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अखिलेश का बड़ा एलान- 2022 में सरकार बनी तो, 25 लाख रुपये की 'किसान शहादत सम्मान राशि' देंगे

किसान आंदोलन को शुरू हुए एक वर्ष पूरा हो चुका है। इस अवधि में करीब सात सौ किसानों की शहादत हुई है। किसानों की मांग है कि अब सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर भी मंजूरी दे और अब तक जितने भी किसानों के खिलाफ अलग-अलग राज्यों में मुकदमें दर्ज किए गए हैं। उन्हें वापस ले।  संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने किसान आंदोलन का एक साल पूरा होने पर सभी मोर्चों पर भीड़ बढ़ाने की पहल शुरू कर दी है। सोमवार को लखनऊ की महापंचायत में ताकत दिखाने के बाद किसानों ने कुंडली बॉर्डर पर भीड़ जुटानी शुरू कर दी है। इसके लिए सोशल मीडिया पर लगातार अपील की जा रही है। तीन कृषि कानून रद्द होने की घोषणा से किसानों में एमएसपी समेत अन्य मांगों के पूरा होने की उम्मीद जगी है।

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने किसान आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के सम्मान में उनके परिजनों को यूपी में 2022 में सरकार बनने पर 25 लाख रुपये की 'किसान शहादत सम्मान राशि' देने का एलान किया है।

अखिलेश यादव ने बयान जारी कर कहा कि किसान का जीवन अनमोल होता है क्योंकि वो 'अन्य' के जीवन के लिए 'अन्न' उगाता है। हम वचन देते हैं कि 2022 में समाजवादी पार्टी की सरकार आते ही किसान आंदोलन के शहीदों को 25 लाख की किसान शहादत सम्मान राशि दी जाएगी।

उन्होंने ट्वीट कर बताया, ‘‘किसान का जीवन अनमोल होता है। क्योंकि वो ‘अन्य' के जीवन के लिए ‘अन्न' उगाता है। हम वचन देते हैं कि 2022 में समाजवादी  पार्टी  की सरकार आते ही किसान आंदोलन के शहीदों को 25 लाख की ‘किसान शहादत सम्मान राशि' दी जाएगी।'' उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार द्वारा संसद सेपारित किये गये तीन कृषि कानूनों के विरोध मेंएक साल से जारी किसान आंदोलन के दौरान 700 से अधिक किसानों की विभिन्न कारणों सेमौत हो गयी। 


किसान आंदोलन को शुरू हुए एक वर्ष पूरा हो चुका है। इस अवधि में करीब सात सौ किसानों की शहादत हुई है। किसानों की मांग है कि अब सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर भी मंजूरी दे और अब तक जितने भी किसानों के खिलाफ अलग-अलग राज्यों में मुकदमें दर्ज किए गए हैं। उन्हें वापस ले।

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संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने किसान आंदोलन का एक साल पूरा होने पर सभी मोर्चों पर भीड़ बढ़ाने की पहल शुरू कर दी है। सोमवार को लखनऊ की महापंचायत में ताकत दिखाने के बाद किसानों ने कुंडली बॉर्डर पर भीड़ जुटानी शुरू कर दी है। इसके लिए सोशल मीडिया पर लगातार अपील की जा रही है। तीन कृषि कानून रद्द होने की घोषणा से किसानों में एमएसपी समेत अन्य मांगों के पूरा होने की उम्मीद जगी है।



 

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