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न्यूरो संबंधी बीमारियां:जानिए लक्षण कारण और निजात

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न्यूरो संबंधी बीमारियां:जानिए लक्षण कारण और निजात

न्यूरो सम्बंधित समस्याओं का सामना करना काफी मुश्किल है, लोगों के लिए इसके अलावा इस समस्या से कैसे हम खुद का बचाव कर सकते है और किन बातो का ध्यान रखना इसमें जरूरी होता है इसके बारे में बात करेंगे इसलिए इसको जानने के लिए आर्टिकल के साथ अंत तक जरूर से बने रहें।

क्या है न्यूरो सम्बंधित बीमारियां ?

न्यूरोलोजी संबंधी बीमारियों में आमतौर पर बोलने में अंतर का आना शारीरिक असंतुलन शरीर में अकड़न कमजोरी याददाश्त में कमी उठने बैठने चलने में परेशानी शरीर में कंपन मांसपेशियों का कठोर होना निगलने में कठिनाई आदि लक्षण पाए जाते हैं। न्यूरो संबंधी अधिकांश बीमारियों का इलाज प्रारंभिक अवस्था में पाना संभव होता है।

तो तंत्रिका विकार या न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर आमतौर पर नर्वस सिस्टम को प्रभावित करने वाले वायरल जीवाणु कवक और परजीवी संक्रमण के कारण होते हैं, जिन्हें न्यूरो सम्बंधित बीमारियां की श्रेणी में शामिल किया जाता है तो वहीं नर्वस सिस्टम की बीमारियों में अल्जाइमर रोग डिमेंशिया मिर्गी सेरेब्रोवास्कुलर बीमारियां जैसे माइग्रेन स्ट्रोक और अन्य सिरदर्द शामिल होते हैं। 

यदि आपको भी न्यूरो सम्बंधित समस्याओं या बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है तो इससे निजात पाने के लिए बेस्ट न्यूरोसर्जन  का चयन करें।

न्यूरो सम्बंधित समस्याओं के लक्षण क्या है ?

सिर गर्दन पीठ या शरीर के विभिन्न अंगों में दर्द का होना।  

अंगों का फड़कना या झुनझुनी और कमजोरी का होना। 

आंखों की रोशनी का कमजोर होना चक्कर आना और बोलने या निगलने में परेशानी का सामना करना। 

दौरे पड़ना अंगों का मरोड़ना और बार-बार बेहोश होना। 

मांसपेशियों में अकड़न कपकपी याददाश्त या मानसिक क्षमता का कमजोर होना आदि।

न्यूरो सम्बंधित समस्याओं या बीमारियों से कैसे पाएं निजात ?

न्यूरोसर्जन मस्तिष्क की चोटों, ट्यूमर को हटाने और कार्पल टनल सिंड्रोम से निजात दिलवाते हैं। दोनों चिकित्सक अपने रोगियों के उचित इलाज के लिए मिलकर काम करते हैं और आवश्यकतानुसार चिकित्सा और शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं को इकट्ठा करते हैं।

न्यूरोलॉजिकल डिस्ऑर्डर में रोगों के लिए कोई त्वरित (जल्दी) समाधान नहीं है लेकिन रोगी की अच्छी देखभाल उसे लंबे समय तक स्वस्थ रख सकती है

प्रभावी उपचार के लिए एक अच्छे न्यूरोलॉजिस्ट से परामर्श लें वही न्यूरोलॉजिकल स्थिति को जानने के लिए न्यूरोलॉजिस्ट को कई तरह के परीक्षण करने पड़ सकते हैं। वही कुछ मामलों में उन्हें गंभीर परिस्थितियों में ऑपरेशन करने के लिए न्यूरोसर्जन या इंटरवेंशनल न्यूरोलॉजिस्ट के मदद की जरूरत हो सकती है। 

एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि इस रोग में किसी को घबराना नहीं चाहिए और जरूरी भावनात्मक समर्थन और देखभाल की व्यवस्था करनी चाहिए क्युकि ऐसे मामलों में कई बार लोग ठीक भी हो जाते हैं। 

निष्कर्ष 

अगर आपको भी न्यूरो सम्बंधित समस्याओं ने परेशान कर रखा है तो इससे निजात पाने के लिए किसी अच्छे डॉक्टर का चयन करें क्युकी अगर आप इसके शुरुआती लक्षणों को ध्यान में रख के इसका उपचार कराएंगे तो आपको आपकी परेशानी का हल जल्दी मिल जाएगा। इसलिए इसके लक्षण को नज़रअंदाज़ न करें और किसी भी तरह की दवाई को लेने से पहले डॉक्टर से जरूर सलाह ले।

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