सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे शिक्षा विभाग के जिम्मेदार, सत्यापन तिथि से पहले ही आवेदन पत्र को कर दिया निरस्त
गोरखपुर। सरकार की मंशानुरूप नि:शुक्ल तथा अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम2009 की धारा12(1)(ग) बनाया जिसके तहद दुर्बल वर्ग के बच्चों का कक्षा 1 व पुर्व माध्यमिक कि कक्षाओं में आनलाइन आवेदन लिया जाता है, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद में तैनात शिक्षा विभाग के जिम्मेदारो के मनमानी रवैया के कारण गरीब बच्चे सरकार की इस योजना से वंचित रह जा रहे हैं जिसके कारण सरकार की छवि भी धुमिल हो रही हैं।
ताज़ा मामला सहजनवां विकास खंड अन्तर्गत का है,जहां के प्रार्थी यादवेंद्र पुत्र स्व.पीतांबर यादव ग्राम-सीहापार के मूल निवासी है, जो अपने परिवार के साथ नगर पंचायत सहजनवां में किराए के मकान में रहते है। प्रार्थी अपने पुत्र जिसका नाम-अयांश उम्र लगभग (4)वर्ष का आवेदन दो वर्षों से लगातार क्रमशःतीन बार विभिन्न चरणों में नि:शुक्ल तथा अनिवार्य बाल शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 कि धारा12(1)(ग) के तहद किया,लेकिन आवेदन-पत्र को खंड शिक्षा अधिकारी सहजनवां और बेसिक शिक्षा अधिकारी गोरखपुर के द्वारा आवेदक से पूछताछ और जांच किए बैगर ही आवेदन-पत्र को घोषित सत्यापन तिथि से पहले बिना कारण बताए ही अनियमित तरीके से निरस्त कर दिया गया।
जिसके कारण आवेदक का पाल्य इस योजना से वंचित रह गया. जबकि सरकार आवेदन पत्रों की विधिवत जांच कर सत्यापन तिथि के बाद ही आवेदन पत्र पर कुछ निर्णय लेने का नियम बना रखी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद में लंबे समय से तैनात शिक्षा अधिकारी और कर्मचारी उनकी ही मंशा पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं, प्रार्थी ने आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत कर इस पुरे प्रकरण की जांच कराकर करवाई किए जाने की मांग की जो जनहित में न्याय संगत है।