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इमरान खान ने पाकिस्तान में किया चरमपंथी अथाॅरिटी का गठन

इमरान खान
इमरान खान का मानना है कि इस्लाम की सच्ची शिक्षाओं का पालन किए बिना देश आगे नहीं बढ़ सकता क्योंकि पाकिस्तानी समाज को आगे बढ़ने से रोकने के लिए कुछ चीजें उसमें शामिल हैं

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे से इमरान खान कितने खुश हैं, यह किसी से छिपा नहीं है। इमरान खान अक्सर इस कट्टरवादी इस्लामिक समूह की शान में कसीदे गढ़ते दिखाई दे रहे हैं। इससे यह संकेत पहले ही मिल चुका है कि वह पाकिस्तान को भी उसी दिशा में आगे बढ़ाना चाहते हैं। इमरान खान का मानना है कि इस्लाम की सच्ची शिक्षाओं का पालन किए बिना देश आगे नहीं बढ़ सकता क्योंकि पाकिस्तानी समाज को आगे बढ़ने से रोकने के लिए कुछ चीजें उसमें शामिल हैं।

इमरान खान ने अब इस राह पर कदम आगे बढ़ाने भी शुरू कर दिए हैं। उन्होंने दुनियाभर में इस्लाम की सही तस्वीर पेश करने की अगुवाई खुद करते हुए रहमतुल लील आलमीन अथॉरिटी के गठन का ऐलान किया। उन्होंने इसका असली मकसद भी साफ कर दिया और कहा कि इस अथॉरिटी का काम पाकिस्तान की शिक्षा व्यवस्था को शरिया के मुताबिक बदलना है। विशेषज्ञों की मानें तो इमरान खान ने देश में एक तरह से तालिबान की नींव रख दी है।

इमरान के इस फैसले ने साफ जाहिर कर दिया है वह पाकिस्तान को किस दिशा में ले जाना चाह रहे हैं। इमरान का असली मकसद इस अथॉरिटी के जरिए पाकिस्तान की शिक्षा व्यवस्था को शरिया के मुताबिक बदलना है। इमरान खान का मानना है कि इस्लाम की सच्ची शिक्षाओं का पालन किए बिना देश आगे नहीं बढ़ सकता क्योंकि पाकिस्तानी समाज को आगे बढ़ने से रोकने के लिए कुछ चीजें उसमें शामिल हैं।

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दरअसल, करीब दो महीने पहले बंदूक के दम पर अफगानिस्तान पर कब्जा जमाने वाले कट्टरपंथी संगठन तालिबान की शुरुआत भी छात्र संगठन के रूप में हुई थी। यह चरमपंथी संगठन भी खुद को इस्लाम का पैरोकार और शरिया का पालनकर्ता बताते हैं। शरिया के नाम पर क्रूरता करने वाले इस चरमपंथी संगठन की इमरान जिस तरह तारीफ करते हैं, उससे इस आशंका को बल मिलता है कि इमरान भी उसी राह पर चल सकते हैं।

इस्लामाबाद में आयोजित अशरा-ए-रहमतुल लील आलमीन (PBUH) को संबोधित करते हुए इमरान खान ने इसे देश के विकास से जोड़ा। इमरान ने कहा कि अपने नैतिक मूल्यों को कम करके कोई भी देश तरक्की नहीं कर सकता है। कई विद्वान इस अथॉरिटी का हिस्सा होंगे। इस अथॉरिटी का एक काम दुनिया को यह बताना होगा कि असल में इस्लाम क्या है।

ये विद्वान इस अथॉरिटी का हिस्सा होंगे, जो स्कूलों के पाठ्यक्रम की निगरानी करेंगे। इमरान खान ने कहा, वे हमें बताएंगे कि क्या पाठ्यक्रम को बदलने की जरूरत है। देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा में नाकाम रहे इमरान ने यह भी कहा कि दूसरे धर्मों की भी शिक्षा दी जाएगी। इमरान खान ने यह भी साफ किया कि मीडिया और सोशल मीडिया भी शरिया जानकारों के मुताबिक चलना होगा। उन्होंने कहा कि एक विद्वान मीडिया और सोशल मीडिया से जुड़े मुद्दों को देखेगा।

