Gorakhpur News: पंचायत सचिवों का सामने आया भ्रष्टाचार, कार्यालय व शौचालय की टूटी फटी दीवार

गोरखपुर। जिले के विकास खंड सहजनवां में भ्रष्टाचार का खेल खुलेआम जारी है। वर्षों से जमे ग्राम पंचायत सचिव और जिम्मेदार अधिकारी पंचायत निधियों में धांधली कर रहे हैं। ग्राम पंचायतों में अमृत सरोवर, पंचायत भवन, शमशान घाट निर्माण, मरम्मत कार्य, राजवित्त आयोग एवं मनरेगा परियोजनाओं में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं।
सचिवों पर गंभीर आरोप
सूत्रों के अनुसार, सहजनवां ब्लॉक पर तैनात ग्राम पंचायत सचिव अभय गौड़ और अन्य सचिवों के खिलाफ ग्राम प्रधानों ने बार-बार शिकायत दर्ज कराई है। आरोप है कि ग्राम पंचायत के धन की निकासी फर्जी तरीके से की जाती है, परंतु जिम्मेदारों द्वारा अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। यही कारण है कि भ्रष्टाचारियों के हौसले दिन-ब-दिन बुलंद होते जा रहे हैं।
टेंडरों में गोलमाल
ग्राम पंचायतों में जारी टेंडरों को लेकर भी गंभीर गड़बड़ी के आरोप हैं। सरकार के निर्देश के बावजूद टेंडरों का भुगतान फर्म के खाते में न होकर नकद किया जा रहा है। टेंडर की छपाई और भुगतान में भी बड़ा अंतर देखने को मिला है। यदि पूरे पंचवर्षीय टेंडरों की जांच हो, तो करोड़ों रुपये के घोटाले उजागर हो सकते हैं।
निर्माण कार्यों में धांधली
ग्राम पंचायतों में अमृत सरोवर, सामुदायिक शौचालय और पंचायत भवनों के निर्माण में मानकों की अनदेखी की गई है। वहीं, कई स्थानों पर फर्जी मनरेगा कार्य दिखाकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया। हाल ही में एक ग्राम प्रधान ने ब्लॉक के जिम्मेदारों पर कमीशनखोरी का आरोप लगाया है, जिसकी जांच फिलहाल लंबित है।
ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि ने मानी गड़बड़ी
ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि अटल सिंह ने भी स्वीकार किया कि क्षेत्र पंचायत निधि से कराए गए कुछ कार्यों में गड़बड़ी की आशंका है। उनका कहना है कि ग्राम पंचायत और क्षेत्र पंचायत के बीच गोलमाल हुआ है। यदि इन कार्यों की जांच कराई जाए, तो बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार सामने आ सकता है।
प्रभावित ग्राम पंचायतें
सूत्रों के अनुसार, कट्या, मझौरा, भक्सा, हरपुर, रघुनाथपुर, गनौरी, कटसहरा, हरदी, अनंतपुर, खीरीडाड़, दरघाट, जबरैला, बिस्कोहर, परमेश्वरपुर, गंगटही, गीदहा, गोरेडीह, रामपुर गढ़थवली समेत दर्जनों ग्राम पंचायतों में भारी भ्रष्टाचार हुआ है।
आखिर चुप क्यों चुप हैं जिम्मेदार?
मुख्य विकास अधिकारी से संपर्क साधने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी। स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर जिम्मेदार अधिकारियों की नजर इन गंभीर अनियमितताओं पर क्यों नहीं पड़ रही। ब्लॉक के सचिवों की दबंगई और मनमानी अब ग्रामीणों के बीच चर्चा का विषय बन गई है।
अगर शासन-प्रशासन समय रहते जांच नहीं करता, तो सहजनवां ब्लॉक का यह भ्रष्टाचार आने वाले समय में और बड़ा घोटाला बनकर सामने आ सकता है।