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Gorakhpur News: राम कथा इतिहास नहीं बल्कि धर्म है - आचार्य आलोका नंद

Gorakhpur News: राम कथा इतिहास नहीं बल्कि धर्म है - आचार्य आलोका नंद

गोरखपुर। राम कथा इतिहास नहीं है, साक्षात्कार धर्म है। क्योंकि इतिहास होता तो बार-बार पढ़ने और सुनने से मन ऊब जाता। इसे जितनी  बार पढ़ा जाए आनंद उतना अधिक बढ़ता है। उक्त बातें वृंदावन धाम है पधारे आचार्य आलोकानंद जी महाराज ने कही। वह घघसरा नगर पंचायत के वार्ड संख्या 11 परशुराम नगर मोहल्ला पनिका में चल रही। शत् चंण्डी महायज्ञ के तीसरे दिन व्यासपीठ से श्रद्धालुओं को कथा रसपान करा रहे थे। उन्होंने कहा कि यह कथा त्रेता युग से चल रही है। लाखों  वर्ष बीत  गये पर इसकी दिव्यता और भव्यता में कोई अंतर नहीं आया। रामचरितमानस तो भगवान् शिव जी ने मन में रचकर रखा था। समय आने पर जगत कल्याण के लिए माँ पार्वती जी को सुनाया। जिसे संत गोस्वामी जी मनुष्यों के कल्याण के लिए प्रकाशित  किया।

मानस में सात सुरों का ध्यान रखा गया है। इसे किसी भी सुर में गाया और सुनाया जा सकता है। हर चौपाईयां बडी़ सारगर्भित है, जिसकी व्याख्याएं बहुत बडी़ होती हैं। यह ग्रंथ मनुष्य को परिवार, समाज और देश के प्रत्रि अपनी जिम्मेदारियों का बोध कराता है,दैनिक जीवन में इस ज्ञान का हर रोज उपयोग होता है।  दुनियां का सबसे प्राचीन ग्रंथ रामायण ही हमें सिखाता है कि- जननी जन्मभूमिश्च। स्वर्गादपिगरी सी। अर्थात हमारी मात्रभूमि स्वर्ग से बढ़कर है। उक्त अवसर पर-आचार्य विनय कुमार शास्त्री, विद्यानंद पांडे उर्फ बंगाली बाबा, विनोद कुमार पांडेय, परमेश्वर चौधरी, भागीरथी,शैलेंद्र पांडेय, चंद गुप्ता, जोखन चौधरी, नन्हे पांडेय, सागर चौधरी, प्रेम चंद गौड, पिंटू पाण्डेय, सत्यवान, सुरेश प्रसाद, पूर्व प्रधान पूजा पाण्डेय, शकुन्तला गुप्ता, राम प्रकाश कन्नौजिया, कन्हैया प्रसाद समेत कई लोग मौजूद थे।

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