बेटे ने की मां की निर्मम हत्या! नमक-मिर्च लगाकरखाया शव, दरिंदगी सुन काप उठेंगे आप ....
अदालत ने कहा कि दोषी के अंदर नरभक्षण की प्रवृत्ति है, और यह समाज के लिए अत्यंत खतरनाक है।
मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को कोल्हापुर की निचली अदालत के उस फैसले को बरकरार रखा, जिसमें एक व्यक्ति को अपनी मां की निर्मम हत्या और नरभक्षण के अपराध के लिए मौत की सजा दी गई थी। अदालत ने इस मामले को क्रूरता और घिनौने अपराध की श्रेणी में रखते हुए दोषी सुनील कुचकोरवी की सजा को कायम रखा।
अदालत का फैसला
जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने दोषी की सुधार की कोई संभावना न होने का हवाला देते हुए कहा कि वह नरभक्षण जैसी घिनौनी प्रवृत्ति का है और समाज के लिए खतरा बन सकता है। हाईकोर्ट ने कहा कि दोषी ने न केवल अपनी मां की हत्या की बल्कि उसके अंग—मस्तिष्क, हृदय, गुर्दे और आंतों को काटकर कढ़ाई में पकाने का भी प्रयास किया, जो मामले को और भी भयावह बनाता है।
जानिए क्या हैं पूरा मामला
घटना 28 अगस्त, 2017 की है, जब कोल्हापुर निवासी 63 वर्षीय यल्लामा रामा कुचकोरवी की हत्या उसके ही बेटे सुनील कुचकोरवी ने कर दी थी। जब मां ने उसे शराब के लिए पैसे देने से मना किया, तो गुस्से में आकर सुनील ने इस क्रूर हत्याकांड को अंजाम दिया। इसके बाद, उसने शव के अंगों को काटा और कुछ अंगों को कढ़ाई में तलने का प्रयास किया।
जानिए क्या मिली सजा
अदालत ने कहा कि दोषी के अंदर नरभक्षण की प्रवृत्ति है, और यह समाज के लिए अत्यंत खतरनाक है। 2021 में कोल्हापुर की निचली अदालत ने सुनील को इस जघन्य अपराध के लिए मौत की सजा सुनाई थी।
यह मामला न केवल कानून व्यवस्था बल्कि समाज के नैतिक ताने-बाने को भी झकझोरने वाला है, जिससे सभी के रोंगटे खड़े हो गए हैं।