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आईटीएम गीडा की दो छात्रा ने मिलकर बनाया चिल्डर्न सेफ्टी डोर बेल

*आईटीएम गीडा की दो छात्रा ने मिलकर बनाया चिल्डर्न सेफ्टी डोर बेल*  *संवाददाता:-अश्वनी कुमार*              सहजनवा गोरखपुर:- (चिल्डर्न सेफ्टी डोर बेल)चिल्डर्न डे पर गोरखपुर आईटीएम गीडा की दो छात्रा शाम्भवी मिश्रा, तान्या प्रजापती,  ने बच्चों के लिए एक ख़ास डोर बेल तैयार किया हैं l ये डोर बेल दरवाज़े पर लगे बटन को दबाने सें नहीं बल्कि छोटे बच्चे के दरबाजें के नजदीक आने सें बजता हैं l छात्रों ने बच्चों के लिए ऐसा स्मार्ट चिप तैयार किया हैं l जिसे बच्चों के जूते मोज़े, या कपड़े पर लगाया जा सकता हैं l इस उपकरण की मदद सें बच्चा जैसे घर के दरवाजे के पास पहुंचेगा डोरबेल अपने आप बजने लगेगा l एक आंकड़े के मुताबिख प्रति वर्ष  भारत में 60 हजार बच्चें लापता होते है मतलब पांच वर्षो में इनका अकड़ा लगभग 3 लाख बच्चें लापता होते हैं  इनमे छोटे बच्चों की संख्या अधिक है l इसी समस्या को ध्यान में रखते हुवें आईटीएम गिड़ा  बीटेक डेटा साइन्स सैकेंड की दो छात्रा.... ने मिलकर बच्चों की सुरक्षा के लिए बहुत कम खर्च में ऐसा इनोवेटिव प्रोजेक्ट तैयार किया है जिसके जरिये छोटे बच्चों पर ध्यान देने में उनके माता पिता को आसानी होंगी l कई बार छोटे बच्चें घर मे खेलते - खेलते घर से बाहर निकल जाते है इसकी जानकारी जब उनके माता पिता को होती है तब तक देर होचुका होता है l ऐसे में कई तरह के असामाजिक  तत्व सरगना है, जों ऐसे छोटे- छोटे बच्चों को अगवा करने का काम करते है l ऐसे हमें अपने घरों में छोटे बच्चों पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरुरत है l शोचिये आप घर में आप अपने घरेलु काम काज में व्यस्त हो या आप गहरी नींद में सो रहे है ऐसे में आप का छोटा बच्चा या बच्ची खेलते - खेलते घर से बाहर निकल गये  और आप को इसका पता  देर से चलता है तब तक बहुत देर होजाती है, लेकिन अगर आप का छोटा बच्चा जैसे ही घर के गेट के पास पहुंचे और घर के अंदर अलार्म के माध्यम से आप को पता होजाएं तो आप शतर्क हो जायेंगे और अपने बच्चों को गेट से बाहर जाने से रोक सकतें है l छात्रा... ने बताया हमारा इन्नोवेशन स्पेशली चिल्ड्रस के लिए है इस लिए हमने इसे प्रोजेक्ट को  ( चिल्ड्रन सेफ्टी डोर बेल)का नाम दिया है इसे आप बच्चों के शूज, किसी कपड़े  पर लगा सकतें है l इसे हमने विशेष रूप से छोटे - छोटे बच्चों के लिए डिज़ाइन किया है l चिल्ड्रन केयर स्मार्ट चिप रेडियो फ्रीक्वेंसी बेस टेक्नोलॉजी है l इसकी क़ीमत मात्र 100 सें 200 रूपये में होंगी ये एक ट्रांसमीटर रिसीवर की तरह काम करते है l ट्रांसमीटर चिप बच्चों के शूज में या उनके कपड़े में लगा होता है और रिसीवर घर के दरवाज़े या गेट पर लगा होगा जैसे चिप लगा जूता या कपड़ा पहना बच्चा घर के दरवाज़े या गेट के नजदीक