Ayodhya News: उत्तर प्रदेश बार काउंसलिंग की पूर्व चेयरमैन तथा पूर्व सदस्य मधुलिका यादव ने बीकापुर के अधिवक्ताओं के साथ बृहस्पतिवार को बीकापुर के सभागार में एक मीटिंग की करीब 1 घंटे से ज्यादा चली मीटिंग के दौरान उत्तर प्रदेश बार काउंसलिंग सदस्य पद का चुनाव लड़ रही मधुलिका यादव ने बीकापुर के सभी अधिवक्ताओं से रूबरू होते हुए एक दूसरे का परिचय जाना। मीटिंग की अध्यक्षता वर्तमान अध्यक्ष आबाद अहमद ने की तथा व्यवस्थापक बृजेश यादव थे।
मालूम हो कि यह अधिवक्ता संघ बीकापुर के दौरे पर कई बार आ चुकी है सदन में मौजूद बीकापुर अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा अबकी बार हम पांच मुद्दों को लेकर चुनावी मैदान में उतर रहे हैं। उन्होंने कहा हमारा पहला मुद्दा अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट लागू करवाना, दूसरा मुद्दा अधिवक्ता बीमा की राशि 10 लाख करवाना, तीसरा मुद्दा अधिवक्ता पेंशन लागू करवाना, चौथा मुद्दा अधिवक्ताओं का स्वास्थ्य बीमा लागू करवाना, और पांचवा मुद्दा अधिवक्ताओं के लिए टोल टैक्स फ्री करवाना।
अपने संबोधन के दौरान उन्होंने अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट पर काफी जोर दिया उन्होंने कहा अधिवक्ता की सुरक्षा को लेकर जो लड़ाइयां हम लड़ रहे थे उसको कुछ असामाजिक तत्वों ने दबने का भर्षक प्रयास किया जिसके चलते हम असफल हो गए पूर्व अध्यक्ष मधुलिका यादव राजस्थान, छत्तीसगढ़, जैसे राज्यों का जिक्र करते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा राज्य है। लेकिन यहां पर अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट नहीं लागू किया जा रहा है ।जबकि वहीं दूसरी तरफ राजस्थान जैसे देशों में प्रोटेक्शन एक्ट लागू कर दिया गया है।
उन्होंने कहा महंगाई दिन प्रतिदिन बढ़ रही है उसको देखते हुए मौजूदा सरकार तथा बार काउंसलिंग के चयनित अध्यक्ष व सदस्य अधिकताओं हित में कोई संघर्ष करते नहीं दिखाई दे रहे हैं बल्कि कुंभकरणी नींद में सो रहे हैं जोकि समझ से परे है उन्होंने कहा महंगाई के हिसाब से अधिवक्ता बीमा की धनराशि जो 5 लाख थी उसको बढ़कर 10 लाख किया जाना अति आवश्यक है। बीकापुर के सभागार में मौजूद सदन के सम्मानित सदस्यों के बीच उन्होंने अधिवक्ताओं का स्वास्थ्य बीमा पर जोर देते हुए कहा कि जिस तरीके से अधिवक्ता संघ,बार काउंसलिंग में जितने भी शेयर आते हैं
उसको लेकर एक फंड की व्यवस्था बनाई जाए जिससे अधिवक्ताओं के साथ कोई आकस्मिक घटना घटने पर फंड से धनराशि स्वयं निकालकर समय रहते वह अपना इलाज कर सके और उसे इधर-उधर के चक्कर न लगाने पड़े। पूर्व अध्यक्ष ने अधिवक्ताओं का रजिस्ट्रेशन, सी. ओ. पी. नंबर की प्रक्रिया ऑनलाइन की जाए इस पर विशेष बल दिया। अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए उन्होंने यह भी बताया कि आज जो यह अधिवक्ताओं को 5 लाख बीमा की धनराशि दी जा रही है उसमें मेरी अहम भूमिका थी।
अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि जिस तरीके से जिले का सांसद, और तहसील का विधायक जनता की समस्याओं के लिए इधर से उधर आता जाता है और उनसे टोल टैक्स नहीं लिया जाता है ठीक उसी प्रकार एक अधिवक्ता भी वाद्कारी जनता के लिए हाई कोर्ट से लेकर कमिश्नर कोर्ट, सिविल कोर्ट, तहसील कोर्ट आता जाता है इसलिए इनका भी टोल टैक्स फ्री किया जाए इस पर भी विशेष जोर दिया। उन्होंने अधिवक्ताओं को पेंशन 5 से 6 हजार महीने दी जाए इस पर भी विशेष जोर दिया।
इस दौरान अधिवक्ता मनोज यादव, अवधेश प्रताप पांडे, चंद्रभूषण पांडे ,उमेश प्रसाद पांडे, ओम प्रकाश यादव, राम सजीवन पांडे, अवध राम यादव ,तुलसीराम तिवारी, ओम प्रकाश तिवारी ,शेख मोहम्मद इशहाक, बृजेश कुमार यादव, बृजेश तिवारी, अशोक कुमार सिंह, मोहम्मद शोएब, सैयद गुलरेज हैदर, विजय कुमार पांडे, रवि शंकर श्रीवास्तव, राजेंद्र राय, सदानंद पाठक, श्याम नारायण पांडे, बलराम यादव, आदित्य श्रीवास्तव, महावीर गुप्ता,
श्याम सुंदर कनौजिया, अवधेश प्रताप सिंह, घनश्याम दुबे, अमरजीत यादव, संजय कुमार पांडे, राममूर्ति यादव, विजयपाल सिंह, राकेश पाठक, अनंत नारायण पांडे, कालिंदी पाल ,शिखा सिंह ,सबीना रानी, अखिल यादव, पुष्पेंद्र मिश्र, सुशील पांडेय, दिनेश पांडेय, अशोक मिश्रा हरिहर यादव, बैजनाथ यादव, अजय भारती, सहायक लिपिक राम शंकर यादव, समेत सैकड़ो अधिवक्ता बैठक में मौजूद थे।