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ड्राइविंग लाइसेंस बनने का बदला न‍ियम, 16 से 18 वर्ष के बच्चों के बिना गियर वाले ड्राइविंग लाइसेंस पर बढ़ी सख्ती

ड्राइविंग लाइसेंस बनने का बदला न‍ियम, 16 से 18 वर्ष के बच्चों के बिना गियर वाले ड्राइविंग लाइसेंस पर बढ़ी सख्ती

सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के क्रम में शासन ने 16 से 18 वर्ष के बच्चों के बिना गियर वाला ड्राइविंग लाइसेंस पर सख्ती बढ़ा दी है। अब अभ्यर्थी या उनके स्वजन के नाम पर वाहन पंजीकृत होने पर ही बिना गियर वाला ड्राइविंग लाइसेंस जारी होगा। इस लाइसेंस के लिए भी 50 सीसी (क्यूबिक सेंटीमीटर) से कम क्षमता वाले मोपेड या स्कूटर ही अधिकृत हैं। परिवहन विभाग 50 सीसी से कम क्षमता वाले वाहनों को ही बिना गियर वाला मानता है। और उसके लिए ही 16 से 18 वर्ष तक के बच्चों को बिना गियर वाला ड्राइविंग लाइसेंस जारी करता है। दरअसल, सोसाइटी आफ इंडियन आटोमोबाइल्स मैन्यूफेक्चरर्स (सियाम) ने शासन को अवगत करा दिया है कि उसने 50 सीसी से कम क्षमता वाले दो पहिया वाहनों का निर्माण ही बंद कर दिया है।

सियाम की इस जानकारी, शासन की सख्ती और परिवहन विभाग के नियमों ने प्रत्यक्ष तो नहीं लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से बिना गियर वाला ड्राइविंग लाइसेंस जारी करना ही बंद कर दिया है। जानकारों का कहना है कि जब 50 सीसी से कम क्षमता वाले वाहन ही नहीं है तो लाइसेंस किसके लिए।हालांकि, शासन का कहना है कि अगर अभ्यर्थी या उनके स्वजन के नाम से 50 सीसी से कम क्षमता वाला दो पहिया वाहन पंजीकृत है तो बिना गियर वाला ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जा सकता है।

लेकिन 50 सीसी से अधिक क्षमता वाले वाहनों के लिए बिना गियर वाला ड्राइविंग लाइसेंस जारी नहीं किए जाएंगे। जिले में 16 से 18 वर्ष तक के बच्चों के नाम 50 सीसी से कम क्षमता वाले दो पहिया वाहन हैं ही नहीं। अगर किसी के स्वजन के नाम पंजीकृत हैं वह चलने लायक नहीं (अनफिट) हैं। फिलहाल गोरखपुर में लाइसेंस बनने लगभग बंद ही हो गए हैं। नाबालिग का पहले से ही भारी वाहन चलाने पर रोक है। ऐसे में अब नाबालिग अधिकृत रूप से कोई भी वाहन नहीं चला सकते हैं।

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