आएगा घर के दरवाज़े व गेट पर लगे रिसीवर को बच्चे के जुते से निकलने वाला रेडिओ सिग्नल घर के दरवाजे व गेट पर लगे रिसीवर सें मिलने लगता है जिससे दरवाज़े पर लगा रिसीवर बच्चे के जुते के नजदीक आने पर एक्टिवेट हो कर दरवाज़े व गेट पर तेज अलार्म ऑन कर देता है l जिससे बच्चे के माता-पिता समय रहते सतर्क हो जायेंगे और बच्चों का केयर करेंगे l छात्रा ने बताया इस तकनिक में हमने जीपीएस या किसीभी तरह का सिम का इस्तेमाल नहीं किया हैं l इस लिए ये उपकरण चिप एन्ड बेस्ट होगा l ये डिवाइस एक अलार्म का काम करेगा ये चिप बहुत हीं छोटा हैं l इसे बच्चों के कपड़े या जूतों मोज़े में आसानी सें लगाया जा सकता हैं l छात्रा... ने बताया इसे बनाने में हमें 5 दिनों का समय और 200 रूपये का खर्च आया हैं l संस्थान के निदेशक डॉ एन के सिंह ने कहा लगातार बच्चों के गुमशुदा होने की ख़बरें अख़बार व सोशल मिडिया पर देखने को मिल जाती हैं l ऐसे में बच्चों की गुमशुदगी एक गंभीर समय हैं l इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुवें हमारे छात्रों छोटे बच्चों के लिए एक ऐसी  सिंपल चिप तैयार की हैं जो बच्चों को घर सें बाहर निकलने पर उनके माता पिता को अलार्म के माध्यम सें सुचना देता हैं l जिससे बच्चे गल्ती सें घर से बाहर नहीं निकल पाएंगे इस चिप सें घर के अंदर छोटे बच्चों पर नजर रखने में आसानी होंगी l छत्रा ने बताया इसे बनाने में : स्मॉल जूता, रेडिओं चिप, 3वोल्ट बटन बैटरी, एलईडी लाईट, रेडिओं रिसीवर, इत्यादि का प्रयोग किया गया है।

सहजनवा, गोरखपुर। (चिल्डर्न सेफ्टी डोर बेल)चिल्डर्न डे पर गोरखपुर आईटीएम गीडा की दो छात्रा शाम्भवी मिश्रा, तान्या प्रजापती,  ने बच्चों के लिए एक ख़ास डोर बेल तैयार किया हैं l ये डोर बेल दरवाज़े पर लगे बटन को दबाने सें नहीं बल्कि छोटे बच्चे के दरबाजें के नजदीक आने सें बजता हैं l छात्रों ने बच्चों के लिए ऐसा स्मार्ट चिप तैयार किया हैं l जिसे बच्चों के जूते मोज़े, या कपड़े पर लगाया जा सकता हैं l इस उपकरण की मदद सें बच्चा जैसे घर के दरवाजे के पास पहुंचेगा डोरबेल अपने आप बजने लगेगा l एक आंकड़े के मुताबिख प्रति वर्ष  भारत में 60 हजार बच्चें लापता होते है मतलब पांच वर्षो में इनका अकड़ा लगभग 3 लाख बच्चें लापता होते हैं  इनमे छोटे बच्चों की संख्या अधिक है l इसी समस्या को ध्यान में रखते हुवें आईटीएम गिड़ा  बीटेक डेटा साइन्स सैकेंड की दो छात्रा.... ने मिलकर बच्चों की सुरक्षा के लिए बहुत कम खर्च में ऐसा इनोवेटिव प्रोजेक्ट तैयार किया है जिसके जरिये छोटे बच्चों पर ध्यान देने में उनके माता पिता को आसानी होंगी l कई बार छोटे बच्चें घर मे खेलते - खेलते घर से बाहर निकल जाते है इसकी जानकारी जब उनके माता पिता को होती है तब तक देर होचुका होता है l ऐसे में कई तरह के असामाजिक  तत्व सरगना है, जों ऐसे छोटे- छोटे बच्चों को अगवा करने का काम करते