prayagraj today hindi news: माफिया अतीक कि कई करोड़ों की संपत्ति कुर्क, गैंगस्टर एक्ट में पुलिस ने की कार्रवाई

prayagraj latest today hindi news: प्रयागराज। बाहुबली माफिया अतीक अहमद के आर्थिक साम्राज्य पर सबसे बड़ी कार्रवाई की गई। झूसी में उसकी करोड़ों की संपत्ति कुर्क कर ली गई।
झूसी स्थित हवेलिया में अतिक की करोड़ों की संपत्ति को कुर्क कर लिया गया इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स के साथ अधिकारियों ने मुनादी करवाने के बाद कार्रवाई की माफिया बाहुबली अतीक अहमद की आर्थिक साम्राज्य पर सबसे बड़ी चोट देने की तैयारी की गई थी। उसकी 117 करोड रुपए कुल मूल्य वाली संपत्ति गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्की की जानी इसकी अनुमति जिला प्रशासन ने दे दी थी।
बुधवार को यह कार्रवाई की गई। यह संपत्तियां बेशकीमती जमीनों के रूप में हैं जो झूसी के हवेलीया कसारी मसारी में स्थित है। झूसी में अतीक की 36000 वर्ग जमीन चिन्हित की गई है। यह संपत्ति उसके पिताजी फिरोज अहमद के नाम पर है इसे 2006 2007 में खरीदा गया था पुलिस का दावा है।
कि यह संपत्ति अतीक अहमद ने अपराध से कमाए धन से अपने पिता के नाम पर खरीदी थी। जिसका मौजूदा कीमत लगभग 113 करोड़ है। इसी तरह कसारी मसारी में भी एक संपत्ति चिन्हित की गई है। यह भी बेशकीमती भूमि है जो अतीक अहमद के नाम पर है। पुलिस ने जिला प्रशासन की रिपोर्ट भेजकर बताया है कि अपराध के जरिए अर्जित की गई है।
झुंसी में 1.826और जमीन चिन्हित की गई हैं। जबकि कसारी मसारी में 0.1320 हेक्टेयर जमीन चिन्हित हुई है। पिछले दिनों के लिए जिला प्रशासन को भेजी गई थी। पुख्ता सूत्रों का कहना है कि जिला प्रशासन की ओर से इस संबंध में अनुमति प्रदान कर दी गई है। कार्रवाई के लिए पुलिस की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई है। पहले झूंसी और फिर कसारी मसारी संपत्ति को कुर्क किया गया है।
Allahabad High Court : आर्य समाज का विवाह प्रमाणपत्र शादी की वैधता का सबूत नहीं
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि विवाह पंजीकरण वैध विवाह का सबूत नहीं है। केवल इसे साक्ष्य के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र का कोई वैधानिक प्रभाव नहीं है।
शादी परंपरागत दोनों पक्षों की सहमति समारोह में होनी चाहिए। जिसमें सप्तपदी की रस्म पूरी हुई हो। कोर्ट ने कहा कि जब शादी ही वैध नहीं तो हिंदू विवाह अधिनियम की धारा नौ के तहत विवाह पुनर्स्थापन की अर्जी परिवार अदालत द्वारा स्वीकार न करना कानूनन सही है। शादी के वैध सबूत के बगैर धारा नौ की अर्जी मंजूर नहीं की जा सकती।
कोर्ट ने परिवार अदालत सहारनपुर की धारा नौ की अर्जी खारिज करने के फैसले के खिलाफ प्रथम अपील खारिज कर दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी तथा न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार की खंडपीठ ने आशीष मौर्य की अपील पर दिया है।
इसका कहना था कि अनामिका धीमान उसकी पत्नी है। विवाह पुनर्स्थापित करने की परिवार अदालत में अर्जी दी। बाद में समझौते के आधार पर वापस ले ली। किंतु कुछ दिन बाद दुबारा अर्जी दाखिल की। कथित पत्नी ने शादी होने से इंकार कर दिया। कहा, झूठी शादी की गई है।
उसे ब्लैकमेल करने के लिए आर्य समाज से विवाह प्रमाणपत्र लिया गया है। इसी मामले में थाना सदर बाजार, सहारनपुर में एफ आईआर दर्ज कराई गई है। पुलिस ने चार्जशीट भी दाखिल कर दी है। कोर्ट ने कहा कि सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश11 नियम -दो के तहत बिना शादी हुए पुनर्स्थापन अर्जी दाखिल की जा सकती है। ऐसी अर्जी प्रतिबंधित मानने के परिवार अदालत के फैसले को हाईकोर्ट ने सही माना और कहा आर्य समाज का विवाह प्रमाणपत्र शादी की वैधता का सबूत नहीं है।