Kashi Vishwanath Aarti: बाबा विश्वनाथ में सालों से चली आ रही है अनोखी परंपरा, इस आरती में काशीवासी ही विशेष गीत के जरिए बाबा को सुलाते हैं
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बाबा विश्वनाथ (Kashi Vishwanath) पूरे विश्व के नाथ हैं। काशीवासी हर रोज बाबा की कई आरतियां करते हैं। सुबह बाबा को जगाने के लिए मंगला आरती की जाती है। तो वहीं दोपहर में भोग आरती भी होती है।
इन आरतियों में से एक है शयन आरती। इस आरती से बाबा को सुलाया जाता है और हर रोज काशीवासी इसके साक्षी बनते हैं।
आइए हम जानते हैं बाबा के शयन आरती के बारे में
नाथों के नाथ काशी विश्वनाथ के इस आरती में गर्भगृह में उनकी चांदी की पालकी लगाई जाती है। फिर उसपर कपड़े बिछाए जाते हैं और उसपर बाबा का खड़ाऊ भी रखा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी चांदी की पालकी पर बाबा विश्वनाथ विश्राम करते हैं।
सबसे खास बात ये है कि बाबा के शयन आरती के बगैर काशीवासियों का दिन अधूरा होता है। इस आरती में काशीवासी ही विशेष गीत के जरिए बाबा को सुलाते हैं।
हर रोज शयन आरती में शामिल होने वाले शिवभक्त ने बताया कि यह आरती अद्भुत होती है और इसमें शामिल होने वाले रोज आरती के समय बिना बुलाए ही मंदिर पहुंच जाते हैं।
यह आरती 10:30 बजे शुरू होती है और 11 बजे समाप्त हो जाती है। बताते चलें कि शयन आरती से पहले बाबा का श्रृंगार आरती किया जाता है, जिसमें विभिन्न चीजों से बाबा का अभिषेक किया जाता है।
शृंगार आरती के बाद शयन आरती शुरू होती है, जिसके बाद बाबा का कपाट बंद हो जाता है। अगले दिन फिर भोर में मंगला आरती के समय बाबा का कपाट खुलता है।