इमरान खान ने कहा कि अथॉरिटी को अपनी संस्कृति के मुताबिक कार्टून भी बनाने का काम दिया जाएगा। उन्होंने कहा, कार्टून हमारे बच्चों को विदेशी संस्कृति दिखा रहे हैं। हम उन्हें रोक नहीं सकते हैं, लेकिन उन्हें विकल्प दे सकते हैं। इमरान खान ने कहा कि अथॉरिटी पाकिस्तानी समाज पर पश्चिमी सभ्यता के फायदे नुकसान का भी आकलन करेगा। उन्होंने कहा, जब आप देश में पश्चिमी सभ्यता लाते हैं, इसका आकलन करने की भी जरूरत है कि इसका हमें क्या नुकसान हो रहा है।

छात्र संगठन के रूप में हुई थी तालिबान की शुरुआत -
अगर तालिबान के इतिहास की बात करें तो तालिबान एक कट्टरपंथी संगठन है इसकी शुरुआत भी छात्र संगठन के रूप में हुई थी, ये भी खुद को इस्लाम का पैरोकार और शरिया का पालनकर्ता बताते हैं। वहीं इमरान ने कई जगहों पर अहिंसा का समर्थन किया है लेकिन शरिया के नाम पर क्रूरता करने वाले संगठन की इमरान तारीफ करते देखे गए हैं। इससे साफ पता चलता है कि वह अपने देश को भी तालिबान के रास्ते पर ले जाता चाहते हैं।

रहमतुल लील आलमीन अथॉरिटी में शामिल होंगे विद्वान-
इमरान खान ने इस्लामाबाद में ‘अशरा-ए-रहमत-उल-लिल-अलामिन’ सम्मेलन को संबोधित किया और इस दौरान उन्होंने कहा कि इस नई अथॉरिटी में विद्वानों को शामिल किया जाएगा और इनको इस बात पर शोध करने का काम सौंपा जाएगा कि बच्चों और वयस्कों के बीच पैगंबर की शिक्षाओं को कैसे फैलाया जाए। साथ ही दुनिया को यह बताना होगा कि असल में इस्लाम क्या है?

पाक पीएम इमरान खान ने कहा कि इस अथॉरिटी के जरिए स्कूलों के पाठ्यक्रम की निगरानी की जाएगी। साथ ही अथॉरिटी का हिस्सा होने वाले विद्वान ये हमें बताएंगे कि क्या पाठ्यक्रम को बदलने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने कहा कि कि इस अथॉरिटी के जरिए दूसरे धर्मों की भी शिक्षा दी जाएगी।

कार्टून दिखा रहे विदेशी संस्कृति-
इमरान खान ने कहा कि अथॉरिटी को अपनी संस्कृति के मुताबिक कार्टून बनाने का काम भी दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कार्टून हमारे बच्चों को विदेशी संस्कृति दिखा रहे हैं। हम उन्हें रोक नहीं सकते हैं, लेकिन उन्हें विकल्प दे सकते हैं।  

साथ ही कहा इमरान खान ने कहा कि अथॉरिटी पाकिस्तानी समाज पर पश्चिमी सभ्यता के फायदे नुकसान का भी आकलन करेगा। उन्होंने कहा कि जब आप देश में पश्चिमी सभ्यता लाते हैं, इसका आकलन करने की भी जरूरत है कि इसका हमें क्या नुकसान हो रहा है। बता दें कि शरिया कानून दुनिया का सबसे खतरनाक कानून है इसमें चोरी करने वाले इंसान के दोनों हाथ काट दिए जाते हैं।

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