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क्या पाकिस्तान में चुनाव होंगे?- इमरान खान का दावा

क्या पाकिस्तान में चुनाव होंगे?- इमरान खान का दावा

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का बड़ा दावा। चुनावों को लेकर जनरल बाजवा और राष्ट्रपति अल्वी ने की चर्चा। मौजूदा सरकार पर लगाया गंभीर आरोप।

 

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने दावा किया कि राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने तत्काल और पारदर्शी चुनाव के मुद्दे पर बातचीत के लिए सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से मुलाकात की है।

 

इससे पहले राष्ट्रपति अल्वी ने कहा कि वह अगले सेना प्रमुख की उच्चस्तरीय नियुक्ति के संबंध में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सलाह के अनुसार निर्णय लेंगे। अल्वी ने कहा कि वह इस बहुप्रतीक्षित प्रक्रिया में अवरोध पैदा नहीं कर सकते है।

जियो न्यूज ने सूत्रों के हवाले से खबर दी कि खान ने लाहौर में वरिष्ठ पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत में दावा किया, जहां उन्होंने अगले सेना प्रमुख की नियुक्ति के बारे में भी बात की। मालूम हो कि जनरल बाजवा 29 नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।

इमरान खान का बड़ा दावा 

सूत्रों के अनुसार इमरान खान ने कहा, ‘सशस्त्र बलों के प्रमुख की नियुक्ति उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश की तरह होनी चाहिए।’ 

खबर के अनुसार, इमरान खान ने यह भी कहा कि मौजूदा सरकार अपने फायदे के लिए सेना अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन कर रही है।

इमरान खान का कहना है कि सेना अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जाएगी। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने लाहौर में जनरल बाजवा से मुलाकात नहीं की है।

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अफगानिस्तान में अमेरिका के छोड़े हथियारों से हम पर हमले कर रहे आतंकी

अमेरकी सैनिकों की पिछले साल अफगानिस्तान से वापसी हो गई थी। अमेरिकी सैनिक अपने पीछे लगभग सात अरब डॉलर के सैन्य उपकरण छोड़ गए थे। यह जानकारी अमेरिका के रक्षा विभाग ने खुद साझा की थी। हालांकि, इसे लेकर रक्षा विभाग का तर्क था कि ये हथियार इस्तेमाल करने की स्थिति में नहीं थे।

पाकिस्तान: पाकिस्तान के एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने दावा किया है कि 2021 में अफगानिस्तान की धरती से अमेरिकी सेनाओं की वापसी के बाद से पाकिस्तानी सुरक्षाबलों पर हमले बढ़े हैं।

उन्होंने कहा कि आतंकी अफगानिस्तान में अमेरिकी सेनाओं के छोड़े गए आधुनिक हथियारों से हमला कर रहे हैं।

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सुरक्षाबलों पर इन्हीं हथियारों से हमले किए जा रहे हैं। अमेरिकी फौजें लगभग 20 सालों तक अफगानिस्तान में मोर्चा संभाले हुई थी। लेकिन अगस्त 2021 तक सभी अमेरिकी सैनिकों की अफगानिस्तान से वापसी हो गई थी।

इसके बाद से अफगानिस्तान में तालिबान का शासन जारी है। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के इंस्पेक्टर जनरल मोआज्जिम जेह अंसारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिकी फौजों की रवानगी के दौरान उन्होंने जो हथियार छोड़े थे, उन्हीं आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल खैबर पख्तूनख्वा में आतंकी गतिविधियों में किया जा रहा है।

रिपोर्ट के मुताबक, आतंकियों ने अमेरिकी सेनाओं द्वारा छोड़े गए आधुनिक हथियारों से खैबर पख्तूनख्वा पुलिस के खिलाफ जंग छेड़ दी है। उनका बयान सुरक्षाबलों पर आतंकियों के लगातार बढ़ रहे हमलों के बीच आया है।

अमेरिका ने सात अरब डॉलर के सैन्य उपकरण अफगानिस्तान में छोड़े

अमेरकी सैनिकों की पिछले साल अफगानिस्तान से वापसी हो गई थी। अमेरिकी सैनिक अपने पीछे लगभग सात अरब डॉलर के सैन्य उपकरण छोड़ गए थे। यह जानकारी अमेरिका के रक्षा विभाग ने खुद साझा की थी।

हालांकि, इसे लेकर रक्षा विभाग का तर्क था कि ये हथियार इस्तेमाल करने की स्थिति में नहीं थे। रिपोर्ट के मुताबिक, इंस्पेक्टर जनरल ने कहा है कि जब अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा हो गया तो अफगानिस्तान की जेलों में बंद कई आतंकियों को रिहा कर दिया गया।

अंसारी ने युद्धग्रस्त अफगानिस्तान से सटे खैबर पख्तूनख्वाह के आतंकवाद का सफाया करने की भी प्रतिबद्धता जताई है। खैबर पख्तूनख्वा में पुलिस वैन पर आतंकियों की गोलीबारी की घटना में गुरुवार को छह पुलिसकर्मियों की मौत हो गई।

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