
गोरखपुर। गीडा थाना क्षेत्र के गाहासाड में रविवार को शाम 6 बजे के करीब मारपीट के मामले को लेकर दो पक्षों में जमकर मारपीट हुई थी दोनो पक्षों ने एक दूसरे के मकान पर जम कर ईट पत्थर चलाए और मकान में तोड़फोड़ के साथ गाड़ियों और सामान को तोड़ दिए थे। मिली जानकारी से गाहासाड निवासी विनोद का साढू गोरखपुर निवासी बौहार नाम का व्यक्ति घर आया था। वह रविवार शाम को 5 बजे के करीब अपने घर जा रहा था। सीवान के बाहर पहुंचा था कि आधा दर्जन की संख्या में शरारती तत्वों ने उसे पीट दिया।
इसके बाद दूसरा पक्ष उलाहना देने पहुंचा। उसी दौरान दोनों पक्षों में विवाद के साथ ईट पत्थर चलने लगे। सूचना पर पहुंची पुलिस शरारती तत्वों को खदेड़ कर मामले को काबू में किया वही लोगो का कहना था कि स्थानीय जनप्रतिनिधि व विट सिपाही के सूझ बूझ से बड़ी घटना होने से बची थी कुछ देर बाद गीडा, सहजनवा थाने की पुलिस पहुंची पूरा मोहल्ला पुलिस छावनी में बदल गया। पुलिस देख शरारती तत्व भाग खड़े हुए और भोलू,और राधारमन के घर पर आकर हमला बोल दिए। और गाड़ी,टीवी,कूलर,शौचालय,फ्रिज, सहित घर में लगे शीशा,तथा अन्य सामान तोड़फोड़ डाले। पुलिस आने के बाद शरारती तत्व भाग खड़े हुए।
पुलिस ने करीब एक दर्जन लोगो को हिरासत में लेकर विधिक कारवाई कर जेल भेज दिया था वही कुछ अस्थानी धुरंधर पत्रकार भ्रामक खबरों को छाप कर मौके का माहौल बिगाड़ रहे हैं वही बुधवार को हमारी टीम मौके पर पड़ताल करने पहुंची तो देखा गया कि मौके पर कोई भी पीएसी बल तैनाथ नही किया गया है और ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस की कोई भी लापरवाही नही है पुलिस को जब शिकायत मिली थी तो मौके पर पुलिस के लोग आए थे और जांच कर चले गए वही जब ग्रामीणों से पूछा गया कि जब ईट पत्थर चल रहे थे तो पुलिस कहा थी तो ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस दोनों पक्षों को समझाने में लगी थी और पुलिस के सूझ बूझ से बड़ी घटना होने से बचा था।
वही इस पूरे मामले में जब आईपीएस/थाना प्रभारी गीडा आशना चौधरी से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि गांव में कोई भी पीएसी नही लगाई गई थी ना ही तीन थानों की पुलिस आई थी नाही पुलिस के द्वारा कोई तोड़ फोड़ किया गया था मौके पर सिर्फ गीडा की पुलिस और सहजनवा थाने के कुछ स्टाप बुलाये गए थे स्थानीय अखबार में लगाई गई खबर पुरी तरह से गलत है खबर मे जो भी आरोप लगाया गया है वह पूरी तरह बेबुनियाद हैं।