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पत्नी का पति से तलाक होता है लेकिन बेटी का पिता से नहीं, राज्य महिला आयोग ने कहा बेटी का पैतृक संपत्ति पर पूरा अधिकार

पत्नी का पति से तलाक होता है लेकिन बेटी का पिता से नहीं, राज्य महिला आयोग ने कहा बेटी का पैतृक संपत्ति पर पूरा अधिकार

महिला उत्पीड़न से संबंधित बिलासपुर की जनसुनवाई में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, सदस्य अर्चना उपाध्याय और डॉ. अनिता रावटे ने प्रथना सभा कक्ष, जल संसाधन परिसर बिलासपुर में जनसुनवाई की। इस जनसुनवाई में कुल 35 प्रकरण सुनवाए गए, जिसमें से एक प्रकरण में एक अनावेदक ने अपनी बेटी आवेदिका के लिए अपने पिता से न्यायिक संपत्ति में हिस्सेदारी की मांग की है।

इस प्रकरण में अनावेदक का दावा है कि उन्होंने अपनी पहली पत्नी से तलाक ली थी और दूसरी शादी की थी, जिससे उनकी दो बेटियां हुईं। उन्होंने बताया कि आवेदिका उनकी दूसरी पत्नी की बेटी है और उसे अभी तक अपने नाम की कोई संदर्भित दस्तावेज़ों में दर्ज नहीं किया गया है।

अनावेदक ने बताया कि आवेदिका वर्तमान में बीबीए सेकेण्ड ईयर की स्टूडेंट है, और उसकी पढ़ाई, लिखाई और इलाज के लिए आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। अतः वह अपने पिता से अपने अधिकार की मांग करने के लिए जनसुनवाई में उपस्थित हुई है।

उसने यह भी बताया कि आवेदिका की मां बेरोजगार थीं और उस समय आवेदिका की उम्र दो साल थी और उसे बीमारी थी। आवेदिका की मां ने उसकी पढ़ाई और स्वास्थ्य के सभी खर्चों का ध्यान रखा था, जबकि अनावेदक की सरकारी नौकरी थी।

अनावेदक के पिता ने बताया कि वे समस्त कृषि भूमि की परची में आवेदिका का नाम दर्ज करेंगे और उनके शासकीय अभिलेख में उसका नाम भी दर्ज करेंगे, ताकि उनकी बेटी को अपने अधिकार की पहचान मिल सके। उन्होंने यह भी बताया कि तलाक पत्नी से होने के बावजूद, बेटी का पिता उसके जायजाद में बराबर के हकदार होता है।

इस मामले में अनावेदक अगली सुनवाई में अपना प्रस्ताव रखने के लिए रायपुर जाने की योजना बना रहे हैं, जो 12 जून को होगी। उनका मानना है कि इस प्रस्ताव के बाद समस्या का समाधान मिलेगा और उनकी बेटी की पढ़ाई और इलाज के लिए उन्हें आर्थिक सहायता मिलेगी।

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