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दिल्ली के बाद महाराष्ट्र में गहराया बिजली संकट

दिल्ली के बाद महाराष्ट्र में गहराया बिजली संकट
सरकार का दावा कोयले का संकट नहीं, फिर क्यों बंद हुए 20 पावर स्टेशन

कोयले की कमी (Coal Crisis) के कारण महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (MSEDCL) को बिजली आपूर्ति करने वाले बिजली केंद्रों के कुल 13 यूनिट रविवार को बंद हो गए हैं।  इसके चलते राज्य में 3330 मेगावाट बिजली आपूर्ति ठप हो गई है।  आलम ये है कि उपभोगताओं से कम बिजली इस्तेमाल करने की अपील की जा रही है। 

बिजली कम यूज करने की अपील

MSEDCL ने उपभोक्ताओं से डिमांड और सप्लाई को संतुलित करने के लिए सुबह 6 बजे से 10 बजे तक और शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक बिजली का कम उपयोग करने की अपील की है।  चंद्रपुर, भुसावल और नासिक की 210-210 मेगावाट, पारस-250 मेगावाट और भुसावल और चंद्रपुर की 500 मेगावाट की इकाइयों को बंद कर दिया गया है।  इसके अलावा पोस्टल गुजरात पावर लिमिटेड (गुजरात) के 640 मेगावाट के 4 और रतन इंडिया पावर लिमिटेड (अमरावती) के 810 मेगावाट के 3 सेट बंद हैं। 

जब कोयले की कमी नहीं तो बिजली का संकट क्यों?

अब ऐसे में सवाल उठता है कि जब सरकार खुद कह रही है कि देश में कोयले का संकट नहीं है तो फिर थर्मल पॉवर प्लांट बंद क्यों हो रहे हैं? महाराष्ट्र में 13 और पंजाब में 7 थर्मल पॉवर प्लांट बंद हो गए है।  केरल में कुछ प्लांट के बंद होने की खबरें हैं।  महाराष्ट्र इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड ने सुबह 6 से 10 बजे तक और शाम को 6 बजे से रात 10 बजे तक बिजली का कम से कम इस्तेमाल करने की अपील की है। इसी तरह पंजाब में भी बिजली का संकट पैदा हो गया है और वहां 13 अक्टूबर तक हर दिन 3 घंटे की बिजली कटौती रहेगी । दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि दिल्ली में अगर 24 घंटे का स्टॉक बचा तो हमें भी पावर कट प्लान करना पड़ेगा। मनीष सिसोदिया ने कहा कि कई पावर प्लांट में कोयले की किल्लत है और प्लांट बंद भी हुए हैं। 

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क्या सच में है बिजली का संकट?

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने POSOCO यानी पॉवर सिस्टम ऑपरेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड से मिले आंकड़ों के हवाले से बताया है कि अक्टूबर के 7 दिनों में पॉवर सप्लाई में 11.2% की कमी दर्ज की गई. POSOCO के आंकड़े ये भी बताते हैं कि झारखंड, बिहार और राजस्थान में हालात और भी खराब हैं ।  झारखंड में बिजली की 18% से 24% की कमी दर्ज की गई है, जबकि बिहार में 6% और राजस्थान में 17% कमी आई है। आंकड़ों से ये भी पता चलता है कि गुजरात और हरियाणा जैसे इंडस्ट्रियल स्टेट्स में भी बिजली का संकट हो रहा है। साथ ही उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में भी बिजली की सप्लाई में कमी आ रही है। 

प्रमुख घटनाक्रम इस प्रकार हैं:

1. केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में कहा कि भारत में बिजली संकट की आशंका प्रबल है. कोयला मंत्रालय ने कहा, “देश में मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त कोयला उपलब्ध है”.

2. केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने रविवार को सभी थर्मल पावर प्लांट में कोयला भंडार की स्थिति की समीक्षा की. पहले की रिपोर्टों में कहा गया था कि 135 कोयले से चलने वाले प्लांट भारत की आधे से अधिक बिजली की सप्लाई करती हैं. लेकिन उनके अब केबल तीन दिनों से कम समय तक चलने वाला इंधन ही बचा है.

3. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा इस विषय पर चिंता व्यक्त किए जाने के बाद केंद्र का खंडन आया, उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार ने बिजली प्लांट में कोयले की कमी को जल्दी से हल नहीं किया तो दिल्ली को बिजली की कमी का सामना करना पड़ सकता है. उन्होंने संकट के समाधान के लिए प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है.

4. केंद्रीय बिजली मंत्रालय के बयान के बाद, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि केंद्र यह मानने को तैयार नहीं है कि कोयला संकट है. उन्होंने कहा कि हर समस्या से आंखें मूंद लेने की उसकी नीति देश के लिए खराब साबित हो सकती है.

5. पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कोयले की कमी की जांच की मांग की.

6. मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने रविवार को दावा किया कि राज्य बेहतर स्थिति में है. मंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने अपने बिजली स्टेशनों के लिए आठ मीट्रिक टन कोयले की खरीद के लिए स्टेटमेंट जारी की हैं.

7. पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (SAD) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि मौजूदा संकट पूरी तरह से “मानव निर्मित” है और सत्तारूढ़ सरकार की “पूरी तरह से उपेक्षा और अग्रिम योजना की अनुपस्थिति और तैयारी का प्रत्यक्ष परिणाम है.”

8. पंजाब में बिजली सप्लाई की स्थिति गंभीर बनी हुई है और राज्य के स्वामित्व वाली PSPCL ने रविवार को कहा कि राज्य में 13 अक्टूबर तक तीन घंटे तक दैनिक बिजली कटौती रहेगी.

9. जैसे-जैसे दुनिया के बाकी हिस्सों में अर्थव्यवस्थाएं खुल रही हैं, कोयले जैसे बिजली उत्पादन ईंधन के आयात की मांग बढ़ गई है. मांग में इस वृद्धि के कारण कोयले के वैश्विक मूल्य में भी बढ़ोतरी हुई है.

10. हालांकि, इस मॉनसून भारत के पूर्वी और मध्य राज्यों में बाढ़ के कारण, खदानों और परिवहन मार्गों की उत्पादन क्षमता प्रभावित हुई है.

ताजा स्थिति क्या है?

नेशनल पॉवर पोर्टल के आंकड़ों के मुताबिक, अभी 110 प्लांट में से 16 ऐसे हैं जिनका स्टॉक खत्म हो चुका है. वहीं, 30 प्लांट के पास 1 दिन, 18 के पास 2 दिन, 19 के पास 3 दिन, 9 के पास 4 दिन, 6 के पास 5 दिन और 10 प्लांट के पास 6 दिन का कोयले का स्टॉक है. जबकि, दो प्लांट ही ऐसे हैं जिनके पास 7 और 8 दिन का स्टॉक है.

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