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Chaitra Navratri 2023: जानें कब से शुरू हो रही चैत्र नवरात्रि? इस नवरात्र बन रहे चार महासंयोग, नौ दिनों का होगा नवरात्र...

Chaitra Navratri News Updates 2023: नवरात्र में चार महासंयोग, नौ दिनों का होगा व्रत, जानें कब से शुरू हो रही चैत्र नवरात्रि?

Chaitra Navratri News Updates 2023: इस बार तीन सर्वार्थ सिद्धि, तीन रवि योग, दो अमृत सिद्धि योग और गुरु पुष्य का संयोग बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग 23, 27 और 30 मार्च को लगेगा। अमृत सिद्धि योग 27 व 30 मार्च को और रवि योग 24, 26 व 29 मार्च को लगेगा। नवरात्रि के अंतिम दिन रामनवमी पर गुरु पुष्य योग का महासंयोग बन रहा है।

 

Chaitra Navratri 2023: शक्ति की आराधना का महापर्व चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से शुरू होगा। माता की आराधना के साथ नवसंवत्सर की भी शुरुआत हो जाएगी। इस बार नवरात्र में चार योग का महासंयोग बन रहा है।

 

 

व्रत और पूजन के लिए नौ दिन मिलेंगे। इस बार माता का आगमन नौका और प्रस्थान डोले पर होगा।

 

 


काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के सदस्य पंडित दीपक मालवीय ने बताया कि चैत्र नवरात्रि इस बार पूरे नौ दिनों की होगी। इस बार तीन सर्वार्थ सिद्धि, तीन रवि योग, दो अमृत सिद्धि योग और गुरु पुष्य का संयोग बन रहा है।

 

 

 

सर्वार्थ सिद्धि योग 23, 27 और 30 मार्च को लगेगा। अमृत सिद्धि योग 27 व 30 मार्च को और रवि योग 24, 26 व 29 मार्च को लगेगा। नवरात्रि के अंतिम दिन रामनवमी पर गुरु पुष्य योग का महासंयोग बन रहा है।



नौ दुर्गा के साथ गौरी पूजन का विधान


काशी में चैत्र नवरात्रि पर नौ दुर्गा के साथ ही नौ गौरी की पूजा का विधान है। 22 मार्च को प्रथम शैलपुत्री की पूजा के साथ ही घट स्थापना की जाएगी। 30 मार्च को महागौरी की पूजा के साथ ही राम नवमी भी मनाई जाएगी।



पारण 31 मार्च को होगा

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नवरात्रि का पारण 31 मार्च को होगा। दुर्गा सप्तशती के अनुसार नवरात्र बुधवार से शुरू हो रहा है। ऐसे में माता का आगमन नौका पर होगा जो फसल, धन-धान्य और विकास के लिए काफी लाभदायक रहेगा।

चैत्र नवरात्रि में कैसे करें कलश स्थापना

शक्ति की 09 दिनों तक साधना-आराधना करने के लिए घर के ईशान कोण में कलश स्थापना करनी चाहिए। इसके लिए किसी नदी या सरोवर की पवित्र मिट्टी लेकर गंगाजल की मदद से एक मिट्टी के पात्र में जौ बो दें।

इसके बाद उस पात्र में थोड़ा अक्षत डालकर उसके ऊपर कलश स्थापित करें और उसमें एक सिक्का, सुपारी और गंगाजल डालें।  इसके बाद कलश के ऊपर लाल चुनरी में लपेटा हुआ नारियल अशोक या आम के पत्तों को दबाते हुए रखें।

 इसके बाद देवी दुर्गा की पूजा के लिए 09 दिनों तक जलने वाला अखंड दीप जलाएं और मां शैलपुत्री की विधि-विधान से पूजा और उनके मंत्र का जाप करें। 

 कैसे करें व्रत की शुरुआत

चैत्र मास के शुक्लपक्ष की प्रतिपदा के पहले दिन देवी मां शैलपुत्री की पूजा का विधान है॰  इस दिन से देवी पूजा के लिए रखा जाने वाला 09 दिनों का व्रत प्रारंभ होता है और इसी दिन शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना की जाती है। 

 ऐसे में नवरात्रि के पहले दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान-ध्यान करने के बाद माता के व्रत का संकल्प लें और उसके बाद ईशान कोण में एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर माता की फोटो या प्रतिमा स्थापित करें और विधि-विधान से पूजा करें। 

चैत्र नवरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल चैत्र नवरात्रि का महापर्व 22 मार्च 2023, बुधवार से प्रारंभ होगा। पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्लपक्ष की प्रतिपदा तिथि 21 मार्च 2023 को रात्रि 10:52 बजे से प्रांरभ होकर 22 मार्च 2023 को रात्रि 08:20 बजे तक रहेगी। 

 नवरात्रि के पहले दिन किए जाने वाले कलश की स्थापना का सबसे उत्तम मुहूर्त 22 मार्च 2023 को प्रात:काल 06:23 से लेकर 07:32 बजे तक रहेगा।  इस दिन किसी भी शुभ एवं पूजन कार्य के लिए निषिद्ध माना जाने वाला राहुकाल दोपहर 12:28 से लेकर 01:59 बजे तक रहेगा। ऐसे में देवी पूजा को इस दौरान करने से बचें। 

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