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Anganwadi Recruitment Update: आंगनबाड़ियों में 50,000 से अधिक पदों पर निकली भर्ती, जल्द करें आवेदन, यहां देखें पूरी डिटेल...

Anganwadi Recruitment Update: आंगनबाड़ियों में 50,000 से अधिक पदों पर निकली भर्ती, जल्द करें आवेदन, यहां देखें पूरी डिटेल...

UP Anganwadi Recruitment 2022: बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग उत्तर प्रदेश ने राज्य के आठवीं, दसवीं पास उम्मीदवारों के लिए यूपी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, यूपी आंगनबाड़ी सहायिका, यूपी आंगनबाड़ी मिनी कार्यकर्ता के पचास हजार से अधिक पदों पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन प्रकाशित किया है।

 

 

उत्तर प्रदेश आंगनबाड़ी भर्ती 2022 के लिए योग्य इच्छुक उम्मीदवार जो विभाग द्वारा निर्धारित शैक्षणिक योग्यता की पात्रता रखते हैं अंतिम तिथि से पूर्व बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग उत्तर प्रदेश की ऑफिशियल वेबसाइट balvikasup.gov.in के माध्यम से Up Anganwadi Online Form भर सकते हैं।
 

पचास हजार से अधिक पद खाली


गौरतलब है कि राज्य में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के तकरीबन 1.89 लाख पद सृजित हैं और इनमें से अभी तकरीबन पचास हजार से अधिक पद खाली हैं। इन पदों के खाली होने की वजह से आंगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन भी बाधित हो रहा है।

इसलिए यह उम्मीद जताई जा रही है कि इन पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया जल्द ही पूरी की जा सकती है। एक बार भर्ती का आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी होने के बाद इसे लेकर आवेदन, योग्यता, आयु सीमा, चयन प्रक्रिया संबंधी पूरी जानकारी उपलब्ध करा दी जाएगी
 

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आंगनबाड़ी भर्ती योग्यता


राज्य में निकलने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की इस भर्ती में न्यूनतम 21 वर्ष और अधिकतम 35 वर्ष तक के अभ्यर्थियों को आवेदन का मौका दिया जा सकता है। वहीं विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस भर्ती में आवेदन करने के लिए अब 10वीं के बदले अभ्यर्थियों का न्यूनतम 12वीं पास होना आवश्यक किया जा सकता है।

हालांकि इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक सूचना सामने नहीं आयी है। इसलिए किसी भी तरह के अपडेट के लिए कैंडिडेट्स संबंधित विभाग की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं। 
 

दो चरणों में होगी भर्ती


रिपोर्ट्स में बताया गया है कि उत्तर प्रदेश बाल विकास पुष्टाहार विभाग ने रिक्त पदों को चिन्हित कर लिया है और यूपी सरकार ने भर्ती के लिए प्रस्ताव भी पारित कर दिया है। ऐसे में यूपी आंगनबाड़ी भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया है।

जानकारी के अनुसार इन पदों पर भर्ती 2 चरणों में होगी। जिसके तहत पहले चरण में आगामी छह माह के भीतर 20,000 पद भरे जाएंगे। वहीं शेष 30,000 पद अगले एक साल के अंदर भरे जाएंगे।

आंगनवाड़ी में नया आदेश जारी, जानिए क्या क्या हुआ बदलाव, पूरी जानकार तुरंत...

उत्तप्रदेश में विगत आठ वर्षो से ज्यादा चल रही आंगनवाडी केन्द्रों को गोद लेकर आदर्श आंगनवाडी केंद्र बनाने की योजना राज्य सरकार पर भारी पड़ रही है इन आठ वर्षो में आंगनवाडी केन्द्रों में बदलाव के नाम पर सिर्फ आदेश जारी होते है।  लेकिन ये योजना धरातल पर नहीं उतर सकी अगर जिलो में एकाध केंद्रों को छोड़ दिया जाए तो प्रदेश में आंगनवाड़ी केंद्रों की स्थिति बदहाल है खासकर किराये के भवनों में संचालित किए जा रहे।  केंद्रों में शिक्षा के नाम पर सिर्फ पोषाहार वितरण केंद्र बन चुके है। 

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2014 में आंगनवाड़ी केंद्रों में पंजीकृत लाभार्थियों के कुपोषण को दूर करने के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों को माननीय व अधिकारियों को गोद लिए जाने की शुरुवात की गई थी लेकिन 2022 तक भी ये प्रक्रिया धीरे धीरे रेंग रही है विभाग के आला अधिकारियों द्वारा आदेश जारी कर खानापूर्ति कर दी जाती है।

