Recession 2022: कर्मचारियों की छंटनी का H-1B वीजा धारकों पर पड़ेगा असर, अमेजन के फाउंडर ने भी दी चेतावनी

आर्थिक मंदी के बीच अमेजन के फाउंडर जेफ बेजोस ने लोगों को चेतावनी दी है। बेजोस ने अमेरिकी परिवारों से कहा कि वे नई कार और टीवी न खरीदें क्योंकि अमेरिका मंदी के दौर से गुजर रहा है।
Recession: आइटी कंपनी का नाम सुनने के बाद ये सभी महसूस करते है कि इस सेक्टर में सैलरी ग्रोथ बहुत जल्दी होती हैं। आइटी सेक्टर (IT Sector) की कई बड़ी कंपनियां अपने कर्मचारियों को बड़ी रकम वाली सैलरी के साथ-साथ लग्जरी जिंदगी भी देती हैं।
आइटी कंपनियों को मुनाफा अपने ही कर्मचारियों के जरिए होता है लेकिन जब इन कपंनियों को नुकसान होने लगता है तो ये कंपनियां बिना सोचे -समझे भारी मात्रा में अपने कर्माचारियों को बाहर का रास्ता दिखा देती है।
ऐसा ही कुछ इस समय हो रहा है। इस समय ट्विटर खूब सुर्खियों में है क्योंकि कंपनी ने 50 फीसदी से भी ज्यादा अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकाल (Layoff) दिया है।
ट्विटर (Twitter) के अलावा अन्य कंपनी भी कर रही फायर
मेटा यानी फेसबुक, सिस्को, अमेजन और नेटफ्लिक्स की कंपनियों ने भी अपने कर्माचारियों को निकालना शुरू कर दिया है। जो कंपनी घाटे में जा रही हो, तो उस दौरान कंपनी अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकाल देती है, इसे ले-ऑफ भी कहा जाता है।
इसी कड़ी में अब अमेजन (Amazon) के फाउंडर जेफ बेजोस (Jeff Bazos) ने लोगों को चेताया है। जेफ बेजोस ने उपभोक्ताओं और व्यवसायों को चेतावनी दी है कि उन्हें आने वाले महीनों में बड़ी खरीदारी स्थगित करने पर विचार करना चाहिए, क्योंकि आर्थिक मंदी आ सकती है।
जेफ बेजोस (Jeff Bezos) ने क्या कहा
आर्थिक मंदी को लेकर जेफ बेजोस ने लोगों को आगाह किया है कि आने वाले फेस्टिवल सीजन को देखते हुए बड़ी खरीदारी से खुद को बचाए। एक इंटरव्यू के दौरान जेफ ने कहा कि उपभोक्ताओं को अपने पैसों को बचाने की सलाह दी है।
इसके अलावा उन्होंने लोगों से जरूरत से ज्यादा या अनावश्यक खर्च करने से बचने की सलाह भी दी है। अमेरिकियों को सलाह देते हुए उन्होंने ये भी कहा कि महंगी कारों और टीवी जैसी महंगी चीजों को खरीदने से बचें।
बेजोस ने अमेरिकी परिवारों से कहा कि वे नई कार और टीवी न खरीदें क्योंकि अमेरिका मंदी के दौर से गुजर रहा है। बता दें कि अमेरिका में घरेलू कर्ज बढ़कर 16.5 ट्रिलियन डॉलर हो गया है।
और अमेरिकी अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए क्रेडिट पर निर्भर हो गए हैं। उन्होंने कहा कि "आप अपना पैसा बचाकर रखें और देखें कि आगे क्या होता है।
ये नियम ऑटोमोबाइल, रेफ्रिजरेटर, या बाकी चीजों पर भी लागू होता है। जेफ ने कहा कि पैसे बचाकर आप आर्थिक मंदी के जोखिम से खुद को बचा सकते हैं। अगर हम इससे भी गंभीर आर्थिक संकट में पड़ते हैं, तो समस्याओं को देखते हुए संभावनाओं की तलाश कर सकते हैं"।
H1B वीजा (H1B Visa) पर पड़ेगा असर?
आर्थिक मंदी की आशंका के बीच रोजगारों पर पड़े असर से अमेरिका के एच1बी वीजा (H1B Visa)की चमक अब फीकी पड़ती जा रही है। बता दें कि भारतीय समेत अन्य विदेशी पेशेवरों में इस वीजा की मांग बहुत ज्यादा है।
आर्थिक मंदी के कारण एच1बी वीजा के प्रति उत्साह कम पड़ने का एक मुख्य कारण ये भी है कि अमेरिका की मेटा और ट्विटर कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है।
इन कंपनियों में काम करने वाले एच-1बी वीजा कर्मचारियों के सामने अब बड़ा संकट आ गया है। नौकरी से हाथ धो बैठे कर्मचारियों में भारतीय नागरिक शामिल हैं, जिनके पास एच-1 बी वीजा है।
इसी वीजा के आधार पर वे अमेरिका में रह रहे है। कपंनियों में नोकरी से निकाल देने के बाद अब इनके पास केवल दो महीने है और इन्हीं दो महीनों के भीतर एच-1बी वीजा होल्डर्स को दूसरी नौकरी ढूंढनी होगी या फिर वापस स्वदेश लौटना होगा।
H-1B वीजा (H1B Visa) क्या और इसके नियम
H-1B वीजा (H1B Visa) एक नॉन-इमिग्रेंट वीजा है। इस वीजा के साथ कर्मचारी अमेरिकी कंपनियों के लिए तीन से छह साल तक काम कर सकते हैं। इस वीजा के आधार पर विदेशी नागरिक अमेरिकी कंपनियों में काम करते हैं।
इस वीजा का एक नियम है जिसके मुताबिक, अमेरिका में अगर कोई व्यक्ति नौकरी खो देता है या कंपनी निकाल देती है, तो उसे 60 दिनों के भीतर दूसरी नौकरी ढूंढनी पड़ती है। अमेरिका में आर्थिक मंदी के कारण अब आइटी सेक्टर हायरिंग बंद कर चुकी है। ऐसे में नौकरी गंवा चुके भारतीयों के सामने बड़ी समस्या आ गई है।