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अमेरिका के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय ने सिख छात्रों के संबंध में लिया बड़ा फैसला

अमेरिका के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय ने सिख छात्रों के संबंध में लिया बड़ा फैसला

प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय ने सिख छात्रों को कृपाण रखने की अनुमति दी। कृपाण को कपड़ों के अंदर छिपा कर रखना होगा, 3 इंच से ज्यादा न हो लंबाई। यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलाइना ने लिया फैसला, बयान जारी

 

न्यूयॉर्क: अमेरिका के एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय ने सिख छात्रों की आस्था को देखते हुए बड़ा फैसला लिया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने घोषणा की है कि वह सिख छात्रों को परिसर में कृपाण धारण करने की अनुमति देगा।

 

 

गौरतलब है कि सिख धर्म में कृपाण एक धार्मिक वस्तु है। सिखों के लिए कृपाण रखना आस्था का विषय है।

 

 

विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह कदम करीब दो महीने पहले कृपाण रखने की वजह से चार्लोट में यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलाइना के एक छात्र को हथकड़ी लगाए जाने की घटना का वीडियो वायरल होने के बाद उठाया है।

 

 

यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलाइना ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि छात्रों को परिसर में कृपाण धारण करने की अनुमति दी जाएगी, बशर्ते कृपाण के ब्लेड की लंबाई तीन इंच से ज्यादा न हो और ‘‘इसे हर वक्त कपड़ों के अंदर शरीर से चिपकाकर रखा जाए।’’

 

 

बयान में कहा गया है,‘‘विविधता तथा समावेशन कार्यालय ने इंस्टिट्यूशनल इंटीग्रिटी के सहयोग से हमारे पुलिस विभाग में इस सप्ताह अतिरिक्त जागरूकता प्रशिक्षण भी दिया और परिसर में सभी को सांस्कृतिक शिक्षा तथा प्रशिक्षण के अवसर देने के लिए काम किया जाता रहेगा।’’

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विश्वविद्यालय ने इस कदम में मदद देने के लिए गैर लाभकारी संगठन ‘द सिख कोलिशन’ और ‘ग्लोबल सिख काउंसिल’ समेत सिख नेताओं का आभार व्यक्त किया।

विश्वविद्यालय प्रशासन के इस फैसले के बाद सिख छात्र भी खुश हैं। अब वो परिसर के अंदर भी अपने साथ कृपाण रख सकते हैं। बशर्ते कृपाण रखने को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइंस को उन्हें पालन करना होगा।

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चीन को फिर चुनौती! फिलीपीन के द्विपीय प्रांत का दौरा करेंगी कमला हैरिस

रविवार को अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिल फिलिपीन के लिए रवाना होंगी। इस दौरान फिलिपीन की रक्षा को लेकर अमेरिकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करेंगी।सोमवार को कमला हैरिस राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर से मुलाकात करेंगी।

मनीला: अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस रविवार से शुरू होने वाली फिलीपीन की अपनी यात्रा के दौरान उसकी रक्षा की अमेरिकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करेंगी। हैरिस फिलीपीन की अपनी इस यात्रा के दौरान एक द्विपीय प्रांत पालावान भी जाएंगी।

जिसका एक तट विवादित दक्षिण चीन सागर से लगा हुआ है। अमेरिका, चीन पर दक्षिण चीन सागर के छोटे दावेदार देशों को धमकाने का आरोप लगाता रहा है।

अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यात्रा से पहले एक ऑनलाइन ब्रीफिंग में कहा कि थाईलैंड में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद, हैरिस रविवार रात मनीला के लिए उड़ान भरेंगी।

और सोमवार को राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर से मुलाकात करेंगी। अधिकारी ने कहा कि इस बातचीत का उद्देश्य एशिया में वाशिंगटन के सबसे पुराने संधि गठबंधन को मजबूत करना और आर्थिक संबंधों को मजबूत करना है।

हैरिस ने कहा कि थाईलैंड की उनकी यात्रा ‘काफी सफल’ रही। उन्होंने जलवायु परिवर्तन पर एक गोलमेज बैठक में रविवार दोपहर इस क्षेत्र के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता दोहरायी।

जलवायु कार्यकर्ताओं, नागरिक समाज के सदस्यों और उद्योग जगत के दिग्गजों के पैनल ने स्वच्छ ऊर्जा पर चर्चा की और जलवायु परिवर्तन से मेकांग नदी को उत्पन्न खतरे के बारे में बात की।दक्षिण पूर्व एशिया में छह करोड़ से अधिक लोग भोजन, पानी और परिवहन के लिए इस नदी का उपयोग करते हैं।

हैरिस ने घोषणा की कि अमेरिका की इस क्षेत्र में जापान-अमेरिका मेकांग ऊर्जा साझेदारी के जरिए स्वच्छ ऊर्जा के लिए दो करोड़ डॉलर तक की राशि मुहैया कराने की योजना है। हैरिस अपनी उड़ान से पहले, एक स्थानीय बाजार में रुकीं और दुकानदारों के साथ बातचीत की। 

वह मंगलवार को मछुआरों, ग्रामीणों, अधिकारियों और तट रक्षकों से मिलने के लिए दक्षिण चीन सागर के तट पर स्थित पालावन प्रांत के लिए उड़ान भरेंगी।

दक्षिण चीन सागर विवाद में चीन, फिलीपीन, वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान शामिल हैं। फिलीपीन के तटरक्षक प्रवक्ता कमोडोर आर्मंड बालिलो के अनुसार, फिलीपीन तटरक्षक पलावन में अपने सबसे बड़े गश्ती जहाजों में से एक, बीआरपी टेरेसा मैगबानुआ पर हैरिस का स्वागत करेगा।

हैरिस वहां भाषण भी देंगी। अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि हैरिस दक्षिण चीन सागर में अंतरराष्ट्रीय कानून, अबाधित वाणिज्य और नौवहन की स्वतंत्रता के महत्व को रेखांकित करेंगी।

अधिकारी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि चीन इस यात्रा को जिस भी रूप में देखना चाहे देख सकता है, लेकिन वाशिंगटन का संदेश यह है कि हिंद-प्रशांत के एक सदस्य के रूप में अमेरिका इस क्षेत्र में अपने सहयोगियों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। 

वाशिंगटन में फिलीपीन के राजदूत जोस मैनुअल रोमुअलडेज़ ने कहा कि हैरिस की पालावन की यात्रा एक सहयोगी के लिए अमेरिका के समर्थन और विवादित समुद्र में चीन की कार्रवाइयों पर चिंता के स्तर को दर्शाती है।

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