Ayodhya News: लोकनृत्य से शास्त्रीय नृत्य तक विराजमान रामलला की धूम
Ayodhya News: राम कथा पार्क अयोध्या के सांस्कृतिक मंच पर अपराह्न में मानस के प्रसंग का सरस विवेचन और इसके बाद देश के प्रख्यात कलाकारो की प्रस्तुतियां श्रद्धालुओं को मोह रही है। महाराष्ट्र से आए छबील दास विष्णु गवली और साथियों ने पारंपरिक सोगी मुखौटा लोकनृत्य प्रस्तुत करके दर्शकों को मोह लिया।
इस लोक नृत्य में कलाकारों ने काल भैरव और बेताल के मुखौटे पहन कर जोश पूर्ण नृत्य किया उनके हाथों में ढोल,संबल,पावरी और छोटी डांडिया जैसे वाद्य यंत्र थे। नृत्य करते-करते कलाकारो ने विभिन्न पिरामिड बनाकर करतब दिखा कर दर्शकों को विस्मित कर दिया।इसके बाद छत्तीसगढ़ से आई पांडवानी कलाकार समप्रिया पूजा ने महाभारत की कथा का गायन करके सभी को एक बार फिर से तालियां बजाने पर विवश कर दिया महाभारत प्रसंग में उन्होंने भीम के द्वारा दुर्योधन वध के प्रसंग को मंच पर गायन और अभिनय के माध्यम से मंचित किया।
इसके पूर्व उन्होंने वृंदावन बिहारी लाल की जय बोल भजन से अपने प्रस्तुति का आरंभ किया और भगवान की लीला है अपरंपार के माध्यम से दुर्योधन वध की कथा को मंचित करके सभी को रोमांचित कर दिया।इसके बाद मंच पर कथक नृत्य नाटिका श्री रामचरित्र का आरंभ दीपक अरोड़ा और उनके दल ने रमेशम सुरेशम गणेशम स्तुति से करके सभी देवताओं की आराधना की इसके बाद शिव स्तुति करके भगवान श्रीराम के आराध्य की वंदना करते हुए अपनी प्रस्तुति को आगे बढ़ाया और युग राम राज्य का आ गया पर कथक नृत्य करके भजन को एक नया रंग दिया और फिर सरगम पर शुद्ध कथक करके कलाकारो ने दर्शकों से भरे पांडाल में शास्त्रीयता के रंग भर दिए।
बनारस घराने का प्रतिनिधित्व करती हुई सुनिधि पाठक और उनके दल ने भावो से भरे वातावरण में श्री रामचंद्र कृपालु भजमन से रामलला की मनोहारी छवि की स्तुति की तो सभी विभोर होकर कलाकारो के साथ स्तुति गाने लगे। ताल और लयकारी से शुद्ध कथक के बाद इन कलाकारों ने रामजन्म से लेकर रावण वध तक के प्रसंग को नाट्य और नृत्य के संतुलित रूप कथक के माध्यम से मंच पर जीवंत करके मंच से सभी को जोड़ लिया। तालियों की गूंज में कार्यक्रम को शास्त्रीयता से लोक की तरफ संतोष शिप्रा के दल मोड़ दिया।
रामलला के नव्य मंदिर में विराजमान होने के एक माह पूर्ण होने की खुशी को व्यक्त करता लोकनृत्य घर आए रघुरइया ने पांडाल में उपस्थित सभी के भावनाओ को मानो अपना स्वर दे दिया हो। मंच के सामने नृत्य करते दर्शकों की भावनाओ को चरम पर ले जाते हुए कलाकारो ने राम आवे अवध की ओर सजनी पर नृत्य करते हुए सभी को अपनी जगह से उठा दिया। तालियों औरं जयकारो के उद्घोष के मध्य रामजी की होली प्रस्तुत होते ही वातावरण में एक आह्लाद सा पसर गया।
सरयू के किनारे रामभजनों प्रसंगों का रस ले रहे दर्शकों के समक्ष नवनीत रस्तोगी के दल ने भरतनाट्यम शैली में चक्रवर्ती जी महाराज के दरबार से विश्वामित्र जी का राम लक्ष्मण को ले जाना सुबाहु वध अहिल्या उद्धार सीता स्वयंवर जैसे प्रसंगों से त्रेता युग का स्मरण करा दिया। सारें दर्शक डूब कर प्रस्तुति को देखते ही रहे। कार्यक्रम का संचालन देश दीपक मिश्र ने बेहद प्रभावी ढंग से किया। अंतरराष्ट्रीय रामायण एवम वैदिक शोध संस्थान के निदेशक डा लवकुश द्विवेदी ने कलाकारो को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।इस अवसर पर भारी संख्या में संतजन व दर्शक देर रात्रि तक उपस्थित रहे।