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श्रीरामचरितमानस की चौपाइयां अब विदेशी भाषाओं में देंगी सुनाई, सुर और लय के साथ होगी संगीतबद्ध

श्रीरामचरितमानस की चौपाइयां अब  विदेशी भाषाओं में देंगी सुनाई, सुर और लय के साथ होगी संगीतबद्ध

The chaupais of Shri Ramcharitmanas will now be narrated in foreign languages, will be composed with melody and rhythm


लखनऊ। आपने रामचरितमानस की ये चौपाई तो सुनी ही होगी “देवि पूजि पद कमल तुम्हारे, सुर नर मुनि सब होहिं सुखारे…।”

 

 

अब वो कुछ इस प्रकार भी सुनाई दे सकती है। “बाय वर्शिपिंग लोटस लाइक योर फीट ओ गाडेस, आल गाड्स, ह्मयूमन एंड सेंट गेट प्लेजर…” दरअसल ये तैयारी है विदेशों में रामचरितमानस पाठ पढ़ाने की साथ ही इसका संगीतमय मंचन भी होगा।

बता दें कि प्रवासी देशों में रामायण परंपरा बहुत प्रसिद्ध है, लेकिन रामचरितमानस अवधी में होने के कारण विदेशियों को भाषायी समस्याएं आती हैं।

लोग कथा पात्रों के अभिनय के आधार पर रामकथा को समझने की कोशिश करते हैं, लेकिन रामचरितमानस में प्रयुक्त चौपाई, दोहा, छंद, सोरठा आदि को समझ नहीं पाते।

 

 

 

 

होगा अंग्रेजी भाषा में अनुवाद

रामकथा की वैश्विक व्याप्ति को देखते हुए संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह और पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम के मार्गदर्शन में अयोध्या शोध संस्थान ने त्रिनिदाद और टोबैगो के साथ मिलकर एक अभिनव प्रयोग करने की योजना बनाई है।

इसके अंतर्गत रामचरितमानस की चौपाइयों और दोहों को अंग्रेजी में अनुवाद कर उन्हें शास्त्रीय/उपशास्त्रीय सुर, लय और ताल में निबद्ध कराकर प्रवासी देशों में उपलब्ध कराया जाएगा।

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बता दें कि ग्लोबल इंसाइक्लोपीडिया आफ द रामायण के अंतर्गत अयोध्या शोध संस्थान ने कई शोधपूर्ण नवाचार किए हैं। उसी श्रृंखला का एक नया आयाम है।

 

 

रामायण के गायन उपलब्ध कराने का संकल्प

गौरतलब है कि ‘रिसाइटिंग रामचरितमानस इन इंग्लिश इन द डायस्पोरा’ विषय एक आनलाइन अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी भी की। इसमें त्रिनिदाद और टोबैगो के साथ दक्षिण अफ्रीका, गयाना, मारीशस सहित कई देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लेकर अपने विचार व्यक्त किए।

इस काम को अयोध्या शोध संस्थान और त्रिनिदाद और टोबैगो की डॉ. इन्द्राणी राम प्रसाद द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है।

इसमें त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय दूतावास में दूसरी सचिव डॉ. शिव निगम ने अंगेजी में रामायण के गायन उपलब्ध कराने के अपने संकल्प को प्रकट किया।

त्रिनिदाद और टोबैगो करेंगा शुभारंभ

अंग्रेजी में रामचरितमानस के संगीत पक्ष के लिए भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय की प्रोफेसर सृष्टि माथुर ने सहमति दी है।

रामचरितमानस के अंग्रेजी अनुवाद को वह संगीतबद्ध करने में अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करेंगी और इसमें छंदों के वैविध्य को भी ध्यान में रखकर अलग-अलग धुनों में इसे तैयार किया जाएगा,

जिससे कि यह प्रवासीयों के बीच में और अधिक लोकप्रिय हो सके। दरअसल, विदेश में रहने वाले लोग रामचरितमानस की कथा को ठीक से समझे, इसलिए उसका अंग्रेजी में अनुवाद होने जा रही है।

इसके साथ ही उसकी चौपाइयों, छंदों को भी संगीतबद्ध करने की की तैयारियां शुरू हो गईं है। इस काम का शुभारंभ त्रिनिदाद और टोबैगो से होने जा रहा है।

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