बीयर बेच कर कमाई होगी करोड़ों में... नोट गिनते गिनते छूट जाएंगे पसीने... मंत्रीजी की नसीहत सुनकर आप भी रह जाएंगे हैरान!

Sell beer… you will get tired of counting notes…: खाचरियावास यहीं नहीं रुके उन्होने कहा-मैं जब यूनिवर्सिटी स्टूडेंट था, तब RTDC के रेस्टो बार गौरी में आता था। सीजन के हिसाब से होटल की रेट में भी परिवर्तन करेंगे, तो होटल सरपट दौड़ेगा आरटीडीसी के गणगौर होटल का पहले इतना नाम था कि लोग मेहमानों को ठहराने के लिए तरसते थे। समय के साथ आरटीडीसी ने बदलाव नहीं किया।
Sell beer… you will get tired of counting notes…: बिहार में शराबबंदी के बाद देश के कई राज्यों में शराबबंदी की मांग उठने लगी है। मध्यप्रदेश में भी पूर्व सीएम उमा भारती ने भी शराबबंदी की मांग को लेकर लंबे समय से सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है।
इस बीच गहलोत सरकार के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने ऐसा बयान दे दिया है, जिसे लेकर सियासी गलियारों में बवाल मच सकता है।
जयपुर में एक कार्यक्रम के दौरान मंत्री खाचरियावास ने कहा कि होटल्स में ज्यादातर लोग पीने वाले ही आते हैं। ऐसे में अगर होटल में बार नहीं होगा, तो कौन आएगा?
आरडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ के 1 साल का कार्यकाल पूरा होने पर गणगौर होटल के अंदर लोन में हुए कार्यक्रम के मंच से खाचरियावास ने यह बात बोली। तो आरटीडीसी कर्मचारी भी मंत्री के शराब प्रोत्साहन के बोल सुनकर आश्चर्य में पड़ गए।
मंत्री ने कहा-शादी ब्याह के लिए गणगौर होटल को देना चालू करो, लोग इसे बुक कर लेंगे। मुझे याद है मेरी सिस्टर की बारात भी इसी होटल में रुकी थी। उस वक्त मैं स्कूल में था।
लेकिन तब गणगौर का बढ़िया नाम था। उस वक्त भैरोंसिंह शेखवात चीफ मिनिस्टर थे। वह मेरे बड़े फादर थे। उन्होंने मेरे पिताजी से कहा कि बारात को गणगौर होटल में ठहरा देते हैं।
खाचरियावास ने कहा कि आज प्राइवेट बड़े होटल वाले 10 -11 हजार रुपए का रूम ऑफ सीजन में 3000 रुपए में दे देते हैं, लेकिन आरटीडीसी का 3000 रुपए का रूम है, तो ऑफ सीजन में भी रेट नहीं हटाई जाती। उसी रेट पर रूम रेंट बना रहता है, इसलिए कस्टमर और टूरिस्ट दूसरे होटलों में चला जाता है।
आप सारे रूम को खाली पड़ा रहने देते हो, बिजली खर्च होती रहती है, कर्मचारी खाली बैठे रहते हैं। इस हालात को सुधारना पड़ेगा। सीजन और मार्केट के हिसाब से चलना पड़ेगा।
खाचरियावास यहीं नहीं रुके उन्होने कहा-मैं जब यूनिवर्सिटी स्टूडेंट था, तब RTDC के रेस्टो बार गौरी में आता था। सीजन के हिसाब से होटल की रेट में भी परिवर्तन करेंगे, तो होटल सरपट दौड़ेगा।
आरटीडीसी के गणगौर होटल का पहले इतना नाम था कि लोग मेहमानों को ठहराने के लिए तरसते थे। समय के साथ आरटीडीसी ने बदलाव नहीं किया।