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Ayodhya News: भक्तों को खुश करने चल देते भगवान पं० प्रेमधर

Ayodhya News: भक्तों को खुश करने चल देते भगवान पं० प्रेमधर

Ayodhya News: भक्तों को खुश करने चल देते भगवान पं० प्रेमधर
 

जनपद के बीकापुर कोतवाली क्षेत्र के करनपुर मजरे भिटौरा गांव में साप्ताहिक भागवत कथा ज्ञान में बुधवार के दिन व्यास पीठ पर विराजमान आचार्य पंडित प्रेमधर तिवारी के मुखारविंद से कथा श्रवण कर रहे भक्त गण रुक्मणी के विवाह की बात महराज जी के अमृत मई वाणी से सुनते इस तरह से भक्ति के रस में डुबकी लगाने लगे की शुद्ध बुद्ध को खो कर भक्ति के रस में शराबोर होकर ठुमके लगाने लगे !


उक्त रुक्मणी के विवाह को विस्तार करते हुए महाराज जी ने बताया कि राजा भीष्मक अपनी लक्ष्मी रूपी कन्या की शादी के लिए चिंतित होने पर अपने पांचो पुत्रों से सलाह लेने पर बड़े पुत्र द्वारा शिशुपाल के साथ शादी का प्रस्ताव रख, जबकि राजा भीष्मक एवं पुत्री रुक्मणी की इच्छा प्रभु कृष्ण चंद्र भगवान से शादी करने की थी।

जिसमें बाधा पैदा होने पर रुक्मणी द्वारा ब्राह्मण के हाथ पत्र भेजने पर भक्त के विस्वास की रक्षा के लिए गौरी पूजन के समय प्रभु गोविंद के साथ रथ में जाकर रुक्मणी ने मथुरा में शादी करने की कथा का विस्तार से वर्णन करने पर तथा संगीतमई कथा में मैने मेहंदी रचाई कृष्ण नाम के लिए ,मैंने बिंदिया सजाई कृष्णा नाम के लिए की गीत प्रस्तुत करने पर। आए हजारों की संख्या में श्रोतागणों ने भक्ति के रस में डुबकी लगाते हुए भाव विभोर होकर अपने ही स्थान पर खड़े होकर ठुमके लगाने को मजबूर होते देखे गए हैं। 


उक्त कथा के प्रमुख जजमान पूर्व में जे० ई० रहे अनिल उपाध्याय एवं पत्नी राजकुमारी उपाध्याय द्वारा ध्यान से कथा श्रवण करने पर तथा मृदुभाषी महाराज जी की कथा से भाव विभोर होकर लगभग सभी श्रवण करने आये कथा प्रेमियों ने भूरि-भूरि प्रशंसा की है। 


उक्त कथा की व्यवस्था देख रहे प्रमुख जजमान के जेष्ठ पुत्र निरंकार उपाध्याय द्वारा जहां कथा श्रवण करने वाले भक्तों को कथा श्रवण से लेकर कथा विश्राम होने पर सभी के हाथों में प्रसाद पहुंचने तक पूरी जिम्मेदारी का निर्वहन अपनी टीम के साथ कर रहे थे।

वहीं उक्त कथा कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य रूप से सुरेंद्र विमल विनोद दिनेश पवन राजकपूर अवधेश राज कुमार अनवी कान्हा बालवीर प्रकाश रोहित निखिल हिमांशु शुभम और वैभव विमल आदि  लोगों के सहयोग से कथा के स्थान को रोचक बनाये रखने एवं भक्त गणों को आदर सत्कर मिलने से कथा श्रवण करने आए भक्त गणों ने प्रसन्नता व्यक्त की है।

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