है l ऐसे हमें अपने घरों में छोटे बच्चों पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरुरत है l शोचिये आप घर में आप अपने घरेलु काम काज में व्यस्त हो या आप गहरी नींद में सो रहे है ऐसे में आप का छोटा बच्चा या बच्ची खेलते - खेलते घर से बाहर निकल गये  और आप को इसका पता  देर से चलता है तब तक बहुत देर होजाती है, लेकिन अगर आप का छोटा बच्चा जैसे ही घर के गेट के पास पहुंचे और घर के अंदर अलार्म के माध्यम से आप को पता होजाएं तो आप शतर्क हो जायेंगे और अपने बच्चों को गेट से बाहर जाने से रोक सकतें है l छात्रा... ने बताया हमारा इन्नोवेशन स्पेशली चिल्ड्रस के लिए है इस लिए हमने इसे प्रोजेक्ट को  ( चिल्ड्रन सेफ्टी डोर बेल)का नाम दिया है इसे आप बच्चों के शूज, किसी कपड़े  पर लगा सकतें है l इसे हमने विशेष रूप से छोटे - छोटे बच्चों के लिए डिज़ाइन किया है l चिल्ड्रन केयर स्मार्ट चिप रेडियो फ्रीक्वेंसी बेस टेक्नोलॉजी है l इसकी क़ीमत मात्र 100 सें 200 रूपये में होंगी ये एक ट्रांसमीटर रिसीवर की तरह काम करते है l ट्रांसमीटर चिप बच्चों के शूज में या उनके कपड़े में लगा होता है और रिसीवर घर के दरवाज़े या गेट पर लगा होगा जैसे चिप लगा जूता या कपड़ा पहना बच्चा घर के दरवाज़े या गेट के नजदीक आएगा घर के दरवाज़े व गेट पर लगे रिसीवर को बच्चे के जुते से निकलने वाला रेडिओ सिग्नल घर के दरवाजे व गेट पर लगे रिसीवर सें मिलने लगता है जिससे दरवाज़े पर लगा रिसीवर बच्चे के जुते के नजदीक आने पर एक्टिवेट हो कर दरवाज़े व गेट पर तेज अलार्म ऑन कर देता है l जिससे बच्चे के माता-पिता समय रहते सतर्क हो जायेंगे और बच्चों का केयर करेंगे l छात्रा ने बताया इस तकनिक में हमने जीपीएस या किसीभी तरह का सिम का इस्तेमाल नहीं किया हैं l इस लिए ये उपकरण चिप एन्ड बेस्ट होगा l ये डिवाइस एक अलार्म का काम करेगा ये चिप बहुत हीं छोटा हैं l इसे बच्चों के कपड़े या जूतों मोज़े में आसानी सें लगाया जा सकता हैं l छात्रा... ने बताया इसे बनाने में हमें 5 दिनों का समय और 200 रूपये का खर्च आया हैं l संस्थान के निदेशक डॉ एन के सिंह ने कहा लगातार बच्चों के गुमशुदा होने की ख़बरें अख़बार व सोशल मिडिया पर देखने को मिल जाती हैं l ऐसे में बच्चों की गुमशुदगी एक गंभीर समय हैं l इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुवें हमारे छात्रों छोटे बच्चों के लिए एक ऐसी  सिंपल चिप तैयार की हैं जो बच्चों को घर सें बाहर निकलने पर उनके माता पिता को अलार्म के माध्यम सें सुचना देता हैं l जिससे बच्चे गल्ती सें घर से बाहर नहीं निकल पाएंगे इस चिप सें घर के अंदर छोटे बच्चों पर नजर रखने में आसानी होंगी l छत्रा ने बताया इसे बनाने में : स्मॉल जूता, रेडिओं चिप, 3वोल्ट बटन बैटरी, एलईडी लाईट, रेडिओं रिसीवर, इत्यादि का प्रयोग किया गया है।

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