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सरकार ने लिया बड़ा फैसला! 1500 से अधिक संविदा कर्मचारियों को नौकरी से निकाला

Government took a big decision! More than 1500 contract employees were fired

छत्तीसगढ़।  मध्यप्रदेश और राजस्थान सहित पांच राज्यों में इसी साल चुनाव होना है। लेकिन चुनाव से पहले अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण का मुद्दा इन राज्यों में तेजी से गूंज रहा है। इसी बीच उत्तराखंड से अनियमित कर्मचारियों को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है।

 

 

यहां की सरकार ने 1600 अनियमित कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी है। वहीं, सरकार के इस फैसले के खिलाफ कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया है। बताया जा रहा है कि इन कर्मचारियों की नियुक्ति कारेाना काल में की गई थी।

 

 

 मिली जानकारी के अनुसार दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सबसे ज्यादा दिक्कत लैब एवं वार्डों में हुई। यहां पर आउटसोर्स एजेंसी को अपने कर्मचारी बुलाने पड़े, वहीं वार्डों में एक-एक नियमित वार्ड ब्वॉय ही रह गए। जिन पर कार्य का बोझ बढ़ गया है।

वहीं इमरजेंसी, प्रशासनिक अनुभाग, पीआरओ सेल, फार्मेसी समेत अन्य विभागों में दिक्कतें झेलनी पड़ी।

स्टेट फ्रंटलाइन हेल्थ केयर वर्क यूनियन अध्यक्ष संजय कोरंगा ने कहा कि गुरुवार से प्रदेशभर में कर्मचारी अस्पतालों के बाद आंदोलन करेंगे। जब तक उनकी सेवा विस्तारित नहीं की जाती, आंदोलन चलता रहेगा।

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उधर, पुरानी बिल्डिंग में पानी की टंकी के नीचे एकत्र होकर कर्मचारियों ने आगामी रणनीति बनाई। इस दौरान यश वर्धन, आशा, मुकेश शर्मा, अंकिता, हिमांशु, चमन, मिथिलेश बलूनी, सौरभ, मनीषा, आकांक्षा, अंश तोमर, राम निवास आदि मौजूद रहे।

जिन कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त हुई है। उन कर्मचारियों ने सर्जरी विभाग में प्रयोगात्मक परीक्षा लेने पहुंचे प्राचार्य से अपनी बात रखनी चाही। आरोप है कि प्राचार्य ने सही से बात नहीं की और चलते-चलते ही उनका सेवा विस्तार खत्म होने एवं कल से नहीं आने की बात कहकर चले गए।

उपनल कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष ओर से एमएस को एक चिट्ठी लिखी गई है। जिसमें उन्होंने कर्मचारियों की सेवा विस्तारित करने की मांग की है। कहा कि कर्मचारियों के हटने से अस्पताल में सेवाएं प्रभावित होगी।

उन्होंने जल्द इन्हें बहाल नहीं करने पर धरने की चेतावनी दी है। उधर, नर्सिंग स्टाफ का भी रिन्युअल नहीं होने से उनमें भी आक्रोश है, वह भी जल्द आंदोलन में शामिल हो सकते हैं।

डिप्टी एमएस ने कहा कि कर्मचारियों के हटने से दिक्कत होना स्वभाविक है। अब कर्मचारियों को थोड़ा ज्यादा काम करना पड़ेगा। वार्ड ब्वॉयों के लिए यह व्यवस्था की है कि वह दस से पंद्रह दिन का इंडेन वार्ड से बनवाएंगे और इंडेन मुख्य स्टोर एवं दवा स्टोर में उपलब्ध करा देंगे।

वहां से सामान भिजवा दिया जाएगा, उन्हें इंतजार नहीं करना पड़ेगा। वहीं लैब के कार्य के संबंध में एजेंसी से बात हो गई है। वह स्थिति को संभाल लेंगे।

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