Lawrence Bishnoi: कौन है गैंगेस्टर लारेंस बिश्नोई, कैसे बन रहा अंडरवर्ल्ड का नया बादशाह? सलमान को है किस बात का खतरा?
Lawrence Bishnoi: बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद से लॉरेंस बिश्नोई का नाम फिर से चर्चा में है, कांग्रेस और एनसीपी से जुड़े वरिष्ठ नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए इस हत्या की जिम्मेदारी ली है। पोस्ट में धमकी दी गई है कि "जो सलमान खान की मदद करेगा, उसे इसका अंजाम भुगतना होगा।"
इस घटना के बाद गुजरात के अहमदाबाद में स्थित साबरमती जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। विपक्ष ने राज्य सरकार पर जेल के अंदर से अपराधी गतिविधियों को संचालित होने देने का आरोप लगाया है, जिससे सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
सबसे सुरक्षित जेल पर उठे सवाल
साबरमती जेल को देश की सबसे सुरक्षित जेलों में से एक माना जाता है। यहां अतीक अहमद जैसे अपराधी को भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर रखा गया था, लेकिन बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद यह सवाल उठ रहा है कि जेल में बंद होने के बावजूद बिश्नोई गैंग कैसे अपराधों को अंजाम दे रहा है। लॉरेंस बिश्नोई ने पिछले कुछ वर्षों में देश के अंदर और बाहर ग्लोबल क्राइम नेटवर्क खड़ा कर लिया है, जो सुपारी किलिंग और एक्सटॉर्शन जैसी गतिविधियों में लिप्त है।
बाबा सिद्दीकी का राजनीतिक सफर
बाबा सिद्दीकी का लंबा राजनीतिक करियर रहा है। उन्होंने लंबे समय तक कांग्रेस में सक्रिय भूमिका निभाई और फिर इसी साल फरवरी में एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) का दामन थामा था। मुंबई और महाराष्ट्र की राजनीति में उनकी मजबूत पकड़ थी, और वे कई बार विधायक भी रह चुके थे।
उनका नाम तब सुर्खियों में आया जब उन्होंने सलमान खान और शाहरुख खान की दुश्मनी को दोस्ती में बदलने में अहम भूमिका निभाई। इस वजह से भी लॉरेंस बिश्नोई गैंग की पोस्ट में उनके नाम का जिक्र किया गया है, क्योंकि बिश्नोई समुदाय सलमान खान से काले हिरण शिकार मामले को लेकर रंजिश रखता है।
बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद विपक्ष ने राज्य सरकार पर सुरक्षा में चूक और लॉ एंड ऑर्डर के फेल होने का आरोप लगाया है। विपक्ष का कहना है कि अगर एक बड़े राजनेता की हत्या हो सकती है, तो आम जनता कैसे सुरक्षित महसूस करेगी।
लॉरेंस बिश्नोई के जेल के अंदर से नेटवर्क चलाने की बात पर भी राजनीतिक विवाद गहराता जा रहा है। विपक्ष ने सरकार पर जेल में बंद अपराधियों को विशेष सुविधाएं देने का आरोप लगाया है और जांच की मांग की है कि कैसे इतने सुरक्षित जेल से भी सुपारी किलिंग का नेटवर्क चलाया जा रहा है।
साबरमती जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई से मिलने पर रोक
हालांकि वही कहा जा रहा है की , गुजरात की हाई-सिक्योरिटी साबरमती जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई से किसी को मिलने की अनुमति नहीं है। 30 अगस्त 2023 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने CRPC की धारा 268(1) के तहत एक साल तक लॉरेंस को जेल में रखने का आदेश दिया था, जिसमें किसी भी बाहरी व्यक्ति से मुलाकात पर पाबंदी है।
लॉरेंस को 23 अगस्त 2023 को गुजरात पुलिस ने 195 करोड़ रुपये की ड्रग तस्करी मामले में प्रोडक्शन रिमांड पर लिया था। तब से वह साबरमती जेल में कैद है। दिल्ली, मुंबई और अन्य राज्यों की पुलिस भी उसे रिमांड पर लेना चाहती हैं, लेकिन अभी तक किसी को इजाजत नहीं मिली है।
सलमान खान पर बिश्नोई की रंजिश और बढ़ता खौफ
लॉरेंस बिश्नोई का नाम सलमान खान के खिलाफ कई बार सुर्खियों में आया है। 2018 में उसके सहयोगी संपत नेहरा ने सलमान की हत्या की योजना बनाई थी, जिसे पुलिस ने समय रहते नाकाम कर दिया। बिश्नोई समुदाय काले हिरण को पवित्र मानता है, और यही कारण है कि बिश्नोई सलमान खान से रंजिश रखता है।
