तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में नवाचार, तकनीकी उन्नयन एवं चरित्र निर्माण पर विशेष विमर्श

गोरखपुर। इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स - इंडिया, लोकल चैप्टर गोरखपुर एवं इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, गीडा, गोरखपुर के संयुक्त तत्वावधान में डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम सभागार में तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ हुआ। संगोष्ठी का विषय "इक्कीसवीं सदी में तकनीकी नवाचार एवं सतत विकास में अभियंताओं की भूमिका" हैं।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना के साथ हुआ, जिसके पश्चात मुख्य अतिथि प्रोफेसर आर. के. खंडाल (पूर्व कुलपति, डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश) ने अपने वक्तव्य में युवाओं से केवल तकनीकी दक्षता प्राप्त करने के बजाय चरित्र निर्माण, नैतिक मूल्यों तथा सामाजिक उत्तरदायित्व को आत्मसात करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जब तक तकनीकी ज्ञान के साथ नैतिक दृष्टिकोण का समन्वय नहीं होगा, तब तक विकास अधूरा रहेगा।
विशिष्ट अतिथि इं जे. बी. रॉय ने शिक्षा एवं उद्योग के बीच सामंजस्य पर बल देते हुए कहा कि वर्तमान समय में नवाचार को व्यवहारिक रूप में प्रस्तुत करने वाले अभियंताओं की आवश्यकता है। डॉ. पी. के. मिश्रा (वरिष्ठ निदेशक, निर्माण उद्योग विकास परिषद) ने सतत विकास की दिशा में पर्यावरणीय उत्तरदायित्व को सर्वोपरि बताया।
संगोष्ठी के अंतर्गत आयोजित तकनीकी सत्रों में देशभर से पधारे विशेषज्ञों एवं विद्वानों ने विविध समसामयिक विषयों पर अपने विचार साझा किए। प्रमुख वक्ताओं में प्रोफेसर राकेश कुमार, प्रोफेसर बी. पी. सिंह, प्रोफेसर मनोज शुक्ला,इं एम. डब्ल्यू. बेग, डॉ मुराद अली तथा डॉ. रुचिर गुप्ता शामिल रहे, जिन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ग्रीन टेक्नोलॉजी, स्मार्ट एनर्जी सिस्टम, नवीकरणीय ऊर्जा तथा डिजिटल मैन्युफैक्चरिंग, डिजिटल इकॉनमी और बिज़नेस ट्रांसफार्मेशन जैसे ज्वलंत विषयों पर उपयोगी जानकारी प्रदान की।
कार्यक्रम के अंत मे संस्थान के निदेशक एवं इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स - इंडिया, लोकल चैप्टर गोरखपुर के अध्यक्ष डॉ. एन. के. सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह संगोष्ठी केवल तकनीकी ज्ञान का मंच नहीं रही, बल्कि इसके माध्यम से नैतिकता, चरित्र निर्माण एवं सामाजिक जिम्मेदारियों की भी सशक्त प्रेरणा युवाओं को प्राप्त हुई। उन्होंने सभी अतिथियों, वक्ताओं, आयोजकों एवं प्रतिभागियों का आभार व्यक्त करते हुए भविष्य में भी इस प्रकार के आयोजनों की निरंतरता बनाए रखने की बात कही।
कार्यक्रम का संचालन शालिनी सिंह द्वारा अत्यंत प्रभावी रूप से किया गया, जिससे पूरा आयोजन उत्साह, अनुशासन एवं गरिमा से पूर्ण रहा। इस अवसर पर संयुक्त सचिव श्री अनुज अग्रवाल, फार्मेसी निदेशक डॉ. पी. डी. पांडा, इं पवनेश कुमार, इं अमित कुमार, डॉ. आर. पी. सिंह, डॉ. वीरेन्द्र श्रीवास्तव, डॉ.ए आर त्रिपाठी डाॅ0 आर एल श्रीवास्तव, डाॅ0 मनोज कुमार मिश्रा, डाॅ0 कृष्ण कुमार, निधि गुप्ता, डॉ. अशुतोष गुप्ता, डॉ. अशुतोष राव, विनीत राय, दीप्ति ओझा, सुजाता दास, अनुराग श्रीवास्तव, प्रदीप चौधरी सहित संस्थान के सभी शिक्षकगण एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे। सभी ने इस आयोजन को ज्ञानवर्धक एवं प्रेरणादायक बताया।