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12 घंटे में दूसरी बार हिली धरती, अमृतसर के बाद प्रयागराज और सिंगरौली में भूकंप के आये झटके

दिवाली (Diwali 2021) के दिन असम (Assam) में गुरुवार की सुबह भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए हैं. नेशनल सेंटर फॉर सीस्‍मोलॉजी के अनुसार गुरुवार सुबह करीब 10:19 बजे तेजपुर (Tezpur Earthquake) से 35 किमी पश्चिम-दक्षिण पश्चिम क्षेत्र में यह भूकंप आया. रिक्‍टर स्‍केल पर इसकी तीव्रता 3.7 मापी गई है. हालांकि अभी इससे जानमाल के नुकसान की कोई खबर सामने नहीं आई है. भूकंप के झटके महसूस होने पर कई जगह लोग घरों से बाहर निकल आए. इससे पहले 31 अक्‍टूबर को महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के सिरोंचा तालुका में 4.3 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया था.

पंजाब के अमृतसर के बाद सोमवार दोपहर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज और मध्यप्रदेश के सिंगरौली में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.2 मापी गई है।

 

 

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप दोपहर करीब 2:35 बजे आया है। भूकंप की गहराई जमीन से 10 किलोमीटर नीचे थी। हालांकि, अभी तक किसी भी जानी-माली नुकसान की सूचना नहीं मिली है।

पंजाब के अमृतसर में सोमवार सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप सुबह करीब 3:42 बजे आया है। जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.1 मापी गई है।


 

भूकंप का केंद्र 145 किलोमीटर अमृतसर से पश्चिम में पाकिस्तान के चिनिओट शहर से 8 किलोमीटर दूर था, जो जमीन से 10KM नीचे है। पाकिस्तान के चिनिओट में इसकी तीव्रता 4.2 मैग्नट्यूट मापी गई। हालांकि, अभी तक किसी भी जानी-माली नुकसान की सूचना नहीं मिली है।

दो दिन पहले दिल्ली-NCR में आया था भूकंप


दो दिन पहले दिल्ली-एनसीआर में शनिवार, 12 नवंबर 2022 की रात 7.57 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.4 मापी गई थी। भूकंप के झटके इतने तेज थे कि लोग घरों से बाहर निकलकर भागने लगे थे।

आखिर क्यों आते हैं भूकंप ?


भूकंप आने के पीछे की वजह पृथ्वी के भीतर मौजूद प्लेटों का आपस में टकराना है। हमारी पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती हैं। जब ये आपस में टकराती हैं, तब फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है। जिसकी वजह से सतह के कोने मुड़ जाते हैं और वहां दबाव बनने लगता है।

ऐसी स्थिति में प्लेट के टूटने के बाद ऊर्जा पैदा होती है, जो बाहर निकलने के लिए रास्ता ढूंढती है। जिसकी वजह से धरती हिलने लगती है।

कैसे मापते हैं भूकंप की तीव्रता


रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र (एपीसेंटर) से मापा जाता है। भूकंप को लेकर चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है।

मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के अनुसार इसमें जोन-5 से जोन-2 तक शामिल है। जोन 5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है और इसी तरह जोन दो सबसे कम संवेदनशील माना जाता है।

किस तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक है

• 0 से 1.9 तीव्रता का भूकंप काफी कमजोर होता है। सीज्मोग्राफ से ही इसका पता चलता है।

• वहीं 2 से 2.9 तीव्रता का भूकंप रिक्टर स्केल पर हल्का कंपन करता है।

• 3 से 3.9 तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है जैसे कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर गया हो।

• 4 से 4.9 तीव्रता का भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। साथ ही दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।

• 5 से 5.9 तीव्रता का भूकंप आने पर घर का फर्नीचर हिल सकता है।

• 6 से 6.9 तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है।

• 7 से 7.9 तीव्रता का भूकंप खतरनाक होता है। इससे बिल्डिंग गिर जाती हैं और जमीन में पाइप फट जाती है।

• 8 से 8.9 तीव्रता का भूकंप काफी खतरनाक होता है। जापान, चीन समेत कई देशों में 8.8 से 8.9 तीव्रता वाले भूकंप ने खूब तबाही मचाई थी।

• 9 और उससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आने पर पूरी तबाही होती है। इमारतें गिर जाती है। पेड़ पौधे, समुद्रों के नजदीक सुनामी आ जाती है।

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