घघसरा गोरखपुर। पाली ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत नेवास के मोहनाग गांव में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में रविवार को श्रीधाम अयोध्या से पधारे आचार्य विजय नाथ महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की अनोखी मित्रता का प्रेरक प्रसंग सुनाया। कथा सुनने के लिए ग्रामीणों की भारी भीड़ उमड़ी और पूरे गांव में भक्ति और श्रद्धा का वातावरण छा गया।
आचार्य विजय नाथ महाराज ने कहा कि सुदामा निर्धन जरूर थे, परंतु उनके हृदय में भक्ति और सच्चाई का अपार भंडार था। निर्धनता में भी उन्होंने अपने धर्म और आदर्शों से कभी समझौता नहीं किया। जब सुदामा द्वारका पहुंचे, तो भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें राजमहल के द्वार पर देखकर स्वयं दौड़कर गले लगा लिया। उन्होंने सुदामा के चरण धोकर उन्हें आसन दिया और प्रेमपूर्वक आदर-सत्कार किया।
आचार्य जी ने कहा कि कृष्ण-सुदामा की मित्रता केवल एक कथा नहीं, बल्कि जीवन का संदेश है - कि सच्ची मित्रता में स्वार्थ, पद या धन का कोई स्थान नहीं होता। यह संबंध केवल प्रेम, निष्ठा और भावनाओं से जुड़ा होता है।
इस अवसर पर यजमान लालता तिवारी, जयशंकर, अरविंद, प्रिंस, अजय सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे। कथा के दौरान भावनात्मक माहौल में श्रद्धालु भाव-विभोर हो उठे।
