए रावण ने श्री हनुमान जी की पूंछ को जलाने का निर्देश दिया और आज समाज में बहुतायत में ऐसे व्यक्तित्व अस्तित्व में हैं,किंतु वाह मेरे महा प्रभु श्री हनुमान जी उसी का तेल उसी की बाती और उसी की लंका को स्वाहा कर दिया।इसका आज के संदर्भ में ये आशय है कि जो राम जी शरण में स्थित होकर धर्म के मार्ग पर चलते रहेंगे उनको नष्ट करने का कुत्सित प्रयास करने वाले अपने स्वयं के संसाधनों से ही विनष्ट हो जायेंगे।कथाक्रम में श्री भरत जी महाराज और राघवेंद्र सरकार के मिलन प्रसंग को सुनकर श्रोताओं के नेत्र सजल हो गए। मंच संचालन श्री मानस तिवारी जी,श्री भुवनेश शास्त्री जी ने किया और बहुत बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्रोतागण जिनमें अनेक गणमान्य व्यक्ति,राजनैतिक पुरोधा,अधिकारीगण उपस्थित रहे। संस्कृति विभाग की तरफ से व्यास पीठाधीश्वर पूज्य* अमरेश्वरानन्द महाराज जी को भगवान राम का स्मृति चिन्ह देकर महापौर नगर निगम अयोध्या वशिष्ठ पीठाधीश्वर महांत श्री गिरीश पति त्रिपाठी द्वारा मंच पर सम्मानित किया गया। संस्कृति विभाग के कार्यक्रम अधिशाषी कमलेश पाठक द्वारा महापौर जी को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। भगवान की आरती के साथ ही दो दिवसीय कथा को विश्राम दिया गया।* कथा व्यास जी द्वारा सफल आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और संबंधित विभाग को हृदय से आभार व्यक्त  करते हुए सभी के लिए प्रभु राघवेंद्र सरकार से विनम्र प्रार्थना की सबके जीवन में परम मंगल हो।
इसी क्रम में चिंतनीय बिंदू ये है कि रावण ने कहा कि अंग भंग करि पठाइय बंदर फिर पूंछ क्यों जलवा दी क्योंकि किसी सज्जन की बढ़ती पूंछ अर्थात् प्रतिष्ठा दुष्टों को असहनीय होती है ।इसीलिए रावण ने श्री हनुमान जी की पूंछ को जलाने का निर्देश दिया और आज समाज में बहुतायत में ऐसे व्यक्तित्व अस्तित्व में हैं,किंतु वाह मेरे महा प्रभु श्री हनुमान जी उसी का तेल उसी की बाती और उसी की लंका को स्वाहा कर दिया।

इसका आज के संदर्भ में ये आशय है कि जो राम जी शरण में स्थित होकर धर्म के मार्ग पर चलते रहेंगे उनको नष्ट करने का कुत्सित प्रयास करने वाले अपने स्वयं के संसाधनों से ही विनष्ट हो जायेंगे।कथाक्रम में भरत जी महाराज और राघवेंद्र सरकार के मिलन प्रसंग को सुनकर श्रोताओं के नेत्र सजल हो गए।

मंच संचालन मानस तिवारी भुवनेश शास्त्री ने किया और बहुत बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्रोतागण जिनमें अनेक गणमान्य व्यक्ति,राजनैतिक पुरोधा,अधिकारीगण उपस्थित रहे। संस्कृति विभाग की तरफ से व्यास पीठाधीश्वर पूज्य अमरेश्वरानन्द महाराज जी को भगवान राम का स्मृति चिन्ह देकर महापौर नगर निगम अयोध्या वशिष्ठ पीठाधीश्वर महांत श्री गिरीश पति त्रिपाठी द्वारा मंच पर सम्मानित किया गया। संस्कृति विभाग के कार्यक्रम अधिशाषी कमलेश पाठक द्वारा महापौर जी को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। भगवान की आरती के साथ ही दो दिवसीय कथा को विश्राम दिया गया।


कथा व्यास जी द्वारा सफल आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और संबंधित विभाग को हृदय से आभार व्यक्त  करते हुए सभी के लिए प्रभु राघवेंद्र सरकार से विनम्र प्रार्थना की सबके जीवन में परम मंगल हो।

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