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हुक्का प्रेमियों के लिए बड़ी खबर, हुक्का BAN को लेकर हाई कोर्ट का आया बड़ा फैसला

हुक्का प्रेमियों के लिए बड़ी खबर, हुक्का BAN को लेकर हाई कोर्ट का आया बड़ा फैसला
 

हाई कोर्ट ने भोपाल कलेक्टर के उस आदेश के क्रियान्वयन अंतरिम रोक लगा दी जिसके जरिए शहर में संचालित हुक्का बार व लाउंज के संचालन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने गृह विभाग के प्रमुख सचिव, कलेक्टर भोपाल, पुलिस कमिश्नर व नगर निगम आयुक्त को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया है। मामले की अगली सुनवाई 28 नवंबर को निर्धारित की गई है।

 

 

याचिकाकर्ता भोपाल में क्यूजिल कल्चर के प्रोपराइटर अनमोल बलवानी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ, जुबिन प्रसाद व प्रभांशु चतुर्वेदी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि कलेक्टर ने 14 अक्टूबर, 2022 को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लागू कर शहरभर में हुक्का बार व लाउंज के संचालन पर प्रतिबंध लगा दिया था।

दलील दी गई कि अति आवश्यक परिस्थितियों में ही ऐसा आदेश जारी किया जा सकता है।

यह कार्रवाई एसीएस के उस बयान के बाद की गई जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रदेश में हुक्का बार पर प्रतिबंध के लिए नया कानून लाएंगे। याचिका में कहा गया कि पूर्व में भी हाईकोर्ट ने इस तरह के प्रतिबंधित आदेश को अनुचित करार दिया था। हाई कोर्ट ने सभी बिंदुओं पर गौर करने के बाद अंतरिम आदेश के जरिए प्रतिबंध आदेश पर रोक लगा दी।

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मनचाहे ट्रांसफर लेने के बाद भी कैंसिल करा सकेंगे; 5 नवंबर के पहले जारी होंगे आदेश

मध्यप्रदेश में इस साल करीब 24 हजार शिक्षकों को उनकी मनचाही जगह पर ट्रांसफर किया गया। इसके बाद अब कई शिक्षक इसे रद्द करना चाहते हैं। बड़ी संख्या को देखते हुए अब स्कूल शिक्षा विभाग ने ऐसे शिक्षकों को ट्रांसफर कैंसिल करने का विकल्प दे दिया है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा।

स्कूल शिक्षा विभाग जल्द ही इस संबंध में 5 नवंबर के पहले आदेश जारी कर देंगे, क्योंकि ट्रांसफर होने वाले शिक्षकों को 5 नवंबर तक नई पोस्टिंग लेना है। पहली बार स्कूल शिक्षा विभाग की नई ऑनलाइन ट्रांसफर नीति के तहत ट्रांसफर हुए हैं। शिक्षकों को बिना कहीं भटके सिर्फ ऑनलाइन आवेदन कर अपनी मनचाही जगह पर ट्रांसफर मिला है।

43 हजार शिक्षकों ने आवेदन किए थे

स्कूल शिक्षा विभाग ने 22 अक्टूबर 2022 को नई ट्रांसफर नीति 2022 के तहत शिक्षकों के ट्रांसफर आदेश जारी कर दिए हैं। स्कूल एजुकेशन पोर्टल पर 43 हजार 118 ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए थे। स्कूल शिक्षा विभाग के अनुसार 9 हजार 681 प्राथमिक शिक्षक, 8 हजार 96 माध्यमिक शिक्षक, 3 हजार 835 उच्च माध्यमिक शिक्षक एवं अन्य 1 हजार 923 शिक्षकों के ट्रांसफर किए गए हैं।

कई शिक्षकों ने ट्रांसफर कैंसिल कराने की इच्छा जताई थी

स्कूल शिक्षा विभाग के अनुसार बड़ी संख्या में शिक्षकों ने जिला शिक्षा अधिकारियों से ट्रांसफर कैंसिल कराने के लिए कहा। इसे देखते हुए ऐसे शिक्षकों को अब कैंसिल करने का ऑप्शन दिया है। जो अब ट्रांसफर नहीं चाहते हैं, उनका ओदश निरस्त कर उन्हें पहले की पदस्थापना दी जाएगी।

ऑनलाइन ट्रांसफर प्रक्रिया की विशेषता यह रही कि इसमें 70% शिक्षकों को उनके द्वारा चाहे गए पहले एवं दूसरे विकल्प वाले स्थान पर ट्रांसफर मिला है। 86% शिक्षकों को पहले से पांचवें विकल्प के बीच उपलब्ध स्थान प्राप्त हुए हैं। 944 शिक्षकों के म्यूचुअल ट्रांसफर हुए हैं। बता दें, म्यूचुअल ट्रांसफर दो कर्मचारियों की आपसी सहमति से होता है। कर्मचारी जोन बदलने के लिए आवेदन देते हैं। इस पर अमल करते हुए कर्मियों का तबादला किया जाता है।

स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा था कि जिन शिक्षकों को इस बार स्थानान्तरण का अवसर नहीं मिल पाया है, उनके लिए आने वाले सालों में इस प्रकार की प्रक्रिया दोबारा प्रारंभ की जाएगी। पूरी पारदर्शिता के साथ विभागीय ट्रांसफर नीति के तहत ट्रांसफर प्राप्त करने का अवसर दिया जाएगा।

स्कूल शिक्षा विभाग ने राज्य, संभाग और जिला स्तर पर शिक्षा विभाग के शिक्षकों के लिए विभागीय ट्रांसफर नीति की समय सारणी निर्धारित कर ऑनलाइन आवेदन मांगे थे। 30 सितंबर से 10 अक्टूबर 2022 तक ट्रांसफर के इच्छुक शिक्षकों ने स्कूल शिक्षा विभाग के पोर्टल में ऑनलाइन आवेदन लॉक किए थे। विभागीय ट्रांसफर नीति की निर्धारित समय सारणी के अनुसार 22 अक्टूबर तक ट्रांसफर आदेश जारी होने थे। स्कूल शिक्षा विभाग ने विभागीय ट्रांसफर नीति पर कुशल क्रियान्वयन करते हुए नियत तिथि 22 अक्टूबर को शिक्षकों के ट्रांसफर आदेश जारी कर दिए हैं। निर्धारित समय सारणी के अनुसार भारमुक्ति एवं कार्यभार ग्रहण करने संबंधी समस्त कार्यवाही 5 नवंबर 2022 तक की जाएगी।

मंत्री के चक्कर लगाने से मना किया था

मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग में ट्रांसफर किए जाने के आदेश जारी होते ही शिक्षकों द्वारा नेताओं और मंत्रियों के यहां लगाई अर्जी लगाई जाने लगी थी। इसे देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग को आदेश तक जारी करना पड़ा था। इसमें कहा गया था कि सिर्फ ऑनलाइन आवेदन करने वालों को ही ट्रांसफर प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा। नेता और मंत्रियों के यहां आवेदन करने से कुछ नहीं होगा।

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