जर्जर भवन, दफ्तर, गंदगी का अंबार, फिर भी बेखबर अफसर

हर वर्ष लाखों रूपए खर्च किए जाते तहसील भवन के नाम पर फिर भी सहजनवा तहसील भवन व परिसर बदहाल
सहजनवा गोरखपुर। बारिश के बाद जर्जर भवनों के ढहने का खतरा बढ़ गया है । आम लोगों के पुराने व जर्जर मकान को प्रशासन ढहाने का निर्देश दे रहा है, वहीं सरकारी जर्जर भवनों के प्रति खुद बेपरवाह है । सहजनवा तहसील परिसर के दफ्तर, जर्जर भवनों में संचालित हो रहे हैं । उनकी हालत डराने वाली है, मगर जिम्मेदारों की बेरुखी से कर्मचारी चुप चाप यहां काम करने को विवश हैं ।
स्थानीय तहसील कार्यालय भवन विगत लंबे समय से जर्जर और कंडम हालत में है । तकरीबन 35 साल पुराने इस भवन के सुधार की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है । फलस्वरुप भवन की हालत और भी ज्यादा खराब होती जा रही है । तहसील परिसर की वर्तमान हालत यह है की इसके भवन के ऊपर पीपल, बरगद, मदार व घास फूस तक उग आए है जिसके वजह से भवन की स्थिति और दयनीय होते जा रही है ।
प्रधानमंत्री व मुख्य मंत्री के स्वच्छता अभियान का मजाक उड़ाता तहसील परिसर व जिम्मेदार अधिकारी ।
एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री एक भारत, श्रेष्ठ भारत व स्वच्छ भारत का नारा लगा रहे, वहीं सहजनवा तहसील परिसर मुख्यमंत्री के इस सपने की खिल्ली उड़ाता नजर आ रहा है, और तहसील परिसर के ज़िम्मेदार अधिकारी इसपे चुप्पी साधे हुए है ।
तहसील परिसर में चारों तरफ गंदगी का अंबार लगे हुए है, टूटे हुए कूड़ेदान, बंद पड़ा सार्वजनिक शौचालय, वर्षो से खराब और बंद पड़ा हुआ पानी का फिल्टर तथा पुरुष शौचालय में फेकी हुए टूटी कुर्शिया इस बात का प्रमाण है की अधिकारियों को तहसील परिसर के इस दयनीय स्थिति से कोई लेना नहीं है ।
वहीं सहजनवा तहसील पर आए दिनों बड़े अधिकारियों के दौरे होते रहते है, पर फिर भी तहसील के इस जर्जर स्थिति पर किसी को नजर नहीं जाती और न ही कोई परिसर के इस स्थिति को जानने में कोई अपनी रुचि दिखाता है ।