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पूजा में महिलाएं क्यों नहीं फोड़ती नारियल, जानिए क्या है खास वजह?

पूजा में महिलाएं क्यों नहीं फोड़ती नारियल, जानिए क्या है खास वजह?

हिंदू धर्म में हर शुभ कार्य में नारियल का प्रयोग किया जाता है। गृह प्रवेश, विवाह और अन्य शुभ कार्यों में कलश पर नारियल रखा जाता है। कोई भी नया कार्य आरंभ करने से पहले नारियल फोड़ा जाता है।

नारियल को बहुत ही पवित्र माना जाता है क्योंकि अत्यधिक ऊंचाई पर होने और इसकी ऊपरी सतह बहुत सख्त होने के कारण इस फल को कोई पशु या पक्षी झूठा नहीं कर पाता है।

इसलिए इसका उपयोग पूजा अनुष्ठान में किया जाता है। आपने इस बात पर ध्यान दिया होगा कि नारियल केवल पुरूष ही फोड़ते हैं महिलाओं को नारियल फोड़ने के लिए मना किया जाता है, लेकिन क्या आपको पता है कि महिलाएं नारियल क्यों नहीं तोड़ती हैं। चलिए जानते हैं। 


महिलाएं इसलिए नहीं तोड़ती नारियल


नारियल फोड़ना बलि का प्रतीक माना जाता है, और परंपरागत रूप से नारियल को नई सृष्टि के सृजन का बीज माना गया है। नारियल को बीज का स्वरूप माना गया है और इसे प्रजनन से जोड़कर देखा जाता है।

महिलाओं को ही ईश्वर ने संतान को जन्म देने की शक्ति प्रदान की है इसलिए स्त्री को उत्पत्ति की कारक माना गया है, यही कारण है कि महिलाओं के लिए नारियल फोड़ना वर्जित कर्म माना गया है।

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नए कार्य से पहले नारियल फोड़ने के पीछे की क्या है मान्यता?


हिंदू धर्म में जब कोई नया वाहन खरीदता है या व्यापार आदि शुरू करता है तो नारियल फोड़ा जाता है। इसके पीछे तर्क है कि नारियल के अंदर का पानी बहुत ही पवित्र होता है।

जब हम नारियल फोड़ते हैं तो उसका पानी चारों ओर बिखर जाता है, जिससे सारी नकारात्मकता समाप्त हो जाती है। इसके अलावा विशेष मनोकामना पूर्ति के लिए  भी मंदिर में नारियल फोड़ते हैं। 

नारियल का महत्व


पौराणिक कथाओं के अनुसार जब भगवान विष्णु ने पृथ्वी पर अवतार लिया तो वे अपने साथ तीन चीजें- लक्ष्मी, नारियल का वृक्ष तथा कामधेनु लेकर आए। ये तीनों ही चीजें मनुष्य के लिए वरदान हैं। यही कारण है कि नारियल के वृक्ष को कल्पवृक्ष भी कहा जाता है।

नारियल में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों ही देवताओं का वास माना गया है। नारियल पर बने हुए तीन बिंदु भगवान शिव के तीन नेत्रों का प्रतीक माने जाते हैं। नारियल को श्री फल भी कही जाता है श्री का अर्थ होता है लक्ष्मी। इसलिए नारियल मां लक्ष्मी को प्रिय है। देवताओं को श्री फल अर्पित करने से धन की समस्या नहीं रहती है।

नारियल को बहुत ही पवित्र माना जाता है। नारियल में भगवान ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश तीनों ही त्रिदेवों का वास माना जाता है। नारियल में तीन आंखों शिव के त्रिनेत्र का रूप मानी गई हैं। 

शास्त्रों में नारियल फोड़ना एक तरह की बलि का प्रतीक माना गया है। महिलाओं के इसे ना फोड़ने के पीछे मान्यता है कि नारियल एक बीज है और महिला एक बीच के रूप में बच्चे को जन्म देती है। कहते हैं कोई महिला नारियल फोड़ती है तो इसका नकारात्मक असर गर्भाशय पर पड़ता है।

धरती पर फल के रूप में भगवान विष्णु ने लक्ष्मी जी के साथ नारियल को भी भेजा था। इस पर सिर्फ मां लक्ष्मी का अधिकार है। इसलिए महिलाओं का नारियल फोड़ना वर्जित है।

हर शुभ काम में नारियल फोड़ने के पीछे मान्यता है कि इसके फूटने पर पानी चारों ओर बिखरता है जो सारी नकारात्मकता को दूर करता है। इसका पानी बहुत पवित्र माना गया है।

सभी नारियल की तुलना में एकाक्षी नारियल का विशेष महत्व है इसे माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। 

मान्यता है​ कि जिसके पास एकाक्षी नारियल होता है उसे जीवन में कभी धन की कमी नहीं होती।

मान्यता है कि विष्णु भगवान और मां लक्ष्मी, नारियल का वृक्ष और कामधेनु को पृथ्वी पर ले आए थे नारियल के पेड़ को कल्पवृक्ष भी कहा जाता है। मान्यता है कि भगवान को नारियल चढ़ाने से दुख-दर्द का नाश होता है।

पूजा में कलश के ऊपर नारियल रखा जाता है, इसे गणेश जी का प्रतीक मानते हैं। इनकी पूजा के बिना कोई भी कार्य पूर्ण नहीं होता।

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