बाबा सिद्दीकी की हत्या को भी इसी संदर्भ में देखा जा रहा है, क्योंकि उन्होंने सलमान खान के समर्थन में कई मौकों पर खड़े होकर मदद की थी। बाबा सिद्दीकी की हत्या और लॉरेंस बिश्नोई का बढ़ता नेटवर्क देश की सुरक्षा एजेंसियों और सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन चुका है। विपक्ष ने जेल में बंद अपराधियों पर नियंत्रण के अभाव को लेकर सख्त कदम उठाने की मांग की है। इस घटना से साफ है कि सुपारी किलिंग नेटवर्क पर कड़ी निगरानी और जेल प्रशासन की जवाबदेही सुनिश्चित करना जरूरी है। अब देखना यह होगा कि सरकार और सुरक्षा एजेंसियां लॉरेंस बिश्नोई के इस आपराधिक तंत्र पर कैसे नकेल कसती हैं।
सलमान खान और बिश्नोई समाज के बीच विवाद है पुराना
सलमान खान और बिश्नोई समाज के बीच विवाद की जड़ 1998 में काले हिरण के शिकार से जुड़ी है। बिश्नोई समाज, जिसे गुरु जंभेश्वर ने 29 वचनों पर आधारित धार्मिक और पर्यावरणीय नियमों के साथ स्थापित किया, काले हिरण को पवित्र मानता है और उसकी रक्षा को अपना धर्म समझता है। सलमान पर इस मामले में कानूनी कार्यवाही और जेल की सजा होने के बावजूद बिश्नोई समाज ने उन्हें माफ नहीं किया। लॉरेंस बिश्नोई, जो इस समाज से जुड़ा है, ने इसी कारण सलमान खान को अपने निशाने पर लिया। समाज के लिए काले हिरण का संरक्षण धार्मिक आस्था और पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक है।
इस घटना के बाद बिश्नोई समाज ने सलमान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया और उन्हें माफ करने से इनकार कर दिया, भले ही इस मामले में कानूनी कार्रवाई और जेल की सजा हुई। लॉरेंस बिश्नोई, जो इस समाज से जुड़ा है, उसने सलमान खान को सार्वजनिक रूप से धमकी भी दे चुका हैं।
कौन है लॉरेंस बिश्नोई?
32 वर्षीय लॉरेंस बिश्नोई पंजाब के फाजिल्का के धत्तरांवाली गांव का रहने वाला है। संपन्न किसान परिवार में जन्मे लॉरेंस ने अबोहर से 12वीं तक पढ़ाई की और 2010 में चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज में दाखिला लिया। वहां वह स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी (SOPU) का अध्यक्ष बना और छात्र राजनीति में सक्रिय हो गया।
छात्र राजनीति के दौरान ही लॉरेंस के खिलाफ हत्या के प्रयास, मारपीट और चोरी जैसी गतिविधियों में एफआईआर दर्ज होने लगीं। चंडीगढ़ पुलिस ने उसके खिलाफ सात एफआईआर दर्ज कीं, जिनमें से चार में वह बरी हो चुका है। लॉरेंस का कहना है कि वह "हमेशा कुछ बड़ा करने की चाह रखता था"।
अपराध की दुनिया में प्रवेश
लॉरेंस ने कॉलेज के दिनों में खिलाड़ियों और पुलिसकर्मियों के बच्चों को मिलाकर अपना गैंग बनाया। उसका परिचय फाजिल्का के कुख्यात गैंगस्टर जसविंदर सिंह रॉकी से हुआ, जिसने लॉरेंस को अपराध की दुनिया में स्थापित किया। रॉकी की 2016 में हत्या के बाद लॉरेंस का नेटवर्क राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में फैलने लगा।
2018 में उसका नाम तब राष्ट्रीय स्तर पर उछला जब उसके करीबी सहयोगी संपत नेहरा को गिरफ्तार किया गया। नेहरा ने खुलासा किया कि लॉरेंस ने उसे बॉलीवुड स्टार सलमान खान की हत्या की साजिश रचने का निर्देश दिया था।
सलाखों के पीछे से भी जारी आपराधिक गतिविधियां
लॉरेंस बिश्नोई 2014 से जेल में है, लेकिन इसके बावजूद उसका क्राइम नेटवर्क पूरे भारत और विदेशों तक फैला हुआ है। माना जाता है कि उसके गिरोह के लगभग 700 सदस्य हैं, और वह कनाडा में बैठे अन्य गैंगस्टरों के संपर्क में रहता है। पुलिस और जांच एजेंसियों का कहना है कि बिश्नोई ने एक ग्लोबल क्रिमिनल नेटवर्क खड़ा कर लिया है।
सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में संलिप्तता
पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या की साजिश का आरोप भी बिश्नोई पर लगा। गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने हत्या की जिम्मेदारी ली, लेकिन माना जाता है कि बिश्नोई ने जेल से इस पूरी योजना को निर्देशित किया। बिश्नोई का प्रभाव इतना गहरा है कि कई राजनेता और बड़े व्यापारी भी उसके संपर्क में रहे हैं। विभिन्न राज्यों की पुलिस और प्रवर्तन निदेशालय (ED) उसके नेटवर्क को खत्म करने की कोशिश कर रही हैं। बिश्नोई ने अपने नेटवर्क के जरिए महाराष्ट्र, राजस्थान, और पंजाब में जबरन वसूली और हत्या जैसी वारदातें की हैं।
बिश्नोई समुदाय से संबंध
लॉरेंस बिश्नोई का संबंध बिश्नोई समुदाय से है, जो काले हिरण को पवित्र मानता है। इस वजह से वह सलमान खान के खिलाफ भी रुख अपनाए हुए है। बिश्नोई समुदाय मुख्य रूप से राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में फैला है।
लॉरेंस ने खालिस्तान आंदोलन और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का खुलकर विरोध किया है। उसका कहना है कि वह शहीद भगत सिंह, गुरु जंभेश्वर और भगवान हनुमान को अपना आदर्श मानता है।
लॉरेंस बिश्नोई का नेटवर्क और गतिविधियां भारत में कई एजेंसियों के लिए गंभीर चिंता का विषय बनी हुई हैं, खासकर सिद्धू मूसेवाला की हत्या और सलमान खान को टारगेट करने की धमकियों के बाद। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा साबरमती जेल में बिश्नोई से पूछताछ में खुलासा हुआ कि उसने कई प्रमुख व्यक्तियों को निशाना बनाने की योजना बनाई थी।
बिश्नोई की हिट लिस्ट के प्रमुख नाम:
1. सलमान खान
सलमान खान को बिश्नोई ने अपने टॉप टारगेट में रखा है। यह दुश्मनी 1998 के काले हिरण शिकार मामले से जुड़ी बताई जाती है, जिसमें बिश्नोई समुदाय हिरण को पवित्र मानता है।
2. शगनप्रीत सिंह
सिद्धू मूसेवाला के मैनेजर शगनप्रीत पर आरोप है कि उसने विक्की मिड्दुखेड़ा के हत्यारों को पनाह दी थी। बिश्नोई, मिड्दुखेड़ा की मौत का बदला लेने के लिए उसे निशाना बनाना चाहता है।
3. मंदीप धारीवाल
बिश्नोई का मानना था कि मंदीप ने बंबीहा गैंग के साथ मिलकर मिड्दुखेड़ा के हत्यारों की मदद की। धारीवाल की फिलीपींस में हत्या हो चुकी है, जिसकी जिम्मेदारी गोल्डी बराड़ गैंग ने ली थी।
4. अमित डागर
गुरुग्राम में बंद अमित डागर भी बिश्नोई के निशाने पर है। उस पर मिड्दुखेड़ा की हत्या में शामिल होने और कई अन्य आपराधिक गतिविधियों का आरोप है।
5. कौशल चौधरी
बिश्नोई का कट्टर दुश्मन कौशल चौधरी, जो गुरुग्राम जेल में बंद है, पर भी बंबीहा गैंग का साथ देने और मिड्दुखेड़ा के हत्यारों को हथियार मुहैया कराने का आरोप है।
लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ जैसे गैंगस्टर्स के नेटवर्क पर एजेंसियां पैनी नज़र रख रही हैं, क्योंकि ये गिरोह आपसी दुश्मनियों के चलते लगातार हिंसक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। NIA की जांच इस नेटवर्क को कमजोर करने और भविष्य की हिंसा को रोकने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
कानून और सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती
लॉरेंस बिश्नोई का नाम हर बड़े अपराध में सामने आना पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के लिए गंभीर चुनौती है। जेल में बंद होने के बावजूद वह अपने नेटवर्क के जरिए देश-विदेश में अपराधों को अंजाम देता है।
पप्पू यादव ने दी खुली चुनौती
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या को लेकर राजनीतिक विवाद के बीच बिहार के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को चुनौती दी है। पप्पू यादव ने 'X' पर कहा, "अगर कानून अनुमति दे तो मैं 24 घंटे में बिश्नोई के अपराध नेटवर्क को खत्म कर दूंगा।"
पप्पू यादव द्वारा दी गई चुनौती ने एक बार फिर लॉरेंस बिश्नोई की गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित किया है। सवाल यह है कि कब तक कानून और एजेंसियां बिश्नोई के इस अपराधी साम्राज्य पर नकेल कस पाएंगी।
इस प्रकरण से साफ है कि आपराधिक गिरोहों को सिर्फ जेल में बंद करने से समाधान नहीं होता। अपराध को जड़ से खत्म करने के लिए पुलिस और एजेंसियों को संगठित नेटवर्क पर सख्ती से कार्रवाई करनी होगी।