इस कड़ी में एक नए आदेश के साथ आंगनवाड़ी केंद्रों को आदर्श आंगनवाड़ी केंद्र बनाने के संबंध में आदेश जारी किया है जिसमे बांदा और शाहजहांपुर की स्थिति क्या है इसके बारे में बताते है। 

बांदा जिले में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों की तरह आंगनवाड़ी केन्द्रों को भी गोद लेकर आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्र बनाने का जिम्मा जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को दिया जा रहा है। इसके लिए उत्तरप्रदेश शासन द्वारा दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। इन केन्द्रों को आदर्श आंगनवाडी केंद्र बनाने का उद्देश्य कुपोषण मुक्त करना और इन केन्द्रों में आधारभूत सुविधाओं का सुदढीकरण करना है।

बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों की शिक्षा गुणवत्ता में सुधार को लेकर अधिकारियों द्वारा इन स्कूलों को गोद लेकर इनमें बकायदा क्लास भी ली जा रही है। जिससे शिक्षा के स्तर मे सुधार लाया जा सके। इसी कड़ी में अब सरकार की मंशा आंगनवाड़ी केन्द्रों के स्तर में भी सुधार लाने की है। जिसको लेकर अब अधिकारी इन केन्द्रों को भी गोद लेकर आदर्श आंगनवाडी केन्द्र बनाएंगे।

इसके लिए बकायदा शासन की सचिव अनामिका सिंह के द्वारा कमिश्नर, डीएम और जिता कार्यक्रम अधिकारी को निर्देश भी जारी किए गए हैं। इस आदेश में कहा गया है कि आंगनवाड़ी केन्द्रों को गोद लेकर जनप्रतिनिधि, अधिकारीगण केन्द्र के सर्वांगीण विकास कराते हुए आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्र के रूप में इन्हें विकसित कराया जाए।

6 माह में विकसित करना होगा आंगनवाडी केंद्र

केन्द्रों को गोद लेने की प्रक्रिया जनपद में गोद लिए जाने वाले आंगनवाड़ी केन्द्रों की सूची जिला कार्यक्रम अधिकारी या बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा संबन्धित गोद लेने वाली संस्था को उपलब्ध कराई जाएगी।

उनसे विचार विमर्श कर उनकी स्वेच्छा से गोद लिए जाने वाले आंगनवाड़ी केन्द्र चिन्हित किए जाएंगे। इसके बाद अधिकारियों द्वारा गोद लिए जाने वाले शेष आगनवाड़ी केन्द्र आवंटित किए जाएंगे। आदर्श केन्द्र बनाने की समयावधि गोद लिए गए आंगनवाड़ी केन्द्रों को आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्र के रूप में विकसित करने के लिए निर्धारित समयावधि छह माह की होगी।

आदर्श केन्द्र की इस तरह होगी घोषणा गोद लिए आंगनवाड़ी केन्द्रों को निर्धारित अवधि में उक्त मानकों को पूर्ति होने पर जिला पोषण समिति द्वारा आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्र घोषित किया जाएगा। इसके बाद प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा।

जिले के 121 आंगनबाड़ी केंद्रों का होगा कायाकल्प

जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों की दशा सुधारने के लिए नप्रतिनिधियों, अधिकारियों, शैक्षिक संस्थानों तथा औद्योगिक संस्थानों द्वारा गोद लेकर आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र बनाये जायेंगे। बाल विकास एवं सेवा पुष्टाहार विभाग एवं अन्य विभागों द्वारा संचालित योजनाओं द्वारा समेकित प्रयास करते हुए चयनित केंद्रों को आदर्श बनाया जाएगा। शैक्षिक संस्थान या संस्था द्वारा 3 वर्षों के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों वो गोद लेना होगा।

जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा 121 आंगनबाड़ी केंद्रों की सूची तैयार कर जिलाधिकारी को भेज दी गई है. जिसमें 110 आंगनबाड़ी केंद्रों को जनपद स्तर के अधिकारी तथा 11 केंद्र जन प्रतिनिधियों को गोद दिया जाएगा। संस्थानों द्वारा गोद लिए गए आंगनवाड़ी के निरीक्षण करने के लिए शैक्षिक संस्थानों या संस्था द्वारा नामित प्रतिनिधि को दायित्व दिया जायेगा।

जिलाधिकारी द्वारा प्रत्येक महीने पोषण समिति बैठक में गोद लिए गए आंगनबाड़ी केंद्रों की समीक्षा की जाएगी तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा बैठक में निर्धारित प्रपत्र पर रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। जिला कार्यक्रम अधिकारी युगल किशोर सांगुड़ी ने बताया कि आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र बनाने के लिए जनपद के 121 केंद्रों का चयन किया गया है. इन केंद्रों में बेहतर सुविधाएं दी जाएंगी।

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